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-[[सुभाष चंद्र बोस]]
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+[[लाला लाजपत राय]]
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||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|150px|right|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान् क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले [[लाला लाजपत राय]] को 'पंजाब केसरी' भी कहा गया है। [[इटली]] के क्रांतिकारी ज्यूसेपे मेत्सिनी को लालाजी अपना आदर्श मानते थे। किसी पुस्तक में उन्होंने जब मेत्सिनी का भाषण पढ़ा तो उससे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मेत्सिनी की जीवनी पढ़नी चाही। वह [[भारत]] में उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने उसे इंग्लैण्ड से मंगवाया। मेत्सिनी द्वारा लिखी गई अभूतपूर्व पुस्तक ‘ड्यूटीज ऑफ़ मैन’ का लाला लाजपत राय ने [[उर्दू]] में अनुवाद किया। इस [[पांडुलिपि]] को उन्होंने [[लाहौर]] के एक पत्रकार को पढ़ने के लिए दिया। उस पत्रकार ने उसमें थोड़ा बहुत संशोधन किया और अपने नाम से छपवा दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|100px|right|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान् क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले [[लाला लाजपत राय]] को 'पंजाब केसरी' भी कहा गया है। [[इटली]] के क्रांतिकारी ज्यूसेपे मेत्सिनी को लालाजी अपना आदर्श मानते थे। किसी पुस्तक में उन्होंने जब मेत्सिनी का भाषण पढ़ा तो उससे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मेत्सिनी की जीवनी पढ़नी चाही। वह [[भारत]] में उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने उसे इंग्लैण्ड से मंगवाया। मेत्सिनी द्वारा लिखी गई अभूतपूर्व पुस्तक ‘ड्यूटीज ऑफ़ मैन’ का लाला लाजपत राय ने [[उर्दू]] में अनुवाद किया। इस [[पांडुलिपि]] को उन्होंने [[लाहौर]] के एक पत्रकार को पढ़ने के लिए दिया। उस पत्रकार ने उसमें थोड़ा बहुत संशोधन किया और अपने नाम से छपवा दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
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