"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 275": अवतरणों में अंतर
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{त्रैवार्षिकी [[भारत]] (अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी) का प्रारंभ किस वर्ष से हुआ? | {त्रैवार्षिकी [[भारत]] (अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी) का प्रारंभ किस वर्ष से हुआ? | ||
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||[[ललित कला अकादमी]] हर तीसरे वर्ष कला त्रैवार्षिकी (त्रिनाले इंडिया) का आयोजन [[दिल्ली]] में करता है जो अंतर्राष्ट्रीय [[चित्रकला]] प्रदर्शनी होती है। इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा वर्ष [[1968]] से ही हो रहा है। | ||[[ललित कला अकादमी]] हर तीसरे वर्ष कला त्रैवार्षिकी (त्रिनाले इंडिया) का आयोजन [[दिल्ली]] में करता है जो अंतर्राष्ट्रीय [[चित्रकला]] प्रदर्शनी होती है। इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा वर्ष [[1968]] से ही हो रहा है। | ||
{[[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा मंदिर]] किससे बना है? | {[[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा मंदिर]] किससे बना है? | ||
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-ग्रीन ग्रेनाइट | -ग्रीन ग्रेनाइट | ||
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||[[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा का जैन मंदिर माउंट आबू]] (सिरोही, राजस्थान) में स्थित है। इनमें सबसे प्रसिद्ध विमल वासाही मंदिर है। चालुक्य शासक भीमदेव प्रथम (1022-1064 ई.) के सामंत विमल शाह ने इसे बनवाया था। यहां के मंदिर संगमरमर (मकराना मार्बल) की नक़्क़ाशी से सुसज्जित हैं। | ||[[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा का जैन मंदिर माउंट आबू]] (सिरोही, राजस्थान) में स्थित है। इनमें सबसे प्रसिद्ध विमल वासाही मंदिर है। चालुक्य शासक भीमदेव प्रथम (1022-1064 ई.) के सामंत विमल शाह ने इसे बनवाया था। यहां के मंदिर संगमरमर (मकराना मार्बल) की नक़्क़ाशी से सुसज्जित हैं। | ||
{लोककला पर कौन-सी शैली आधारित है? | {लोककला पर कौन-सी शैली आधारित है? | ||
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-[[मुगल कालीन चित्रकला|मुग़ल]] | -[[मुगल कालीन चित्रकला|मुग़ल]] | ||
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||[[बसोहली चित्रकला]] चित्र शैली लोककला शैली पर आधारित थी। बसौली शैली में कश्मीर की भित्ति चित्र शैली लंबे अर्से से चली आ रही लोककला शैली और [[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]] व मुग़ल शैली का समंवय दिखाई पड़ता है। इन शैलियों के प्रभाव से बसौली में एक मिश्रित शैली का विकास हुआ। | ||[[बसोहली चित्रकला]] चित्र शैली लोककला शैली पर आधारित थी। बसौली शैली में कश्मीर की भित्ति चित्र शैली लंबे अर्से से चली आ रही लोककला शैली और [[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]] व मुग़ल शैली का समंवय दिखाई पड़ता है। इन शैलियों के प्रभाव से बसौली में एक मिश्रित शैली का विकास हुआ। | ||
{पहाड़ी चित्रकला में 'रस मंजरी' का अंकन किस शैली में हुआ? | {पहाड़ी चित्रकला में 'रस मंजरी' का अंकन किस शैली में हुआ? | ||
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-[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]] | -[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]] | ||
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||'रस मंजरी' का अंकन बसौली चित्रशैली में किया गया है। कृपाल पाल के समय के मुख्य [[चित्रकार]] भानुदत्त ने 'रस मंजरी' की एक सचित्र प्रति की रचना की जो इस शैली की सबसे पहली चित्रित प्रति है। बसौली शैली का सर्वोत्तम विकास कृपाल पाल के समय हुआ। | ||'रस मंजरी' का अंकन बसौली चित्रशैली में किया गया है। कृपाल पाल के समय के मुख्य [[चित्रकार]] भानुदत्त ने 'रस मंजरी' की एक सचित्र प्रति की रचना की जो इस शैली की सबसे पहली चित्रित प्रति है। बसौली शैली का सर्वोत्तम विकास कृपाल पाल के समय हुआ। | ||
{[[शांतिनिकेतन]] में किस विषय की पढ़ाई नहीं होती है? | {[[शांतिनिकेतन]] में किस विषय की पढ़ाई नहीं होती है? | ||
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-[[चित्रकला]] | -[[चित्रकला]] |
11:54, 20 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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