"प्राकृतिक गैस": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "जरूर" to "ज़रूर") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''प्राकृतिक गैस''' एक रंगहीन, गंधहीन पर्यावरण अनुकूल [[ऊर्जा]] स्रोत है। इसमें मुख्य रूप से [[मिथेन]] शामिल होता है। प्राकृतिक गैस [[पेट्रोलियम]] [[कुआँ]] से निकलती है। इसमें 95 प्रसिद्ध [[हाइड्रोकार्बन]] होता है, जिसमे 80 प्रतिशत मिथेन रहता है। घरों में प्रयुक्त होने वाली द्रवित प्राकृतिक गैस को एल. पी. जी. कहते हैं। यह [[ब्यूटेन]] एवं प्रओमेन का [[मिश्रण]] होता है, जिसे उच्च दाव पर द्रवित कर सिलेण्डरों में भर लिया जाता हैं। | |||
{| class="bharattable-green" align="right" | {| class="bharattable-green" align="right" | ||
|+भारत में प्राकृतिक गैस का भंडार एवं उत्पादन | |+भारत में प्राकृतिक गैस का भंडार एवं उत्पादन | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 15: | ||
| त्रिपुरा || 10 || 8.6% | | त्रिपुरा || 10 || 8.6% | ||
|} | |} | ||
==विशेषताएँ== | |||
[[मिथेन]] क्लैथरेट्स के रूप में कोयले की तह में जीवाश्म ईंधन के साथ पाया जाता है और यह दलदल, कीचड़ तथा कूडे़-करकट से भरे गड्ढों में मीथेन उत्पादित बैक्टीरिया जीवों द्वारा निर्मित होता है। प्राकृतिक गैस को एक ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सके, उसके पहले मीथेन के अलावा लगभग सभी सामग्री को हटाने के लिए इसकी व्यापक रूप से प्रसंस्करण प्रक्रिया आवश्यक होती है। इस प्रसंस्करण के उप-उत्पादों में ईथेन, प्रोपेन, [[ब्यूटेन]], पेन्टेंस और उच्च आण्विक वजन [[हाइड्रोकार्बन]], तात्विक सल्फर, कार्बन डाइऑक्साइड और कभी-कभी [[हीलियम]] और [[नाइट्रोजन]] का समावेश है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://hindi.mcxindia.com/SitePages/ContractSpecification.aspx?ProductCode=NATURAL_GAS|title= प्राकृतिक गैस|accessmonthday= 14 फरवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= एम.सी.एस.इण्डिया|language= हिन्दी}}</ref> | |||
प्राकृतिक गैस के उपयोग में सबसे बड़ी कठिनाई परिवहन और भंडारण है। जबकि पाईप लाइनों का उपयोग अंतर्देशीय परिवहन के लिए होता है, इसे समुद्रों के नीचे उपयोग नहीं किया जा सकता, जो कि वैश्विक व्यापार के लिए ज़रूरी है। लिक्वीफाइड प्राकृतिक गैस (एलएनजी) प्राकृतिक गैस के समुद्रों में से परिवहन के लिए एक प्रमाणित वाणिज्यिक तकनीक है। हालांकि इसके लिए विशेष जहाजों और अलग से एलएनजी रिसीविंग टर्मिनलों की आवश्यकता होती है, इसलिए एलएनजी परियोजनाओं की प्रकृति बहुत पूंजी-प्रधान होती है। | |||
==मुख्य उपयोग== | |||
#बिजली उत्पादन के लिए ईंधन स्रोत | |||
#पाईप प्राकृतिक गैस के रूप में खाना पकाने, गरम करने के लिए घरेलू/वाणिज्यिक उपयोग | |||
#औद्योगिक उपयोग- बॉयलर्स के लिए ईंधन स्रोत, ओवन और एयरकंडीशनर्स आदि के लिए। | |||
#खाद निर्माण के लिए फ़ीड स्रोत | |||
#एक वैकल्पिक ऑटोमोबाइल ईंधन के रूप में कॉम्प्रेस्ड प्राकृतिक गैस (सीएनजी) का व्यापक उपयोग होता है। | |||
#मीथेनॉल आदि जैसे पेट्रो केमिकल्स का उत्पादन | |||
#ब्यूटेन और प्रोपेन जैसे प्राकृतिक गैस के प्रसंस्करण में प्राप्त अन्य घटकों का उपयोग एलपीजी<ref>लिक्वीफाइड पेट्रोलियम गैस</ref> बनाने में होता है।<ref name="aa"/> | |||
==भारतीय परिदृश्य== | |||
पिछले दशक में विश्व के अन्य क्षेत्रों की तरह ही प्राकृतिक गैस ने [[भारत]] में भी प्रमुख ख्याति अर्जित की है। भारत ने [[वर्ष]] [[2008]] में तकरीबन 41.4 बीसीएम प्राकृतिक गैस की खपत की है, जिसमें घरेलू उत्पादन 30.6 बीसीएम रहा है और एलएनजी के रूप में आयात 10.79 बीसीएम रहा है। आगामी वर्षों में आयात का हिस्सा और बढ़ने तथा वर्तमान के लगभग 25 प्रतिशत के स्तर से इसके 30 प्रतिशत के पार चले जाने की उम्मीद है। खाद (41%) और बिजली (37%) के साथ ये भारत में प्राकृतिक गैस के प्रमुख उपयोगकर्ता हैं। भारत में [[उर्वरक]] (खाद) क्षेत्र सरकार द्वारा अत्यंत सस्ता किया हुआ है और सरकार खाद उत्पादक इकाइयों को प्रदान की जाने वाली प्राकृतिक गैस की दर निर्धारित करती है।<ref name="aa"/> | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category:रसायन विज्ञान]] | [[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:गैस]][[Category:विज्ञान कोश]] | ||
[[Category:गैस]] | |||
[[Category:विज्ञान | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
10:48, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
प्राकृतिक गैस एक रंगहीन, गंधहीन पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत है। इसमें मुख्य रूप से मिथेन शामिल होता है। प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम कुआँ से निकलती है। इसमें 95 प्रसिद्ध हाइड्रोकार्बन होता है, जिसमे 80 प्रतिशत मिथेन रहता है। घरों में प्रयुक्त होने वाली द्रवित प्राकृतिक गैस को एल. पी. जी. कहते हैं। यह ब्यूटेन एवं प्रओमेन का मिश्रण होता है, जिसे उच्च दाव पर द्रवित कर सिलेण्डरों में भर लिया जाता हैं।
क्षेत्र/राज्य | भंडार (क्यूबिक पी) | कुल उत्पादन का प्रतिशत |
---|---|---|
मुम्बई हाई | 13,976 | 80% |
गुजरात | 1,793 | 11% |
असम | 1,217 | 8% |
तमिलनाडु | 306 | 1.5% |
त्रिपुरा | 10 | 8.6% |
विशेषताएँ
मिथेन क्लैथरेट्स के रूप में कोयले की तह में जीवाश्म ईंधन के साथ पाया जाता है और यह दलदल, कीचड़ तथा कूडे़-करकट से भरे गड्ढों में मीथेन उत्पादित बैक्टीरिया जीवों द्वारा निर्मित होता है। प्राकृतिक गैस को एक ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सके, उसके पहले मीथेन के अलावा लगभग सभी सामग्री को हटाने के लिए इसकी व्यापक रूप से प्रसंस्करण प्रक्रिया आवश्यक होती है। इस प्रसंस्करण के उप-उत्पादों में ईथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, पेन्टेंस और उच्च आण्विक वजन हाइड्रोकार्बन, तात्विक सल्फर, कार्बन डाइऑक्साइड और कभी-कभी हीलियम और नाइट्रोजन का समावेश है।[1] प्राकृतिक गैस के उपयोग में सबसे बड़ी कठिनाई परिवहन और भंडारण है। जबकि पाईप लाइनों का उपयोग अंतर्देशीय परिवहन के लिए होता है, इसे समुद्रों के नीचे उपयोग नहीं किया जा सकता, जो कि वैश्विक व्यापार के लिए ज़रूरी है। लिक्वीफाइड प्राकृतिक गैस (एलएनजी) प्राकृतिक गैस के समुद्रों में से परिवहन के लिए एक प्रमाणित वाणिज्यिक तकनीक है। हालांकि इसके लिए विशेष जहाजों और अलग से एलएनजी रिसीविंग टर्मिनलों की आवश्यकता होती है, इसलिए एलएनजी परियोजनाओं की प्रकृति बहुत पूंजी-प्रधान होती है।
मुख्य उपयोग
- बिजली उत्पादन के लिए ईंधन स्रोत
- पाईप प्राकृतिक गैस के रूप में खाना पकाने, गरम करने के लिए घरेलू/वाणिज्यिक उपयोग
- औद्योगिक उपयोग- बॉयलर्स के लिए ईंधन स्रोत, ओवन और एयरकंडीशनर्स आदि के लिए।
- खाद निर्माण के लिए फ़ीड स्रोत
- एक वैकल्पिक ऑटोमोबाइल ईंधन के रूप में कॉम्प्रेस्ड प्राकृतिक गैस (सीएनजी) का व्यापक उपयोग होता है।
- मीथेनॉल आदि जैसे पेट्रो केमिकल्स का उत्पादन
- ब्यूटेन और प्रोपेन जैसे प्राकृतिक गैस के प्रसंस्करण में प्राप्त अन्य घटकों का उपयोग एलपीजी[2] बनाने में होता है।[1]
भारतीय परिदृश्य
पिछले दशक में विश्व के अन्य क्षेत्रों की तरह ही प्राकृतिक गैस ने भारत में भी प्रमुख ख्याति अर्जित की है। भारत ने वर्ष 2008 में तकरीबन 41.4 बीसीएम प्राकृतिक गैस की खपत की है, जिसमें घरेलू उत्पादन 30.6 बीसीएम रहा है और एलएनजी के रूप में आयात 10.79 बीसीएम रहा है। आगामी वर्षों में आयात का हिस्सा और बढ़ने तथा वर्तमान के लगभग 25 प्रतिशत के स्तर से इसके 30 प्रतिशत के पार चले जाने की उम्मीद है। खाद (41%) और बिजली (37%) के साथ ये भारत में प्राकृतिक गैस के प्रमुख उपयोगकर्ता हैं। भारत में उर्वरक (खाद) क्षेत्र सरकार द्वारा अत्यंत सस्ता किया हुआ है और सरकार खाद उत्पादक इकाइयों को प्रदान की जाने वाली प्राकृतिक गैस की दर निर्धारित करती है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 प्राकृतिक गैस (हिन्दी) एम.सी.एस.इण्डिया। अभिगमन तिथि: 14 फरवरी, 2015।
- ↑ लिक्वीफाइड पेट्रोलियम गैस
संबंधित लेख