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| {| class="bharattable-green" width="100%"
| | प्रमुख शिक्षाशास्त्री और कृषि की उन्नति के क्षेत्र में अग्रणी पंजाब राव देशमुख का जन्म 27 नवंबर 1898 ई. को तत्कालीन मध्य प्रदेश के अमरावती जिले में पपल गाँव में हुआ था। गाँव में आरंभिक शिक्षा के बाद वे पूना के फरग्यूसन काँलेज में भर्ती हुए। फिर 1920 में उनके पिता रामराव ने अपनी संपत्ति गिरवी रख कर पुत्र को उच्च शिक्षा के लिये इंगलैंड भेज दिया। वहाँ से पंजाब राव डी.फिल.और कानून की डिग्री लेकर 1926 में अमरावती वापस आ गए। 1927 में सत्यशोधक समाज की रीति से विमला वैध के साथ उनका विवाह हुआ। विमला ने भी शिक्षा पूरी करने के बाद अनेक महिला संगठनो में काम किया और बाद में रज्यसभा की सदस्य चुनी गयी थीं। |
| |-
| | पंजाब राव देशमुख आरंभ से ही सार्वजनिक कार्यो में रुचि लेने लगे थे। 1927 में वे अमरावती जिला कौंसिल के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने उसी समय सब सार्वजनिक कुएँ हरिजन के लिये खोल दिये थे। 1930 में वे सी.पी. बरार की लेजिस्लेचर के सद्स्य और वहाँ के शिक्षा मंत्री बने। 1931 में उन्होंने शिवाजी एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की। इस संस्था की उन्नति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पंजाब राव देशमुख की मृत्यु के समय (1968) इस संस्था के अंतर्गत 28 काँलेज 40 लडको के हाई स्कूल और 14 ग्रामीण शिक्षा संस्थान काम कर रहे थे। साथ ही उन्होंने " युवा कृषक लीग" राष्ट्रिय पिछ्डा वर्ग संगठन आदि संस्थाओ की भी स्थापना की। |
| | valign="top"|
| | सर्किय राजनीति में भाग लेते हुए पंजाब राव देशमुख 1952, 1957 और 1962 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस पूरी अवधि में वे केंद्र सरकार में कृषि मंत्री रहे। उन्होंने कृषि संबंधी सम्मेलनो में समय-समय पर वाशिंगटन,रोम, रुस, कैरो आदि में भारतीय प्रतिनिधिमंडलो का नेतृत्व किया। कांग्रस संगठन के सदस्य वे जीवन के अंत बने रहे। 1968 में पंजाब राब देशमुख का देहांत हो गया। |
| {| width="100%"
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| <quiz display=simple>
| |
| {निम्न में से किस अनुच्छेद में यह प्रावधान है कि "[[भारत]] की [[संसद]] [[राष्ट्रपति]] और दोनों सदनों से मिलकर बनती है। निचले सदन को [[लोकसभा]] और उच्च सदन को [[राज्यसभा]] कहते हैं।"(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-215
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 42
| |
| -अनुच्छेद 46
| |
| +अनुच्छेद 79
| |
| -अनुच्छेद 80
| |
| | |
| {निम्न में से कौन-सी विशेषता [[अमरीका]] के संविधान से ग्रहण नहीं की गई है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-225
| |
| |type="()"}
| |
| -लिखित संविधान
| |
| -संघीय शासन व्यवस्था
| |
| -[[सर्वोच्च न्यायालय]]
| |
| +[[भारत का संविधान- राष्ट्रपति के विधायी अधिकार|राष्ट्रपति के अधिकार]]
| |
| | |
| {[[संविधान संशोधन- 52वाँ|52वाँ संविधान संशोधन]] निम्न में से किससे सम्बन्धित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-337
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुसूचित जाति व जनजाति
| |
| -शिक्षा
| |
| +दल-बदल पर क़ानूनी रोक
| |
| -[[राज्य|राज्यों]] के निर्माण
| |
| | |
| {किस [[संविधान संशोधन]] में यह प्रावधान किया गया कि '[[अरुणाचल प्रदेश]] की पंचायतों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण की आवश्यकता नहीं है?'(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-347
| |
| |type="()"}
| |
| +[[संविधान संशोधन- 83वाँ|83वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 93वाँ|93वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 44वाँ|44वाँ संशोधन]]
| |
| | |
| {कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इसका निर्णय कौन करता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-476
| |
| |type="()"}
| |
| -[[राष्ट्रपति]]
| |
| -[[उपराष्ट्रपति]]
| |
| -[[प्रधानमंत्री]]
| |
| +[[लोकसभा अध्यक्ष]]
| |
| | |
| {राष्ट्रीय नीति निर्धारण के तहत किस विषय को राज्य सूची से निकालकर समवर्ती सूची में डाल दिया गया है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-745
| |
| |type="()"}
| |
| -[[पर्यावरण]]
| |
| -वन
| |
| -स्वास्थ्य
| |
| +शिक्षा
| |
| | |
| {द्विदलीय प्रणाली पाई जाती है-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-691;प्रश्न-281
| |
| |type="()"}
| |
| -[[भारत]]
| |
| -कनाडा
| |
| +[[ब्रिटेन]] और [[अमरीका]]
| |
| -[[ऑस्ट्रेलिया]]
| |
| | |
| {"लोक प्रशासन वह प्रशासन है जिनका सम्बंध केन्द्रीय या स्थानीय शासन की क्रियाओं से होता है।" यह परिभाषा किसने दी है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-810,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| +पर्सी मेक्कीन
| |
| -मेरी पार्कट फ़ालेट
| |
| -मायो
| |
| -मैकग्रेगार
| |
| | |
| {वैज्ञानिक प्रबंध को किस प्रकार की क्रांति माना जाता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-151
| |
| |type="()"}
| |
| +मानसिक क्रांति
| |
| -सामाजिक क्रांति
| |
| -औद्योगिक क्रांति
| |
| -उपरोक्त सभी
| |
| | |
| {राजनीतिक सिद्धांत में मध्यम वर्ग का सिद्धांत किसने दिया?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-129
| |
| |type="()"}
| |
| -[[प्लेटो]]
| |
| +[[अरस्तू]]
| |
| -हाब्स
| |
| -[[कार्ल मार्क्स]]
| |
| | |
| | |
| | |
| {[[संविधान]] में लिखित ये वाक्य कि "कोई व्यक्ति विधि के प्राधिकार के बिना अपनी सम्पति से वंचित नहीं किया जाएगा।" किस अनुच्छेद में है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-216
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 210
| |
| +अनुच्छेद 300
| |
| -अनुच्छेद 215
| |
| -अनुच्छेद 140
| |
| | |
| {[[भारतीय संविधान]] की प्रस्तावना में 'अखण्डता' शब्द को किस [[संविधान संशोधन]] द्वारा जोड़ा गया?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-226
| |
| |type="()"}
| |
| +[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 44वाँ|44वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 46वाँ|46वाँ संशोधन]]
| |
| -उपर्युक्त सभी
| |
| | |
| {किस [[संविधान संशोधन]] द्वारा यह प्रावधान किया गया कि विधायकों के चुनाव सम्बंधी विवादों को [[उच्च न्यायालय]] द्वारा निपटाया जा सकता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-338
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संविधान संशोधन- दसवाँ|10वाँ संशोधन]]
| |
| +[[संविधान संशोधन- 19वाँ|19वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 26वाँ|26वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वाँ संशोधन]]
| |
| | |
| {प्रत्येक दो [[वर्ष]] पश्चात [[राज्य सभा]] के कितने सदस्य पदनिवृत हो जाते हैं?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-467
| |
| |type="()"}
| |
| -2/3
| |
| -1/4
| |
| +1/3
| |
| -निश्चित नहीं
| |
| | |
| {[[विधान सभा|राज्य विधान सभा]] की अधिकतम अवधि कितनी होती है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-610
| |
| |type="()"}
| |
| -6 वर्ष
| |
| +5 वर्ष
| |
| -4 वर्ष
| |
| -निश्चित नहीं
| |
| | |
| {प्रत्यायोजित विधान क्या है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-746
| |
| |type="()"}
| |
| +[[विधान मण्डल]] द्वारा प्रत्यायोजित शक्ति के अधीन व्यक्ति का निकायों द्वारा बनाये गये नियम, परिनियम ओदश व उपलब्धियां।
| |
| -शक्तियों का हस्तांतरण
| |
| -[[विधान मण्डल]] द्वारा पारित आदेश
| |
| -उपर्युक्त सभी
| |
| | |
| {कार्यकारी मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-871
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 241
| |
| -अनुच्छेद 245
| |
| +अनुच्छेद 223
| |
| -अनुच्छेद 220
| |
| | |
| {"प्रशासन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनुष्य तथा सामग्री दोनों का संगठन है।" निम्न में से यह किसका विचार है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-810,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -विलोबी
| |
| -एल. डी. ह्वाइट
| |
| +नीग्रो
| |
| -मैक्स वेबर
| |
| | |
| {'पेपर ऑन द साइंस ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन' (Paper on The Science of Administration) किस [[वर्ष]] प्रकाशित हुई? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-152
| |
| |type="()"}
| |
| -[[1910]]
| |
| -[[1900]]
| |
| +[[1937]]
| |
| -[[1987]]
| |
| | |
| {[[भारत के राजनीतिक दल|राजनीतिक दल]] निम्न में से किस व्यवस्था के लिए आवश्यक है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-691;प्रश्न-277
| |
| |type="()"}
| |
| -तानाशाही
| |
| -निरंकुशतंत्र
| |
| +लोकतंत्र
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| | |
| | |
| | |
| {[[संविधान]] के अनुच्छेद 270, 273, 275 तथा 280 किससे सम्बंधित हैं? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-217
| |
| |type="()"}
| |
| -[[राष्ट्रपति]]
| |
| -वित्त आयोग
| |
| +[[राज्यपाल]]
| |
| -[[चुनाव आयोग]]
| |
| | |
| {कनाडा के संविधान से निम्न में से क्या लिया गया है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-739,प्रश्न-227
| |
| |type="()"}
| |
| -[[भारत का संविधान- मूलभूत अधिकार|मौलिक अधिकार]]
| |
| +संघात्मक स्वरूप
| |
| -[[भारत का संविधान- राज्य के नीति निर्देशक तत्व|नीति निर्देशक तत्त्व]]
| |
| -[[भारत का संविधान- आपात उपबंध|आपातकालीन शक्तियाँ]]
| |
| | |
| {[[भारतीय संविधान]] में सर्वप्रथम संशोधन किस [[वर्ष]] हुआ?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-340
| |
| |type="()"}
| |
| -[[1952]]
| |
| +[[1951]]
| |
| -[[1950]]
| |
| -[[1949]]
| |
| | |
| {धन विधेयक कहाँ पेश किये जाते हैं?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-468
| |
| |type="()"}
| |
| +[[लोक सभा]]
| |
| -[[राज्य सभा]]
| |
| -दोनों में पेश किया जा सकता है
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[विधान सभा]] के अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाता है-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-611
| |
| |type="()"}
| |
| +सदन द्वारा
| |
| -[[राज्यपाल]] द्वारा
| |
| -[[मुख्यमंत्री]] द्वारा
| |
| -[[उपराष्ट्रपति]] द्वारा
| |
| | |
| {"[[भारत]] में अधिकांश संघीय केन्द्रीयकरण संवैधानिक विधि के ढाँचे के बाहर हुआ है। यह किसका मत है?"(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-747
| |
| |type="()"}
| |
| -रैम्जे योर
| |
| -लास्की
| |
| -आस्टिन
| |
| +एस.पी. अय्यर
| |
| | |
| {[[उच्च न्यायालय|उच्च न्यायालयों]] के अधिकार क्षेत्र किस अनुच्छेद में वर्णित हैं?यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-872
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 220
| |
| +अनुच्छेद 225
| |
| -अनुच्छेद 230
| |
| -अनुच्छेद 245
| |
| | |
| {'द एडमिनिस्ट्रेटिव स्टेट' (The Administrativa State) के रचयिता कौन हैं? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-810,प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| +ड्वाइड वाल्डो
| |
| -टेलर
| |
| -विलोबी
| |
| -ईमाइल दुर्खीम
| |
| | |
| {"लोक प्रशासन का सम्बंध 'कार्यपालिका' से है।" यह किसका विचार है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-153
| |
| |type="()"}
| |
| +लूथर गुलिक
| |
| -उर्विक
| |
| -एल. डी. ह्वाइट
| |
| -विल्सन
| |
| | |
| {[[अरस्तू]] के अनुसार आदर्श राज्य में कितने वर्ग होंगे?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-131
| |
| |type="()"}
| |
| -चार
| |
| -पाँच
| |
| +छ:
| |
| -सात
| |
| | |
| | |
| | |
| {निम्न में से कौन-सा प्रावधान [[संविधान]] के अनुच्छेद 360 में है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-218
| |
| |type="()"}
| |
| -[[राज्य|राज्यों]] में आपात काल
| |
| +संघ में आपात काल
| |
| -वित्तिय आपात काल
| |
| -उपरोक्त सभी
| |
| | |
| {[[सर्वोच्च न्यायालय]] ने सबसे पहले यह किस वाद में स्वीकार किया था कि प्रस्तावना [[संविधान]] का भाग है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-739,प्रश्न-228
| |
| |type="()"}
| |
| -केशवानन्द केस
| |
| +बेरूबारी के वाद में
| |
| -गोलकनाथ केस
| |
| -शाहबानो केस
| |
| | |
| {[[राष्ट्रपति]] के निर्वाचक मण्डल में [[दिल्ली]] तथा [[पांडिचेरी]] की विधान सभाओं के सदस्यों को किस संशोधन द्वारा शामिल किया गया?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-341
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संविधान संशोधन- 69वाँ|69वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 44वाँ|44वाँ संशोधन]]
| |
| +[[संविधान संशोधन- 70वाँ|70वाँ संशोधन]]
| |
| | |
| {एक वित्त विधेयक के पेश करने के पश्चात कितने दिनों के अन्दर [[संसद]] को स्वीकारना पड़ता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-469
| |
| |type="()"}
| |
| -14
| |
| -30
| |
| +75
| |
| -15
| |
| | |
| {[[मुख्यमंत्री]] की नियुक्ति कौन करता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-763,प्रश्न-624
| |
| |type="()"}
| |
| +[[राज्यपाल]]
| |
| -[[प्रधानमंत्री]]
| |
| -[[राष्ट्रपति]]
| |
| -[[भारत के मुख्य न्यायाधीश|मुख्य न्यायाधीश]]
| |
| | |
| {किस विद्वान ने भारतीय संघ व्यवस्था का व्यावहारिक अध्ययन विशेषतर नियोजन के परिपेक्ष्य में किया है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-748
| |
| |type="()"}
| |
| -मारिस जोंस
| |
| -अशोक चन्द्रा
| |
| +उपरोक्त दोनों
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {किसी [[उच्च न्यायालय]] के न्यायधीश को किस अनुच्छेद द्वारा दूसरे [[न्यायालय]] में स्थानातंरित किया जाता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-873
| |
| |type="()"}
| |
| +अनुच्छेद 222
| |
| -अनुच्छेद 240
| |
| -अनुच्छेद 210
| |
| -अनुच्छेद 245
| |
| | |
| {"नीति निर्माण ही लोक प्रशासन है।" निम्न में से यह किसका कथन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-810,प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| -रूमकी बास
| |
| +पाल एच. एपलबी
| |
| -टेलर
| |
| -फेयोल
| |
| | |
| {[[भारत]] के [[नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक]] की नियुक्ति कौन करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-862;प्रश्न-827
| |
| |type="()"}
| |
| -[[प्रधानमंत्री]]
| |
| -[[सर्वोच्च न्यायालय]] का न्यायाधीश
| |
| +[[राष्ट्रपति]]
| |
| -[[राज्यपाल]]
| |
| | |
| {[[अरस्तू]] के आदर्श राज्य में वृद्धावस्था में नागरिक किस प्रकार का कार्य करेंगे?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-132
| |
| |type="()"}
| |
| -सैनिक कार्य
| |
| +[[पुरोहित]] कार्य
| |
| -शासन कार्य
| |
| -उपर्युक्त सभी
| |
| | |
| | |
| | |
| {संघ तथा [[राज्य|राज्यों]] की विधायी शक्तियों का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-219
| |
| |type="()"}
| |
| +अनुच्छेद 246
| |
| -अनुच्छेद 248
| |
| -अनुच्छेद 199
| |
| -अनुच्छेद 170
| |
| | |
| {प्रस्तावना में 'समाजवाद' शब्द किस [[वर्ष]] जोड़ा गया था?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-229
| |
| |type="()"}
| |
| -[[1977]]
| |
| -[[1974]]
| |
| -[[1978]]
| |
| +[[1976]]
| |
| | |
| {निम्न में से किस [[प्रधानमंत्री]] के काल में सर्वाधिक [[संविधान संशोधन]] हुए?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-342
| |
| |type="()"}
| |
| +[[इंदिरा गाँधी|श्रीमती इंदिरा गांधी]]
| |
| -[[जवाहरलाल नेहरू]]
| |
| -[[अटल बिहारी वाजपेयी]]
| |
| -[[मोरारजी देसाई]]
| |
| | |
| {[[राज्य सभा]] का विधान नहीं होगा, यह किस अनुच्छेद में वर्णित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-470
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 81
| |
| -अनुच्छेद 82
| |
| +अनुच्छेद 83
| |
| -अनुच्छेद 85
| |
| | |
| {[[विधान परिषद]] के कितने सदस्य नगर पालिकाओं व ज़िला बोर्ड द्वारा चुने जाते हैं?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-613
| |
| |type="()"}
| |
| -1/2
| |
| -1/4
| |
| +1/3
| |
| -2/3
| |
| | |
| {"भारतीय संघ अधिक-से-अधिक अर्द्धसंघ है।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-749
| |
| |type="()"}
| |
| -के. टी. शाह
| |
| +डी. डी. बसु
| |
| -लॉस्की
| |
| -के. सी. ह्वीयर
| |
| | |
| {[[उच्च न्यायालय]] के न्यायधीशों को अयोग्यता और दुर्व्यवहार के आधार पर हटाया जा सकता है-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-874
| |
| |type="()"}
| |
| -[[उपराष्ट्रपति]] द्वारा
| |
| +[[संसद]] की अनुशंसा पर [[भारत]] के [[राष्ट्रपति]] द्वारा
| |
| -[[राज्यपाल]] द्वारा
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[भारत]] की संचित निधि का सृजन [[भारत का संविधान|संविधान]] के किस अनुच्छेद द्वारा किया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-862;प्रश्न-828
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 166
| |
| -अनुच्छेद 190
| |
| +अनुच्छेद 266
| |
| -अनुच्छेद 300
| |
| | |
| {'मॉडर्न मैनेजमेंट फ़ॉर द सिटी ऑफ़ न्यू यॉर्क' (Modern Management For The City of New York) किसकी रचना है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-155
| |
| |type="()"}
| |
| -फ्रैंक गुडनाऊ
| |
| -विल्सन
| |
| -ह्वाइट
| |
| +लूथर गुलिक
| |
| | |
| {[[अरस्तू]] का आदर्श राज्य [[प्लेटो]] के आदर्श राज्य से इस रूप से भिन्न है कि-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-133
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अरस्तू]] का आदर्श राज्य एक आदर्श मात्र ही होगा।
| |
| -अरस्तू का आदर्श राज्य परिवर्तनकारी होगा।
| |
| -अरस्तू का आदर्श राज्य अव्यवहारिक होगा।
| |
| +[[अरस्तू]] का आदर्श राज्य व्यवहारिक होगा।
| |
| | |
| | |
| | |
| {[[भारतीय संविधान]] की प्रस्तावना का विचार निम्न में से किस देश से लिया गया है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-220
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ब्रिटेन]]
| |
| +[[अमरीका]]
| |
| -[[फ़्राँस]]
| |
| -कनाडा
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| | |
| {[[1976]] में जो [[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वाँ संविधान संशोधन]] हुआ था, उसे कब लागू किया गया?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-230
| |
| |type="()"}
| |
| -[[10 अप्रैल]], [[1976]]
| |
| -[[1 जनवरी]], [[1978]]
| |
| +[[3 जनवरी]], [[1977]]
| |
| -उपर्युक्त कोई नहीं
| |
| | |
| {[[संविधान संशोधन- 73वाँ|73वाँ संविधान संशोधन]] सम्बंधित है-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-343
| |
| |type="()"}
| |
| +[[पंचायती राज|पंचायती राज्य व्यवस्था]] से
| |
| -नगर पालिका से
| |
| -प्राथमिक शिक्षा से
| |
| -महिला आरक्षण से
| |
| | |
| {"प्रत्येक [[राज्य]] को [[लोक सभा]] में स्थानों का आवंटन ऐसी रीति से किया जाएगा कि स्थानों की संख्या से उस राज्य की जनसंख्या का अनुपात सभी राज्यों के लिए यथासाध्य एक ही हो।" निम्न में से किस अनुच्छेद में यह प्रावधान है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-471
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 80 (1)
| |
| +अनुच्छेद 81 (2)
| |
| -अनुच्छेद 85 (2)
| |
| -अनुच्छेद 90 (3)
| |
| | |
| {किस [[राज्य]] में [[विधान सभा]] के सबसे अधिक सदस्य हैं?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-614
| |
| |type="()"}
| |
| -[[गुजरात]]
| |
| -[[जम्मू-कश्मीर]]
| |
| -[[मध्य प्रदेश]]
| |
| +[[उत्तर प्रदेश]]
| |
| | |
| {"अनेक महत्त्वपूर्ण विद्धानों ने [[भारतीय संविधान]] को अर्द्ध संघात्मक कह तो दिया है, किंतु उसका तात्पर्य समझने की कोशिश नहीं की है। संविधान या तो संघीय होता या फिर एकात्मक।" अशोक चन्द्रा ने यह किस पुस्तक में लिखा है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-750
| |
| |type="()"}
| |
| -फेडरलिज़्म
| |
| +फेडरलिज़्म इन इण्डिया
| |
| -फेडरलिज़्म एण्ड बिवेहयर
| |
| -उपर्युक्त कोई नहीं
| |
| | |
| {[[उच्च न्यायालय]] की स्वाधिकृत राज्यक्षेत्रों में आदर्श (रिट) जारी करने की शक्ति किस अनुच्छेद से संबंधित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-875
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 220
| |
| -अनुच्छेद 225
| |
| -अनुच्छेद 242
| |
| +अनुच्छेद 226
| |
| | |
| {लोक प्रशासन का सम्बंध अन्य समाज विज्ञानों से जोड़ने वाले पहले विचारक कौन हैं?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-810,प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| -टेलर
| |
| +सिजविक
| |
| -[[कार्ल मार्क्स]]
| |
| -फेयोल
| |
| | |
| {'द एलिमेंट ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन' (The Element of Administration) किसकी रचना है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-156
| |
| |type="()"}
| |
| -लूथर गुलिक
| |
| -रिग्स
| |
| +उर्विक
| |
| -साइमन
| |
| | |
| {[[अरस्तू]] के आदर्श राज्य में प्रभुसत्ता किसमें निहित होगी?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-134
| |
| |type="()"}
| |
| -न्याय
| |
| +क़ानून
| |
| -समानता
| |
| -स्वतंत्रता
| |
| | |
| | |
| | |
| {[[सर्वोच्च न्यायालय]] ने निम्न में से किस केस में यह व्यवस्था की थी कि प्रस्तावना [[संविधान]] का मुख्य आधार है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-221
| |
| |type="()"}
| |
| -गोलक नाथ केस
| |
| +केशवानन्द भारती बनाम [[केरल|केरल राज्य]]
| |
| -शाहबानो केस
| |
| -उपर्युक्त कोई नही
| |
| | |
| {[[भारतीय संविधान]] की प्रस्तावना में [[भारत]] को घोषित किया गया है एक-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-231
| |
| |type="()"}
| |
| -पूर्ण प्रभुत्व धर्म निरपेक्ष समाजवादी
| |
| +पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी धर्म निरक्षेप
| |
| -पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक
| |
| -उपर्युक्त सभी
| |
| | |
| {[[संविधान संशोधन- 74वाँ|74वाँ संविधान संशोधन]] किससे सम्बंधित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-344
| |
| |type="()"}
| |
| -पंचायत राज्य से
| |
| -शिक्षा से
| |
| -[[राज्य|राज्यों]] के निर्माण से
| |
| +नागरपालिकाओं से
| |
| | |
| {[[राज्य सभा]] का सदस्य बनने की आयु सीमा कम-से-कम क्या होगी?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-472
| |
| |type="()"}
| |
| -25 [[वर्ष]]
| |
| -35 वर्ष
| |
| +30 [[वर्ष]]
| |
| -40 वर्ष
| |
| | |
| {[[राष्ट्रपति]] के चुनाव में [[राज्य]] के किस सदन के सदस्यों की भूमिका होती है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-615
| |
| |type="()"}
| |
| -[[विधान परिषद]]
| |
| +[[विधान सभा]]
| |
| -उपर्युक्त दोनों
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[संसद]] में बजट को कितनी अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-862;प्रश्न-826
| |
| |type="()"}
| |
| -4
| |
| +5
| |
| -6
| |
| -10
| |
|
| |
| {दो [[राज्य|राज्यों]] या [[केंद्रशासित प्रदेश|केंद्रशासित प्रदेशों]] के लिए संयुक्त उच्च न्यायालय की व्यवस्था की जाती है-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-876
| |
| |type="()"}
| |
| -[[राष्ट्रपति]] द्वारा
| |
| -[[प्रधानमंत्री]] द्वारा
| |
| -[[लोकसभा]] द्वारा
| |
| +[[संसद]] द्वारा क़ानून बनाकर
| |
| | |
| {सरकार का ध्यान किसी विशिष्ट शिकायत की ओर आकृष्ट करने के लिए कौन-सा प्रस्ताव रखा जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-861;प्रश्न-825
| |
| |type="()"}
| |
| -अविश्वास प्रस्ताव
| |
| -कटौती प्रस्ताव
| |
| +प्रतीक कटौती प्रस्ताव
| |
| -ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
| |
| | |
| {"प्रशासन मानवीय व्यवहार से संबंधित है और मनोविज्ञान उसे समझने में हमारी सहयता करता है।" यह किसका विचार है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-157
| |
| |type="()"}
| |
| -हजबर्ग
| |
| +मैकग्रेगार
| |
| -लास्की
| |
| -मेरी पार्कर फालेट
| |
| | |
| {"[[अरस्तू]] आदर्श राज्य पर नहीं बल्कि [[राज्य|राज्यों]] के आदर्शों पर पुस्तक लिखता है।" यह कथन निम्न में से किसका है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-135
| |
| |type="()"}
| |
| +सेबाईन
| |
| -जावेट
| |
| -बार्कर
| |
| -फोस्टर
| |
| | |
| | |
| | |
| {"समूचे [[संविधान]] का निचोड़ हमें प्रस्तावना में ही मिल जाता है।" यह किसका कथन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-222
| |
| |type="()"}
| |
| +के. सुब्बाराव
| |
| -के. सी. ह्वीयर
| |
| -के. टी. शाह
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {किस देश के संविधान से [[भारतीय संविधान]] का कोई सम्बंध नहीं है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-232
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अमरीका]]
| |
| -[[ब्रिटेन]]
| |
| -कनाडा
| |
| +[[चीन]]
| |
| | |
| {[[संविधान संशोधन- 93वाँ|93वाँ संविधान संशोधन]] किससे सम्बंधित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-345
| |
| |type="()"}
| |
| +प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकारों में सम्मिलित किये जाने से
| |
| -[[राज्यपाल]] की नियुक्ति से
| |
| -[[राष्ट्रपति]] की शक्तियों से
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[राज्य सभा]] की संरचना का उल्लेख [[संविधान]] के किस अनुच्छेद में है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-473
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 81
| |
| +अनुच्छेद 80
| |
| -अनुच्छेद 85
| |
| -अनुच्छेद 83
| |
| | |
| {किस अनुच्छेद के तहत राज्य विधान परिषदों के गठन व विघटन का वर्णन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-616
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 170
| |
| -अनुच्छेद 174
| |
| +अनुच्छेद 171
| |
| -अनुच्छेद 175
| |
| | |
| {"यह एक संघीय संविधान है क्योंकि यह एक दुहरे शासन-तंत्र की स्थापना करता है, जिसमें केन्द्र में संघीय सरकार तथा उसके चारों ओर परिधि में राज्य सरकार है जो [[संविधान]] द्वारा निर्धारित निश्चित क्षेत्रों में सर्वोच्च सत्ता का प्रयोग करती है।" यह किस विद्धान का कथन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-752
| |
| |type="()"}
| |
| -डी. डी. बसु
| |
| -अशोक चन्द्रा
| |
| +[[भीमराव आम्बेडकर]]
| |
| -नारमन डी. पामर
| |
| | |
| {[[उच्च न्यायालय]] के अधिकारियों और सेवकों की नियुक्ति कौन करता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-877
| |
| |type="()"}
| |
| +[[उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायधीश
| |
| -[[राज्यपाल]]
| |
| -[[मुख्यमंत्री]]
| |
| -[[सर्वोच्च न्यायालय]]
| |
| | |
| {लोक प्रशासन में आधुनिक राज्य को किस नाम से जाना जाता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-810,प्रश्न-13
| |
| |type="()"}
| |
| +प्रशासकीय राज्य
| |
| -लोक कल्याणकारी राज्य
| |
| -पूंजीवादी राज्य
| |
| -साम्यवादी राज्य
| |
| | |
| {'मानव सम्बंधी अवधारणा' का प्रतिपादक किसे माना जाता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-158
| |
| |type="()"}
| |
| -मैकग्रेगार
| |
| +एल्टन मायो
| |
| -रोथलिस बर्जर
| |
| -फालेट
| |
| | |
| {[[अरस्तू]] के मत में क्रांति का क्या अर्थ है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-136
| |
| |type="()"}
| |
| -आर्थिक व्यवस्था में परिवर्तन
| |
| -धार्मिक व्यवस्था में परिवर्तन
| |
| +[[संविधान]] में परिवर्तन
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| | |
| | |
| {[[भारतीय संविधान]] की प्रस्तावना के अनुसार संविधान का स्त्रोत क्या है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-223
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संसद]]
| |
| -[[न्यायपालिका]]
| |
| +भारतीय जनता
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[भारतीय संविधान]] में प्रस्तावना को [[संविधान सभा]] द्वारा कब ग्रहण किया गया था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-333
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वें संशोधन]] द्वारा
| |
| +जब [[संविधान]] के सम्पूर्ण मसविदे को मंजूरी दी गई
| |
| -[[संविधान संशोधन- 46वाँ|46वें संशोधन]] द्वारा
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {किस [[संविधान संशोधन]] में [[दिल्ली]] का नाम 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र' किया गया?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-746,प्रश्न-346
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संविधान संशोधन- 68वाँ|68वाँ संशोधन]]
| |
| +[[संविधान संशोधन- 69वाँ|69वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वाँ संशोधन]]
| |
| -[[संविधान संशोधन- 44वाँ|44वाँ संशोधन]]
| |
| | |
| {किस अनुच्छेद में यह वर्णन है कि [[राष्ट्रपति]], [[संसद]] के किसी एक सदन में या एक साथ समवेत दोनों सदनों में अभिभाषण कर सकेंगे?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-474
| |
| |type="()"}
| |
| +अनुच्छेद 86 (1)
| |
| -अनुच्छेद 87 (1)
| |
| -अनुच्छेद 89 (1)
| |
| -अनुच्छेद 90 (2)
| |
| | |
| {यदि [[विधान परिषद]] किसी धन विधेयक के बारे में 14 दिन के भीतर अपनी राय नहीं देती है तो-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-617
| |
| |type="()"}
| |
| -उसे रद्द समझा जाता है।
| |
| +उसे पारित समझा जाता है।
| |
| -सोचने के लिए और समय दिया जाता है।
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {"[[संविधान]] के मूल स्वरूप में कोई प्रबल परिवर्तन न तो उचित है और न ही आवश्यक है।" यह राय किस आयोग की थी?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-753
| |
| |type="()"}
| |
| -अंतर्राज्यीय परिषद
| |
| +[[सरकारिया आयोग]]
| |
| -[[राजमन्नार समिति]]
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {दो या दो से अधिक [[राज्य|राज्यों]] के लिए एक ही [[उच्च न्यायालय]] की स्थापना से सम्बंधित अनुच्छेद कौन-सा है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-878
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 240
| |
| +अनुच्छेद 231
| |
| -अनुच्छेद 230
| |
| -अनुच्छेद 221
| |
| | |
| {"लोक प्रशासन का अभिप्राय जनता का सहयोग प्राप्त करके सरकार के कार्य का संचालन करना है।" यह किसका कथन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811,प्रश्न-14
| |
| |type="()"}
| |
| -आर्डवे टीड
| |
| +पिफनर
| |
| -हरमन फाइवर
| |
| -लास्की
| |
| | |
| {[[भारत]] में [[नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक]] के पद का प्रारम्भ कब से हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-861;प्रश्न-824
| |
| |type="()"}
| |
| +[[1919]] ई. का भारतीय शासन अधिनियम
| |
| -[[1935]] ई. का भारतीय शासन अधिनियम
| |
| -उपरोक्त दोनों
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[अरस्तू]] के अनुसार प्रजातंत्र में क्रांति का क्या विशेष कारण है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-137
| |
| |type="()"}
| |
| -राजनेताओं की त्रुटि के कारण
| |
| -जनता की इच्छाओं के कारण
| |
| +लोक नेताओं की अधिकता के कारण
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| | |
| | |
| {निम्न में किस [[संविधान संशोधन]] द्वारा [[सर्वोच्च न्यायालय]] में यह अभिनिर्धारित किया गया है कि समाजवाद का मूल तत्त्व कमजोर वर्ग और कर्मकारों के जीवन स्तर को ऊँचा करना है और उनको जन्म से [[मृत्यु]] तक सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी देना है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-224
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संविधान संशोधन- 46वाँ|46वें संशोधन]] द्वारा
| |
| -[[संविधान संशोधन- 44वाँ|44वें संशोधन]] द्वारा
| |
| +[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वें संशोधन]] द्वारा
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[भारत]] से वंशानुगत राजा की परम्परा का अंत निम्न में से किस शब्द से माना जाता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-738,प्रश्न-334
| |
| |type="()"}
| |
| -लोकतंत्र
| |
| -समाजवाद
| |
| +गणतंत्र
| |
| -उपरोक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[लोक सभा]] यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनेगी और जब-जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होता है, तब-तब [[लोक सभा]] किसी अन्य सदस्य को, यथास्थिति, अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी। यह किस अनुच्छेद में है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-754,प्रश्न-475
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुच्छेद 110
| |
| -अनुच्छेद 105
| |
| -अनुच्छेद 114
| |
| +अनुच्छेद 93
| |
| | |
| {[[विधान परिषद]] की कार्यवाही किसके द्वारा संचालित की जाती है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-762,प्रश्न-618
| |
| |type="()"}
| |
| -[[राज्यपाल]]
| |
| +सभापति
| |
| -[[मुख्यमंत्री]]
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[राजमन्नार समिति]] ने राज्य स्वायत्तता के संदर्भ में कौन-सा सुझाव दिया था?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-770,प्रश्न-754
| |
| |type="()"}
| |
| -केन्द्रीय मंत्रिमंडल में [[राज्य|राज्यों]] का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
| |
| -[[योजना आयोग]] को समाप्त कर दिया जाए।
| |
| -एक अंतर्राज्यीय परिषद स्थापित की जाए।
| |
| +उपरोक्त सभी
| |
| | |
| {न्यायधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित अनुच्छेद 233 (क) जोड़ा गया-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-778,प्रश्न-879
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वें संशोधन]] द्वारा, ([[1976]])
| |
| -[[संविधान संशोधन- 44वाँ|44वें संशोधन]], द्वारा ([[1978]])
| |
| +[[संविधान संशोधन- 20वाँ|20वें संशोधन अधिनियम]]
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {'इंट्रोडक्शन टू द स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' (Introduction to The Study of Public Administration) किसकी रचना है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811,प्रश्न-15
| |
| |type="()"}
| |
| -विल्सन
| |
| +एल. डी. ह्वाइट
| |
| -मैकाइवर
| |
| -विलोबी
| |
| | |
| {साक्षात्कार प्रयोग में कितने श्रमिकों का साक्षात्कार लिया गया था?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-819,प्रश्न-164
| |
| |type="()"}
| |
| +21,126
| |
| -21,000
| |
| -21,120
| |
| -21,600
| |
| | |
| {क्रांतियों से बचने के उपाय के रूप में [[अरस्तू]] का मानना है कि-(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-595,प्रश्न-138
| |
| |type="()"}
| |
| -सुरक्षा व्यवस्था करना
| |
| +भावी संकटों से नागरिकों को आतंकित करते रहना
| |
| -उपर्युक्त दोनों
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[संविधान संशोधन]] की कितनी प्रक्रिया होती हैं?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-739,पृ.सं.-239
| |
| |type="()"}
| |
| +3
| |
| -2
| |
| -4
| |
| -5
| |
| </quiz>
| |
| |}
| |