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'''वायु''' विभिन्न [[गैस|गैसों]] का [[मिश्रण]] है जिसमें [[नाइट्रोजन]] की मात्रा सर्वाधिक 78 प्रतिशत होती है जबकि 21 प्रतिशत [[ऑक्सीजन]] तथा 0.03 प्रतिशत कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO<sub>2</sub>) पाया जाता है तथा शेष 0.97 प्रतिशत में [[हाइड्रोजन]], [[हीलियम]], [[आर्गन]], [[निऑन]], [[क्रिप्टन]], [[जेनान]], [[ओज़ोन]] तथा जल वाष्प होती है। वायु में विभिन्न गैसों की उपरोक्त मात्रा उसे संतुलित बनाए रखती है। इसमें जरा-सा भी अन्तर आने पर वह असंतुलित हो जाती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती है। श्वसन के लिए ऑक्सीजन ज़रूरी है।
==महत्त्व==
==महत्त्व==
वायु [[पंचतत्त्व|पंचतत्त्वों]] में से एक हैं। अन्य है [[पृथ्वी]], जल, अग्नि व आकाश। वायु सभी मनुष्यों, जीवों एवं [[वनस्पति|वनस्पतियों]] के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके महत्त्व का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मनुष्य भोजन के बिना हफ्तों तक जल के बिना कुछ दिनों तक ही जीवित रह सकता है, किन्तु वायु के बिना उसका जीवित रहना असम्भव है। मनुष्य दिन भर में जो कुछ लेता है उसका 80 प्रतिशत भाग वायु है। ज्ञातव्य है कि प्रतिदिन मनुष्य 22,000 बार सांस लेता है। इस प्रकार प्रत्येक [[दिन]] में वह 16 किलोग्राम या 35 गैलन वायु ग्रहण करता है।  
वायु [[पंचतत्त्व|पंचतत्त्वों]] में से एक हैं। अन्य है [[पृथ्वी]], जल, अग्नि व आकाश। वायु सभी मनुष्यों, जीवों एवं [[वनस्पति|वनस्पतियों]] के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके महत्त्व का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मनुष्य भोजन के बिना हफ्तों तक जल के बिना कुछ दिनों तक ही जीवित रह सकता है, किन्तु वायु के बिना उसका जीवित रहना असम्भव है। मनुष्य दिन भर में जो कुछ लेता है उसका 80 प्रतिशत भाग वायु है। ज्ञातव्य है कि प्रतिदिन मनुष्य 22,000 बार सांस लेता है। इस प्रकार प्रत्येक [[दिन]] में वह 16 किलोग्राम या 35 गैलन वायु ग्रहण करता है।  

10:49, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण है जिसमें नाइट्रोजन की मात्रा सर्वाधिक 78 प्रतिशत होती है जबकि 21 प्रतिशत ऑक्सीजन तथा 0.03 प्रतिशत कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) पाया जाता है तथा शेष 0.97 प्रतिशत में हाइड्रोजन, हीलियम, आर्गन, निऑन, क्रिप्टन, जेनान, ओज़ोन तथा जल वाष्प होती है। वायु में विभिन्न गैसों की उपरोक्त मात्रा उसे संतुलित बनाए रखती है। इसमें जरा-सा भी अन्तर आने पर वह असंतुलित हो जाती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती है। श्वसन के लिए ऑक्सीजन ज़रूरी है।

महत्त्व

वायु पंचतत्त्वों में से एक हैं। अन्य है पृथ्वी, जल, अग्नि व आकाश। वायु सभी मनुष्यों, जीवों एवं वनस्पतियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके महत्त्व का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मनुष्य भोजन के बिना हफ्तों तक जल के बिना कुछ दिनों तक ही जीवित रह सकता है, किन्तु वायु के बिना उसका जीवित रहना असम्भव है। मनुष्य दिन भर में जो कुछ लेता है उसका 80 प्रतिशत भाग वायु है। ज्ञातव्य है कि प्रतिदिन मनुष्य 22,000 बार सांस लेता है। इस प्रकार प्रत्येक दिन में वह 16 किलोग्राम या 35 गैलन वायु ग्रहण करता है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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