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| {| class="bharattable-pink" width="100%"
| | प्रमुख शिक्षाशास्त्री और कृषि की उन्नति के क्षेत्र में अग्रणी पंजाब राव देशमुख का जन्म 27 नवंबर 1898 ई. को तत्कालीन मध्य प्रदेश के अमरावती जिले में पपल गाँव में हुआ था। गाँव में आरंभिक शिक्षा के बाद वे पूना के फरग्यूसन काँलेज में भर्ती हुए। फिर 1920 में उनके पिता रामराव ने अपनी संपत्ति गिरवी रख कर पुत्र को उच्च शिक्षा के लिये इंगलैंड भेज दिया। वहाँ से पंजाब राव डी.फिल.और कानून की डिग्री लेकर 1926 में अमरावती वापस आ गए। 1927 में सत्यशोधक समाज की रीति से विमला वैध के साथ उनका विवाह हुआ। विमला ने भी शिक्षा पूरी करने के बाद अनेक महिला संगठनो में काम किया और बाद में रज्यसभा की सदस्य चुनी गयी थीं। |
| |-
| | पंजाब राव देशमुख आरंभ से ही सार्वजनिक कार्यो में रुचि लेने लगे थे। 1927 में वे अमरावती जिला कौंसिल के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने उसी समय सब सार्वजनिक कुएँ हरिजन के लिये खोल दिये थे। 1930 में वे सी.पी. बरार की लेजिस्लेचर के सद्स्य और वहाँ के शिक्षा मंत्री बने। 1931 में उन्होंने शिवाजी एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की। इस संस्था की उन्नति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पंजाब राव देशमुख की मृत्यु के समय (1968) इस संस्था के अंतर्गत 28 काँलेज 40 लडको के हाई स्कूल और 14 ग्रामीण शिक्षा संस्थान काम कर रहे थे। साथ ही उन्होंने " युवा कृषक लीग" राष्ट्रिय पिछ्डा वर्ग संगठन आदि संस्थाओ की भी स्थापना की। |
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| | सर्किय राजनीति में भाग लेते हुए पंजाब राव देशमुख 1952, 1957 और 1962 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस पूरी अवधि में वे केंद्र सरकार में कृषि मंत्री रहे। उन्होंने कृषि संबंधी सम्मेलनो में समय-समय पर वाशिंगटन,रोम, रुस, कैरो आदि में भारतीय प्रतिनिधिमंडलो का नेतृत्व किया। कांग्रस संगठन के सदस्य वे जीवन के अंत बने रहे। 1968 में पंजाब राब देशमुख का देहांत हो गया। |
| {| width="100%"
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| <quiz display=simple>
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| {[[उत्तर भारत]] के किस नगर को सर्वोत्तम रेशम उत्पादन केन्द्र माना जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-762
| |
| |type="()"}
| |
| -[[तक्षशिला]]
| |
| -[[पाटलिपुत्र]]
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| -[[कौशाम्बी]]
| |
| +[[वाराणसी]]
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| | |
| {[[गुप्त काल]] को [[प्राचीन भारत]] का क्लासिकल युग क्यों कहा जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-947
| |
| |type="()"}
| |
| -व्यापार में अभूतपूर्ण प्रगति के कारण
| |
| +[[कला]] एवं [[साहित्य]] के क्षेत्र के अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचने के कारण।
| |
| -प्रचुर मात्रा में स्वर्ण सिक्के चलाये जाने के कारण
| |
| -उपर्युक्त सभी के कारण
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सी रचना [[संगम युग|संगम-युगीन]] [[मदुरई|मदुरई नगर]] का सुन्दर वर्णन प्रस्तुत करती है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-864
| |
| |type="()"}
| |
| +[[मणिमेखलै]]
| |
| -[[शिलप्पादिकारम]]
| |
| -कुराल अथवा तिरुकुराल
| |
| -पत्तप्पाट्टु
| |
|
| |
| {तमिल काव्य में आगम वर्ग की कविताएँ हैं- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-918
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रेम संबंधी
| |
| -राजाओं की प्रशंसा में
| |
| -[[प्रकृति]] की प्रशंसा
| |
| +[[शिव|भगवान शिव]] की प्रशंसा में
| |
| | |
| {निम्नलिखित ग्रंथों में से किससे [[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] भू-राजस्व व्यवस्था पर प्रकाश नहीं पड़ता? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1005
| |
| |type="()"}
| |
| -हर्षचरति
| |
| -अपराजितपृच्छा
| |
| -[[राजतरंगिणी]]
| |
| +काव्यादर्श
| |
|
| |
| {[[गुप्तोत्तर काल]] में भूमि का स्वामित्व अंतत: किसके पास था?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1077
| |
| |type="()"}
| |
| -कृषक
| |
| -ग्राम सभा
| |
| +राजा
| |
| -[[संयुक्त परिवार]]
| |
|
| |
| {[[चोल]] के शासकों को निम्नलिखित में से प्राय: किससे जूझना पड़ा? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1129
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मान्यखेट]] को [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] से
| |
| +[[कल्याणी कर्नाटक|कल्याणी]] के [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] से
| |
| -[[मदुरै]] के [[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्यों]] से
| |
| -[[उड़ीसा]] के गंगों से
| |
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| |
| {जिस समय [[महमूद गज़नवी]] ने आक्रमण किया, उस समय [[हिन्दू शाही वंश]] की राजधानी थी- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1172
| |
| |type="()"}
| |
| +[[उद्भाण्डपुर|उद्भाण्ड]]
| |
| -[[पेशावर]]
| |
| -[[काबुल]]
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {जातक में लगभग कितनी कथाएँ हैं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-489
| |
| |type="()"}
| |
| +500
| |
| -550
| |
| -750
| |
| -860
| |
|
| |
| {[[मौर्य काल]] में दुर्भिक्ष काल में राहत कार्य के लिए कोष्ठागारों के अस्तित्व का प्रमाण निम्नांकित किससे ज्ञात हुआ है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-657
| |
| |type="()"}
| |
| -[[गिरनार]] का [[शिलालेख]] द्वितीय
| |
| -स्तम्भ लेख द्वितीय
| |
| -सासाराम का लघु शिलालेख
| |
| +सोहगौरा पट्ट अभिलेख
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| |
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| | |
| {एक प्राचीन भारतीय राजवंश के शासकों ने उसके साम्राज्य में निवास करने वाले विभिन्न [[धर्म|धर्मों]] के लोगों द्वारा पूजित 35 [[देवी]]-[[देवता|देवताओं]] की आकृतियों को अपने सिक्के पर अंकित कराया था। वह राजवंश कौन-सा था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-763
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मौर्य राजवंश|मौर्य]]
| |
| -[[शक साम्राज्य|शक]]
| |
| +[[कुषाण वंश|कुषाण]]
| |
| -[[गुप्त राजवंश|गुप्त]]
| |
|
| |
| {[[धन्वंतरी]] निम्न में से किसके कारण प्रसिद्ध थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-948
| |
| |type="()"}
| |
| -गणितज्ञ होने के कारण
| |
| +[[आयुर्वेद]] के विद्वान एवं चिकित्सक होने के कारण
| |
| -[[ज्योतिष]] का प्रसिद्ध विद्वान के कारण
| |
| -प्रसिद्ध राजनीतज्ञ होने के कारण
| |
| | |
| {[[संगम युग]] में 'वरियम' शब्द किसका सूचक था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-865
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को अनुदान में दिए गए राजस्व मुक्त ग्राम।
| |
| +राजस्व प्रदान करने वाली क्षेत्रीय इकाई।
| |
| -भू-राजस्व वसूल करने वाला प्रभारी अधिकारी।
| |
| -ग्राम सभाओं की प्रबंधक समिति।
| |
| | |
| {[[गुप्त]] किसके सामंत थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-919
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मौर्य|मौर्यों]] के
| |
| +[[कुषाण वंश|कुषाणों]] के
| |
| -[[सातवाहन वंश|सातवाहनों]] के
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| | |
| {[[गुप्तकाल|गुप्तकालीन]] भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1006
| |
| |type="()"}
| |
| -[[गुप्तकाल]] में भूमि 'हस्त' से नापी जाती थी।
| |
| -हस्त से बड़ी इकाई धनु थी।
| |
| -भूमिमाप हेतु सरकंडों का उपयोग किया जाता था।
| |
| +उपयुक्त सभी
| |
| | |
| {प्राचीन एवं पूर्व [[मध्यकालीन भारत]] में अकृष्ट एवं कर मुक्त भूमि की संज्ञा थी-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1078
| |
| |type="()"}
| |
| -सीता
| |
| -खर्वटक
| |
| +खिलक्षेत्र
| |
| -सीताध्यक्ष
| |
| | |
| {[[चोल साम्राज्य]] में वस्तु-विनियम का मुख्य आधार क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1130
| |
| |type="()"}
| |
| -[[गाय]]
| |
| -काशु
| |
| +[[धान]]
| |
| -[[स्वर्ण]]
| |
| | |
| {निम्नलिखित कथनों में से कौन [[नागभट्ट द्वितीय]] के सन्दर्भ में लागू नहीं होता? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1173
| |
| |type="()"}
| |
| -यह [[वत्सराज]] का [[पुत्र]] था एवं इसकी [[माता]] का नाम सुन्दर देवी था।
| |
| +उसने 810 ई. में [[गोविन्द तृतीय]] को पराजित किया था।
| |
| -उसके बाद उसका पुत्र रामभद्र गद्दी पर बैठा।
| |
| -उसने [[पाल वंश|पाल]] [[धर्मपाल|सम्राट धर्मपाल]] को पराजित किया।
| |
| | |
| {बौद्ध धर्मग्रंथों का महानतम टीकाकार कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-490
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अश्वघोष]]
| |
| +[[बुद्धघोष]]
| |
| -[[वसुमित्र ]]
| |
| -नागार्जुन
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से किसने कहा था कि [[भारत]] में दास प्रथा नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-658
| |
| |type="()"}
| |
| -स्ट्रेबो
| |
| +[[मेगस्थनीज]]
| |
| -[[फाह्यान]]
| |
| -[[ह्वेनसांग]]
| |
| | |
| | |
| | |
| | |
| {[[भारत]] और पश्चिम एशिया के मध्य मुख्यत: स्थल मार्ग कहाँ से गुजरता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-764
| |
| |type="()"}
| |
| +[[खैबर दर्रा]] और [[काबुल]]
| |
| -[[खैबर दर्रा|खैबर]] और [[बोलन दर्रा]]
| |
| -[[तक्षशिला]], [[पेशावर]] और [[काबुल]]
| |
| -काबुल और [[बामियान]]
| |
| | |
| {[[गुप्त काल]] का प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-949
| |
| |type="()"}
| |
| -[[भास्कराचार्य]]
| |
| -[[वराहमिहिर]]
| |
| +[[आर्यभट्ट ]]
| |
| -[[ब्रह्मगुप्त]]
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से कौन-सा क्षेत्र [[राज्य]] की आय का एक स्रोत नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-866
| |
| |type="()"}
| |
| -राजकीय सम्पत्ति तथा राजकोष
| |
| -राज्य व्यापार
| |
| -मार्ग-शुल्क और सीमा-शुल्क
| |
| +दीवानी मुक़दमों पर (स्टाम्प) न्याय-शुल्क
| |
| | |
| {[[गुप्त वंश]] का संस्थापक कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-920
| |
| |type="()"}
| |
| -[[घटोत्कच गुप्त]]
| |
| -[[चंद्रगुप्त प्रथम]]
| |
| +[[श्रीगुप्त]]
| |
| -[[रामगुप्त]]
| |
| | |
| {[[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] करों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1007
| |
| |type="()"}
| |
| -परहीनक पशुओं द्वारा की गई हानि की क्षतिपूर्ति के रूप में लिया जाता था।
| |
| -राजकीय भूमि पर कृषि कर सीता कहलाता था।
| |
| -अवल्गक [[सेनाभक्त]] की तरह का ही एक कर था।
| |
| +हलिराकर हलवाईयों पर लगने वाला कर था।
| |
| | |
| {नगर प्रशासन के प्रसंग में नगर श्रेष्ठी एवं सार्थवाह का उल्लेख निम्नांकित स्थान से प्राप्त गुप्त अभिलेखों में हुआ है- (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1079
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मध्य प्रदेश]]
| |
| +पुंड्रवर्धन
| |
| -[[अवंति]]
| |
| -[[सौराष्ट्र]]
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से किस शासक को तमिल संरक्षक घोषित किया गया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-242,प्रश्न-1118
| |
| |type="()"}
| |
| -[[राजराज प्रथम]]
| |
| -राजराज द्वितीय
| |
| -[[राजेंद्र प्रथम]]
| |
| +[[कुलोत्तुंग प्रथम|कुलोत्तुंग]]
| |
| | |
| {[[सेन वंश]] के शासक [[लक्ष्मण सेन]] (1178-1205) के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन लागू होता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1174
| |
| |type="()"}
| |
| -उसने 60 वर्ष की अवस्था में [[जयचन्द]] पर आक्रमण कर उसे पराजित किया था।
| |
| -उसने [[बनारस]] तथा [[प्रयाग]] तक सैन्य अभियान किया।
| |
| -[[बख्तियार खिलजी|इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी]] के आक्रमण से भयभीत होकर [[पूर्वी बंगाल]] भाग गया।
| |
| +उपर्युक्त सभी
| |
| | |
| {[[अजंता]] के भित्तिचित्रों का मूल धार्मिक विषय क्या है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-491
| |
| |type="()"}
| |
| -[[जैन धर्म|जैन]]
| |
| +[[बौद्ध धर्म|बौद्ध]]
| |
| -[[वैष्णव]]
| |
| -[[शैव]]
| |
| | |
| {[[चाणक्य]] के अर्थशास्त्र के अनुसार सेना में किस वर्ण के लोग सम्मिलित होने चाहिए? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-659
| |
| |type="()"}
| |
| -[[क्षत्रिय]]
| |
| -क्षत्रिय और [[शूद्र]]
| |
| -क्षत्रिय, शूद्र और [[वैश्य]]
| |
| +[[क्षत्रिय |क्षत्रिय]], [[शूद्र]], वैश्य और [[ब्राह्मण]]
| |
| | |
| | |
| | |
| | |
| {[[मौर्योत्तर काल]] में [[पश्चिम भारत]] में व्यापार का सबसे महत्त्वपूर्ण केन्द्र कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-765
| |
| |type="()"}
| |
| -सुपरिक
| |
| -कल्याण
| |
| -[[चोल]]
| |
| +[[भरुकच्छ |भरुकच्छ]]
| |
| | |
| {[[गुप्त काल]] में [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की काँस्य निर्मित प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-950
| |
| |type="()"}
| |
| +[[सुल्तानगंज]]
| |
| -[[बोधगया]]
| |
| -[[अजंता]]
| |
| -[[मथुरा]]
| |
| | |
| {[[संगम युग]] में [[भारत]] द्वारा आयातित सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण वस्तु क्या थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-867
| |
| |type="()"}
| |
| +[[सोना]] और [[चाँदी]]
| |
| -मृदभाण्ड एवं काँच के बर्तन
| |
| -[[मदिरा]] एवं दासियाँ
| |
| -[[घोड़ा|घोड़े]]
| |
| | |
| {[[गुप्त वंश]] के किस शासन ने सर्वप्रथम महाधिराज की उपाधि धारण की? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-921
| |
| |type="()"}
| |
| -[[श्रीगुप्त]]
| |
| +[[चंद्रगुप्त प्रथम]]
| |
| -[[घटोत्कच गुप्त]]
| |
| -[[समुद्रगुप्त]]
| |
| | |
| {[[गुप्त काल]] में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागर स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1008
| |
| |type="()"}
| |
| +भुक्ति, विषय, पेठ, ग्राम
| |
| -विषय, भुक्ति, पेठ, ग्राम
| |
| -पेठ, विषय, भुक्ति, ग्राम
| |
| -भुक्ति, पेठ, विषय, ग्राम
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से किस एक से बेगार का निर्देश होता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1080
| |
| |type="()"}
| |
| -बलि
| |
| -[[शुल्क]]
| |
| -उद्रंग
| |
| +[[विष्टि]]
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से कौन चोल सेना में शामिल नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1132
| |
| |type="()"}
| |
| -पदाति
| |
| -हस्ति सेना
| |
| -अश्वारोही
| |
| +रथ सेना
| |
| | |
| {निम्नलिखित में कौन सही सुमेलित नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1175
| |
| |type="()"}
| |
| -सर्वाधिक अच्छी अश्वसेना — [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहार]] राजाओं के पास
| |
| -सर्वाधिक अच्छी हस्तिसेना — [[पाल वंश|पाल]] राजाओं के पास
| |
| -सबसे अधिक दुर्ग — [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] के पास
| |
| +सबसे अधिक पैदल सेना — [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] के पास
| |
| | |
| {[[जैन]] लोगों ने किसके नेतृत्व में दक्षिण की ओर प्रवसन किया था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-492
| |
| |type="()"}
| |
| +[[भद्रबाहु]]
| |
| -स्थलबाहु
| |
| -[[वर्धमान|वर्धमान महावीर]]
| |
| -त्रिरत्न दास
| |
| | |
| {[[मौर्य वंश|मौर्यों]] के पश्चात [[भारत]] की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर किसका अधिकार था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-661
| |
| |type="()"}
| |
| +वैक्टीयन ग्रीक
| |
| -[[कुषाण साम्राज्य|कुषाण]]
| |
| -[[शक |शक]]
| |
| -[[हूण]]
| |
| | |
| | |
| | |
| | |
| {'सिन्ध-सौवीर' [[प्राचीन भारत]] में किस लिए प्रसिद्ध था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-766
| |
| |type="()"}
| |
| -उत्तम तलवारों एवं कटारों के उत्पादन
| |
| +[[घोड़ा|घोड़ों]] एवं खच्चरों के व्यापार
| |
| -ऊनी वस्त्र उद्योग
| |
| -चमड़े की वस्तुओं के उत्पादन
| |
| | |
| {[[सती प्रथा]] का पहला उल्लेख कहाँ से मिलता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-951
| |
| |type="()"}
| |
| -भीतरगांव लेख से
| |
| -विलसंड स्तंभलेख से
| |
| +एरण अभिलेख से
| |
| -भितरी स्तंभलेख से
| |
| | |
| {निम्नलिखित में कौन-सा राजवंश परवर्ती [[संगम युग]] में चेर राजाओं के साथ निरंतर युद्ध में लगा रहा? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-868
| |
| |type="()"}
| |
| -[[चोल राजवंश|चोल]]
| |
| +[[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]]
| |
| -[[इक्ष्वाकु वंश|इक्ष्वाकु]]
| |
| -[[पल्लव वंश|पल्लव]]
| |
| | |
| {मेहरौली का स्तम्भ लेख किस शासक से संबंधित है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-923
| |
| |type="()"}
| |
| +[[चंद्रगुप्त द्वितीय]]
| |
| -[[चंद्रगुप्त मौर्य]]
| |
| -[[अशोक]]
| |
| -[[समुद्रगुप्त]]
| |
| | |
| {[[गुप्तकाल]] में बड़े पैमाने पर जारी [[सोना|सोने]] के सिक्के का वास्तविक स्त्रोत निम्न में से क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1010
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रोम]] के साथ जारी लाभदायक व्यापार
| |
| -[[कोलार]] की ख़ान पर अधिकार
| |
| +पूर्ववर्ती युग के व्यापार से संचित स्वर्ग
| |
| -[[शक|शकों]] से छीना गया मुद्रा भण्डार
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से एक की अन्य तीन से भिन गुणार्थकता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1081
| |
| |type="()"}
| |
| -सभा
| |
| -नगरम
| |
| +[[भुक्ति]]
| |
| -[[उर]]
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से किस [[चोल]] शासक ने [[विष्णु]] की प्रतिमा [[समुद्र]] में फिकवा दी थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1133
| |
| |type="()"}
| |
| -[[कुलोत्तुंग प्रथम]]
| |
| +[[कुलोत्तुंग द्वितीय]]
| |
| -[[राजेन्द्र प्रथम]]
| |
| -[[राजराज प्रथम]]
| |
| | |
| {प्रसिद्ध अरब यात्री [[सुलेमान]] निम्नलिखित में से किसके समय में [[भारत]] आया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1176
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मिहिर भोज]]
| |
| -[[महिपाल ]]
| |
| -[[दंतिदुर्ग]]
| |
| +[[देवपाल]]
| |
| | |
| {अंतिम जैन आराम वाचन किस नगर में आयोजित की गई थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-493
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मथुरा]]
| |
| -वेणाकतहीपुर
| |
| -सुपर्वत विजय चक्र
| |
| +[[बल्लभी]]
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| {[[सम्राट अशोक]] का नाम किस [[शिलालेख]] में प्राप्त होता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-662
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| +[[मास्की|मास्की]] का लघु शिलालेख
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| -[[जौगढ़]]
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| -दिल्ली टोपरा
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| -लौरिया अरराज
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| </quiz>
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