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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {मलेरिया फैलता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-11 | | {[[महाभारत]] में [[कीचक वध]] किस पर्व के अंतर्गत आता है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -मक्खी के काटने से
| | +[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]] |
| -कुत्ते के काटने से
| | -[[अनुशासन पर्व महाभारत|अनुशासन पर्व]] |
| -नर एनॉफिलीज मच्छर के कटाने पर
| | -[[आदि पर्व महाभारत |आदि पर्व]] |
| +मादा एनॉफिलीज मच्छर के काटने पर
| | -[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]] |
| ||मलेरिया, मच्छर वाहित संक्रामक रोग है जो कि परजीवी प्रोटोजोआ (प्लाज्मोडियम) द्वारा होता है। यह प्लाज्मोडियम मादा एनॉफिलीज मच्छर द्वारा मानव में प्रवेश करता है।
| | ||[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]] में [[अज्ञातवास]] की अवधि में [[विराट नगर]] में रहने के लिए गुप्तमन्त्रणा, धौम्य द्वारा उचित आचरण का निर्देश, [[युधिष्ठिर]] द्वारा भावी कार्यक्रम का निर्देश, विभिन्न नाम और रूप से विराट के यहाँ निवास, [[भीमसेन]] द्वारा जीमूत नामक मल्ल तथा [[कीचक]] और उपकीचकों का वध, [[दुर्योधन]] के गुप्तचरों द्वारा [[पाण्डव|पाण्डवों]] की खोज तथा लौटकर [[कीचक वध]] की जानकारी देना, त्रिगर्तों और [[कौरव|कौरवों]] द्वारा [[मत्स्य]] देश पर आक्रमण, कौरवों द्वारा [[विराट]] की गायों का हरण, पाण्डवों का कौरव-सेना से युद्ध, [[अर्जुन]] द्वारा विशेष रूप से युद्ध और कौरवों की पराजय, अर्जुन और कुमार उत्तर का लौटकर विराट की सभा में आना, विराट का युधिष्ठिरादि पाण्डवों से परिचय तथा अर्जुन द्वारा [[उत्तरा]] को पुत्रवधू के रूप में स्वीकार करना वर्णित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[विराट पर्व महाभारत]], [[कीचक वध]] |
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| {'वाटर पोलो मैच' में गोल पोस्ट की चौड़ाई होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -दो मीटर
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| +तीन मीटर
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| -चार मीटर
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| -ढाई मीटर
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| ||पोलो का एक अन्य रूप वाटर पोलो है जो घोड़ों पर बैठकर खेलने के बजाय पानी से भरे तालाब में खेला जाता है। इस खेल में प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं। इसमें एक गोल कीपर और छ: फील्ड खिलाड़ी होते हैं। गोल पोस्ट की चौड़ाई तीन मीटर होती है।
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| {देवधर ट्रॉफी प्रतियोगिता किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| +[[क्रिकेट]] | |
| -[[फ़ुटबॉल]]
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| -बेसबॉल
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| -वॉलीबॉल
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| ||देवधर ट्रॉफी [[क्रिकेट]] खेल से सम्बंधित है। | |
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| {ओलंपिक ध्वज में पांच छल्लों का संबंध है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -ओलंपिक चिह्न से
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| -पांच सितारों से
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| +पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] से
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| -पांच [[महासागर|महासागरों]] से | |
| ||ओलंपिक ध्वज वर्ष [[1914]] में बैरेन पियरे डी कुबर्टिन द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। इसे प्रथम बार वर्ष [[1920]] के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में फहराया गया था। यह सफेद रेशम का बना होता है। [[ध्वज]] के बीच में एक-दूसरे से जुड़े विभिन्न रंगों के पांच छल्ले होते हैं जो मैत्रीभाव को प्रदर्शित करते हैं। इनके रंग [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग|लाल]] होते हैं।
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| {मानव खोपड़ी में हड्डियों की संख्या होती है-(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -26
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| +28
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| -30
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| -31
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| ||मनुष्य के खोपड़ी में कुल अस्थियों की संख्या 28 होती है जिनमें से 8 मस्तिष्क के चारों ओर का मस्तिष्क खोल अर्थात कपाल बनाती हैं। शेष हड्डियों में 14 हड्डी चेहरे का कंकाल बनाती हैं, शेष 6 कर्ण अस्थियां होती हैं जो सुनने में सहायक होती हैं।
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| {गामन कौशल (Motor Skills) सीखने का उत्तम ढंग क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-11
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| |type="()"}
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| -अनुकरण
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| -अभ्यास
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| +उपर्युक्त दोनों
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| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
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| {स्वास्थ्य के लिए अच्छा पोषण क्यों जरूरी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| -भंगिमा
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| +विकास
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| -हाजिर जवाबी
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| -अच्छी आदत
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| ||स्वास्थ्य के लिए अच्छा पोषण संतुलित आहार के माध्यम से प्राप्त होता है तथा यह शरीर के समुचित विकास में सहायता होता है। संतुलित आहार से तात्पर्य है सही किस्म के भोजन एवं तरल पदार्थों के माध्यम से शरीर को पौष्टिक तत्त्व व ऊर्जा प्रदान करना ताकि शरीर अपनी कोशिकाओं, ऊतकों व अंगों का रख-रखाव कर सके और सामान्य वृद्धि एवं विकास को सुनिश्चित बना सके। संतुलित भोजन से अभिप्राय है ऐसा भोजन जिसमें हर पौष्टिक तत्त्व सही मात्रा में हों।
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| {संतोष ट्रॉफी जुड़ा हुआ है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -[[फ़ुटबॉल]] से
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| -अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबॉल चैंपियनशिप से
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| +राष्ट्रीय फ़ुटबॉल चैंपियनशिप से
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||संतोष ट्रॉफी [[भारत]]का एक वार्षिक राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टूर्नामेंट है जो [[राज्य|राज्यों]] तथा सरकारी संस्थानों के मध्य खेला जाता है। इस प्रतियोगिता का प्रथम विजेता [[बंगाल]] है जो अब तक सर्वाधिक 31 बार इस प्रतियोगिता को जीत चुका है।
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| {ओलंपिक झंडे में विभिन्न रंगों के कुल कितने छल्ले होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| +5
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| -7
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| -8
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| -9
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| ||वर्ष [[1914]] में पियरे डी कुबर्टिन के सुझाव पर ओलंपिक ध्वज बनाया गया। ओलंपिक ध्वज सर्वप्रथम एंटवर्प ओलंपिक में वर्ष [[1920]] में फहराया गया। इसमें एक-दूसरे में पिरोए हुए पांच वृत्ताकार छल्ले होते हैं जो क्रमश: [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग]] के होते हैं। ये छल्ले पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] के प्रतीक हैं और आपसी सद्भाव को प्रदर्शित करते हैं।
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| {खेल-कूद प्रशिक्षण का कौन-सा सिद्धांत सामान्य मोटर कौशल और फिटनेस विकास का हवाला देता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-101
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| |type="()"}
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| -अतिभार का सिद्धांत
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| -वैयक्तिकता का सिद्धांत
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| -विशिष्टता का सिद्धांत
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| +आवर्तनीकरण का सिद्धांत
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| ||खेल-कूद प्रशिक्षण में आवर्तनीकरण का सिद्धांत (Principle of Periodization), सामान्य मोटर कौशल (General motor skill) और फिटनेस विकास से संबंधित है। मोटर कौशल, किसी कार्य को अधिकतम निश्चिंतता, न्यूनतम ऊर्जा और न्यूनतम समय में करने की क्षमता से संबंधित है।
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| {स्थायी दांत कितने प्रकार के होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-12
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| |type="()"}
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| -8
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| +4
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| -12
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| -14
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| ||सामने के ऊपर व नीचे के दांत इनसीजर कहलाते हैं। वे भोजन को पकड़ने व चीरने के काम आते हैं। उसके बाद केनाइन, प्री मोलर तथा मोलर दांत होते हैं। मानव में निम्नलिखित दंत सूत्र होते हैं-
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| {संक्रामक रोग का प्रसार कैसे होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| -[[वायु]] के द्वारा
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| -[[जल]] तथा भोजन के द्वारा
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| -कीड़ों के द्वारा
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| +इनमें से सभी के द्वारा
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| ||संक्रामण रोग का तात्पर्य फैलने वाले रोग से है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक या एक जंतु एक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप पर फैलते हैं। संक्रामण रोगों के कारण जैसे वाइरस, बैक्टीरिया एवं अन्य सूक्ष्मजीव वातावरण के माध्यम जैसे- हवा, धूल, मिट्टी, पानी, भोजन या सीधे संपर्क आदि के कारण फैलते हैं। | |
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| {अभ्यास के नियम का आविष्कार किसने किया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| -[[प्लेटो]]
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| -पावलोव
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| -जुगोवर
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| +थार्नडाइड
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| ||इस नियम को ई.एल. थार्नटाइक ने बताया है। यह नियम 'करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान' पर आधारित है। बार-बार दोहराने से प्रक्रिया स्वत: होती रहती है। यह नियम बहुत कुछ उपयोग एवं अनुप्रयोग की तरह है।
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| {लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन कहां स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| -[[झांसी]] में
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| -[[आगरा]] में | |
| +[[ग्वालियर]] में
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| -[[दिल्ली]] में
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| ||वर्ष [[1957]] में [[भारत सरकार]] द्वारा स्पांसर किया गया लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन ग्वालियर में स्थित है। | |
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| {प्राचीन [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में विजेता को क्या इनाम दिया जाता था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-2
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| |type="()"} | |
| -नकद राशि
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| -सिक्के
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| -टोपी
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| +जैतून के पत्तों से बना मुकुट
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| ||प्राचीन [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में केवल अनाज व पशु ही पुरस्कार के रूप में दिए जाते थे। उसके बाद जैतून की पत्तियों से बना हार विजेताओं को पहनाया जाने लगा। इन लोगों में पुरस्कार की अपेक्षा खिलाड़ियों को आदर व सम्मान अधिक दिया जाता था। विजेताओं के (Statue) भी बनाए जाते थे।
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| {स्वस्थ मनुष्य के हृदय की औसत गति प्रति मिनट होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-112
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| |type="()"}
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| -55-60
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| -65-70
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| +70-71
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| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
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| ||स्वस्थ मनुष्य के हृदय की सामान्य धड़कन 72 बार प्रति मिनट होती है परंतु डॉक्टर 60 से 100 बीट प्रति मिनट को सामान्य रेंज मानते हैं। खेल-कूद/एरोबिक प्रशिक्षण दिल को बड़ा कर देते हैं तथा धड़कन धीमी कर देते हैं। बहुत-से अच्छे प्रशिक्षित एथलीटों/खिलाड़ियों की धड़कन 40 से 60 प्रति मिनट होती है।
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| {फिटनेस क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
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| +किसी की अंत: शक्तियों की क्षमता
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| -धनी
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| -स्वस्थ
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| -छरहरा बदन
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| ||"फिटनेस या स्वस्थ्यता वह स्थिति है जो व्यक्ति द्वारा किए जा सकने वाले कार्यों की डिग्री या परिमाण को लक्षित करे। फिटनेस व्यक्तिगत मामला है। प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अंत: शक्ति के साथ अत्यधिक प्रभावी तरीके से क्रियांवित करने की योग्यता प्रदान करती है। कार्य करने की क्षमता या योग्यता फिटनेस के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं सामाजिक तत्त्वों पर निर्भर करती है, ये सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं एवं परस्पर अन्योन्याश्रित हैं।"
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| {ध्यानचंद्र स्टेडियम स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| +[[लखनऊ]] में
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| -[[नई दिल्ली]] में
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| -[[जयपुर]] में
| |
| -[[हैदराबाद]] मे
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| ||मेजर ध्यानचंद्र स्टेडियम [[लखनऊ]] में स्थित है। [[हॉकी]] के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र की स्मृति में लखनऊ के स्टेडियम का नाम ध्यानचंद्र स्टेडियम रखा गया। ध्यानचंद्र के जन्म दिवस [[29 अगस्त]] को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। हॉकी [[भारत]] का [[राष्ट्रीय खेल]] है।
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| {ओलंपिक शहर विश्व के किस देश में स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| +ग्रीस
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| -[[जर्मनी]]
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| -[[इटली]]
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| -[[चीन]]
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| ||ओलंपिक शहर ग्रीस यूनान में स्थित है। प्राचीनकाल में ओलंपिया नामक स्थान पर यूनानी देवता 'जियुस' के सम्मान में प्रत्येक चार वर्षों में खेलों का आयोजन किया जाता था। अत: ओलंपिया स्थान पर खेले जाने के कारण ही इसका नाम ओलंपिक पड़ गया।
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| {खेल-कूद प्रशिक्षण में अतिभार का संबंध उस स्थिति से है जब- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-102
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| |type="()"}
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| -शरीर को आवश्यकतानुसार आपूर्ति के लिए पर्याप्त [[ऑक्सीजन]] है।
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| -ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली क्रियाविधि इसे बढ़ाने में सक्षम नहीं है।
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| +[[ऑक्सीजन]] का अंतर्ग्रहण, शरीर की मांग को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है।
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| -ऑक्सीजन की आपूर्ति, अपेक्षित मात्रा से अधिक है।
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| ||खेल-कूद प्रशिक्षण में अतिभार का संबंध अतिभार के सिद्धांत से है, जिसके द्वारा किसी प्रशिक्षु पर अतिरिक्त भार या कार्य भार बढ़ा कर अभ्यास कराया जाता है। इस दौरान [[ऑक्सीजन]] का अंतर्ग्रहण, शरीर की मांग को पूरा करने के लिए अपर्याप्त होता है।
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| {मुख्य श्वसन अंग कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-13
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| |type="()"}
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| -[[नाक]]
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| -[[हृदय]]
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| -कंठ
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| +[[फेफड़ा|फेफड़े]]
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| ||हवारोधक थोरेसिक कोठरी में एक जोड़ी [[फेफड़ा|फेफड़े]] स्थित होते हैं। इसके आस-पास कान्वेक्स मांसपेशियां तथा इलास्टिक शीट होती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। फेफड़ों द्वारा श्वसन प्रक्रिया को पल्मोनरी श्वसन कहते हैं।
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| {वर्ष [[2010]] विश्वकप फ़ुटबॉल में 'गोल्डन बूट' किस खिलाड़ी ने जीता? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-3
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| |type="()"}
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| -डेविल विला
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| -लियोनिल मेसी
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| +थॉमस मुलर
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| -काका
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| ||वर्ष [[2010]] विश्व कप फ़ुटबॉल में 'गोल्डन बूट' का पुरस्कार [[जर्मनी]] के थॉमस मुलर को दिया गया था। विश्व कप फ़ुटबॉल [[2014]] में 'गोल्डन बूट' का पुरस्कार कोलंबिया के जेम्स रोड्तीगुएज को तथा गोल्डन बॉल का खिताब अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी को मिला। वर्ष 2018 का फ़ुटबॉल विश्व कप [[रूस]] में एवं वर्ष 2022 का फ़ुटबॉल विश्व कप कतर में आयोजित किया जाएगा।
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| {[[अंजू बॉबी जॉर्ज]] संबंधित हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-3
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| |type="()"}
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| -ऊंची कूद से
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| -त्रिकूद से
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| +लंबी कूद से
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| -बांस कूद से
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| ||[[अंजू बॉबी जॉर्ज]] लंबी कूद से संबंधित हैं। उन्होंने [[2003]] में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था।
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| {"शिक्षा से मेरा अभिप्राय बच्चे और बड़ों के शरीर, मन और आत्मा के सर्वोन्मुखी विकास से है।"- शिक्षा की यह परिभाषा किसने दी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
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| -[[स्वामी विवेकानंद]]
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| +[[महात्मा गांधी]]
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| -[[रवींद्रनाथ टैगोर]]
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| -टी.पी. नन
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| ||शिक्षा को परिभाषित करते हुए [[महात्मा गांधी]] ने कहा है "शिक्षा से मेरा अभिप्राय बच्चे और बड़ों के शरीर, मन और आत्मा के सर्वोन्मुखी विकास से है।"
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| {[[तक्षशिला विश्वविद्यालय]] किस प्रशिक्षण के लिए अद्वितीय था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-3
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| |type="()"}
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| -घुड़दौड़
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| -बैलगाड़ी-चालन
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| +घनुर्विद्या
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[तक्षशिला विश्वविद्यालय]] में तीरंदाजी (धनुर्विद्या) की बहुत उच्च शिक्षा दी जाती थी। यह [[भारत]] में स्थापित विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय था जिसकी स्थापना 700 ईसा पूर्व में की गई थी।
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| {वेंट्रिकल से प्रति मिनट निष्कासित रक्त की मात्रा कहलाती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-113
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| |type="()"}
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| -कार्डिएक साइकिल
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| +कार्डिएक आउटपुट
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| -कार्डिएक वॉल्यूम
| |
| -हर्ट वॉल्यूम
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| ||1 मिनट में प्रत्येक निलय द्वारा पंप किए गए रक्त की कुल मात्रा हृदयी निर्गत या कार्डिएक आउटपुट कहलाती है। इसका मान 5.04 लीटर होता है।
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| {[[हृदय]] के निर्गत (Output) का सामान्य मान क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-4
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| |type="()"}
| |
| +5.04 लीटर/मिनट
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| -5.50 लीटर/मिनट
| |
| -6.00 लीटर/मिनट
| |
| -4.50 लीटर/मिनट
| |
| ||हृदय के निर्गत (Output) का सामान्य मान 5.04 लीटर/मीनट है। [[हृदय]] के दाएं व बाएं में से किसी एक वेंटिकल द्वारा एक मिनट में पंप किए गए रक्त की मात्रा को हृदय की निवास क्षमता कहते हैं अथवा हृदय की निकास क्षमता=धड़कनों का आयतन X हृदय की धड़कनों की दर =70x72 मीली./मिनट; =5040 मिली./मीनट; =5.04 लीटर/मिनट
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| {कॉर्पोरेशन स्टेडियम स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -[[नई दिल्ली]] में
| |
| -[[मुंबई]] में
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| -[[कोलकाता]] में
| |
| +[[चेन्नई]] में
| |
| ||[[चेन्नई]] में स्थित कॉर्पोरेशन स्टेडियम [[भारत]] का एक बहुउद्देशीय स्टेडियम है। इसे वर्तमान में नेहरू स्टेडियम के नाम से जाना जाता है।
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| {सबसे कम आयु में शतक बनाने वाला भारतीय क्रिकेटर कौन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| +[[सचिन तेंदुलकर]]
| |
| -[[कपिल देव]]
| |
| -[[रवि शास्त्री]]
| |
| -[[सुनील गावस्कर]]
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| ||सबसे कम आयु में शतक बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर [[सचिन तेंदुलकर]] हैं। इन्होंने महज 17 वर्ष, 107 दिन की उम्र में [[9 अगस्त]], [[1990]] को मैनचैस्टर में [[इंग्लैंड]] के विरुद्ध खेले गये टेस्ट मैच में नाबाद 119 रन बनाए थे।
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| {AAHPERD परीक्षण युवा में------- की माप करने से संबंधित है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-103
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| |type="()"}
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| -सामान्य मोटर योग्यता
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| +मोटर फिटनेस
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| -मोटर शिक्षाणीयता
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| -ये सभी
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| ||अमेरिकी संगठन AAHPERD का पूरा नाम 'अमेरिका एलिआंस फॉर हेल्थ, फिजिकल एजुकेशन, रिक्रिएशन एंड डांस' है। AAHPERD परीक्षण युवा में 'मोटर फिटनेस' की माप से संबंधित है।
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| {किस रक्त वर्ग (Blood Group) के व्यक्ति को 'सर्वप्रदाता' कहते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-14
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| |type="()"}
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| -रक्त वर्ग 'AB'
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| -रक्त वर्ग 'A'
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| +रक्त वर्ग 'O'
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| -रक्त वर्ग 'B'
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| ||रक्त वर्ग 'AB' को सर्वग्राही एवं रक्त वर्ग 'O' को सर्वप्रदाता कहते हैं। रक्त वर्ग 'O' में कोई इंटीजन नहीं पाया जाता जबकि दोनों एंटीबॉडी (एंटीबॉडी A तथा एंटीबॉडी B) उपस्थित होते हैं। रक्त वर्ग 'AB' में दोनों प्रतिजन या एंटीजन (A तथा B) उपस्थित होते हैं जबकि कई प्रतिरक्षी या एंटीबॉडी नहीं पाया जाता है।
| |
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| {निम्न में से कौन-सा पोषक तत्त्व गर्मी एवं ताकत प्रदान करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -[[प्रोटीन]]
| |
| +[[कार्बोहाइड्रेट|कार्बोहाइड्रेट्स]]
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| -[[विटामिन]]
| |
| -[[जल]]
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| ||स्वस्थ [[मानव शरीर|शरीर]] के लिए शरीर में संतुलित पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है। प्रमुख पोषक तत्त्वों का विवरण निम्न है- [[कार्बोहाइड्रेट|कार्बोहाइड्रेट्स]]- यह शरीर में ताकत ([[ऊर्जा]]) उत्पन्न करने का प्रमुख स्त्रोत है। यह शरीर को शक्ति तथा गर्मी प्रदान करने के लिए चर्बी ([[वसा]]) की भांति कार्य करता है। यह चर्बी की अपेक्षा शरीर में जल्दी पच जाती है। प्रोटीन- पेशियों व अन्य शारीरिक [[ऊतक|ऊतकों]] के विकास व मरम्मत के लिए बहुत आवश्यक है। वसा- यह संचित ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है एवं चर्बी (वसा) में घुलने वाले [[विटामिन|विटामिनों]] के संबंध में महत्त्वपूर्ण है। विटामिन- पानी व वसा में घुलने वाले कई विटामिन-समूह शरीर के अंदर कई रासायनिक प्रक्रियाओं के महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खनिज- ये शरीर के सामान्य उपापचयी क्रियाओं के लिए आवश्यक तत्त्व होते हैं।
| |
| | |
| {बास्केटबॉल रिंग का व्यास क्या है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-4
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| |type="()"}
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| +45 सेमी.
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| -55 सेमी.
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| -48 सेमी.
| |
| -52 सेमी.
| |
| ||बास्केटबॉल रिंग का अंदर की तरफ से व्यास 45 सेमी. होता है। परंतु अन्य स्त्रोतों से रिंग का व्यास 18 इंच (लगभग 46 से.मी.) भी पाया गया है।
| |
| | |
| {निम्न में से कौन-सी मांसपेशी कमर की सबसे चौड़ी मांसपेशी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -ट्रेपिजियस
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| +लेटिसमस डार्सी
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| -लीवेटर स्केपुली
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| -रोहमबोइड्स मेजर
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| ||'लेटिसमस डार्सी' कमर की सबसे चौड़ी मांसमेशी है। ट्रेपिजियस, कंधे की मांसपेशी है। 'रोहमबोइड्स मेजर डेल्टाइड के निचले भाग की मांसपेशी है।
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| {मानव शरीर में पानी की मात्रा होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-4
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| |type="()"}
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| +60%-70%
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| -65%-70%
| |
| -70%-75%
| |
| -75%-80%
| |
| ||मानव के शारीरिक वज़न का लगभग 60 से 70% हिस्सा पानी से बना है। इसमें भी अधिकतर पानी कोशिकाओं के अंदर होता है। पानी हमारे शरीर के आणविक कणों व प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है।
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| {अग्रबाहु (Forearm) की दो अस्थियां कहलाती हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-114
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| |type="()"}
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| -वर्टेब्रा
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| -टिबिया-फिबुला
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| +रेडियस-अल्ना
| |
| -ऐटलेस
| |
| ||अग्रबाहु अथवा कलाई की अस्थियां रेडियस एवं अल्ना हैं। टिबिया एवं फिबुला अस्थियां टांग की अस्थियां हैं। वर्टेब्रा रीढ़ की हड्डी को कहते हैं। एटलस हड्डी पर खोपड़ी टिकी होती है।
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| | |
| {लचीलापन क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| +गरिशीलता
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| -स्वस्थ (फिट)
| |
| -सक्रिय
| |
| -दीर्घायु
| |
| ||लचीलापन क्रियाओं की श्रृंखला के माध्यम से एक संयुक्त क्रिया को संपन्न करने की क्षमता है। किसी भी क्रिया में पेशियों के दो समूह काम करते हैं- <br />
| |
| 1. प्रोटागोनिस्टिक पेशी जिसके कारण क्रिया होती है। <br />
| |
| 2.क्रियाओं का विरोध एवं लोचशीलता का निर्धारण एंटागोनिस्टिक पेशी करती है।<br />
| |
| अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य— <br />
| |
| लोचशीलता के प्रतिक्षण का लक्ष्य एंटागोनिस्टिक पेशी में सुधार लाना है।<br />
| |
| लचीलापन खिलाड़ियों की तैयारी का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। यह उनके अंदर हरकत या चालों की सीमा को बढ़ाता है जिससे उनका तकनीकी विकास संभव होता है। साथ ही लचीलापन खिलाड़ियों को चोटों से भी बचाता है।<br />
| |
| लचीलापन हासिल करने के लिए अलग-अलग तकनीकों को तीन वर्गों में बांटा जा सकता है- स्टैटिक, बैलेस्टिक एवं एसिस्टिड।
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| | |
| {ओलंपिक प्रतीक में चक्रों की कुल संख्या है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-4
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| |type="()"}
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| -7
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| -6
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| +5
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| -4
| |
| ||आधुनिक [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेल प्रतियोगिता]] का प्रारंभ [[6 अप्रैल]], 1896 को [[फ्रांस]] के पियरे डी कुबर्टिन के प्रयासों से यूनान के एथेंस शहर में हुआ। ओलंपिक ध्वज के प्रतीक में चक्रों की संख्या 5 है जो विश्व के पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रतियोगिता प्रत्येक चार वर्ष बाद आयोजित की जाती है।
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| | |
| {क्लोरोफिल किस रंग का होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -[[काला रंग|काला]]
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| -[[लाल रंग|लाल]]
| |
| -[[सफेद रंग|सफेद]]
| |
| +[[हरा रंग|हरा]]
| |
| ||क्लोरोफिल (पर्णहरित) हरे रंग का एक [[प्रोटीन]] युक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। क्लोरोफिल ही पेड़-पौधों के पत्तों के हरे रंग के लिए उत्तरदायी होता है। यह प्रकाश-संश्लेषण का मुख्य वर्णक है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहते हैं।
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से क्या आनुवंशिक अक्षयनिधि के रूप में जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-104
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| |type="()"}
| |
| -सहनशक्ति
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| -लचीलापन
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| +तेजी (तीव्रता)
| |
| -सामर्थ्य
| |
| ||आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जो उत्पति मूलक विज्ञान से जुड़ी है। कुछ विशेषताएं एवं विशिष्टताएं ऐसी हैं जो बच्चों को अपने माता-पिता के जीवन से मिलती हैं जो विशेषताएं अगली पीढ़ी को हस्तांतारित हो सकती हैं- उनमें ऊंचाई, शरीर, रचना-गति, फुर्ती, बुद्धि, स्वभाव दैहिक क्रियाशीलता आदि शामिल हैं।
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| | |
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| | |
| {इनमें से कौन-सा संक्रामक रोग है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-24 प्रश्न-15
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| |type="()"}
| |
| +वाइरल बुख़ार
| |
| -हड्डी का टूटना
| |
| -कैंसर
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| -दिल का दौरा
| |
| ||वाइरल बुख़ार (Viral Fever) वाइरसों के संक्रमण से फैलता है। यह किसी अन्य बीमारी में होने पर उसे और घातक बना देता है। उदाहरणार्थ हेपेटाइटिस तीव्र संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस द्वारा फैलता है। यह वायरस लीवर पर हमला करता है, जिससे रोगी में तेज़ ज्वर हो जाता है।
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| | |
| {'[[आयरन]]' किस खाद्य सामग्री में उपलब्ध है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अंडा|अंडे]] एवं मांस
| |
| -पनीर
| |
| -हरी सब्जियां
| |
| +इनमें से सभी
| |
| ||[[आयरन]] ([[हीमोग्लोबिन]]) [[लाल रक्त कोशिका|लाल रक्त कोशिकाओं]] में [[ऑक्सीजन]] युक्त [[यौगिक]] पैदा करने में सहायक होता है। यह खनिज, मांस, [[मछली]], जिगर, [[अंडा|अंडों]], हरी सब्जियों, शलजम, पनीर, गेहूं व खमीर से मिलता है। शरीर को प्रतिदिन लगभग 10 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है।
| |
| | |
| {'मैराथन दौड़' की दूरी क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -42.185 किमी.
| |
| +42.195 किमी.
| |
| -42.165 किमी.
| |
| -42.175 किमी.
| |
| | |
| {[[भारतीय खेल प्राधिकरण]] की स्थापना कब हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -सन [[1982]] में
| |
| -सन [[1983]] में
| |
| +सन [[1984]] में
| |
| -सन [[1985]] में
| |
| ||[[भारतीय खेल प्राधिकरण]] यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [[1982]] में [[नई दिल्ली]] में नौवें एशियाई खेलों का उत्तरवर्ती संगठन है जिसे रजिस्ट्रेशन ऑफ़ सोसाइटीज एक्ट, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया। [[भारत सरकार]] के खेल विभाग ने इस भारतीय खेल प्राधिकरण विषयक प्रस्ताव (1-1/83/SAI) को [[25 जनवरी]], [[1984]] को सर्वसम्मति से पास कर दिया।
| |
| | |
| {[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी को कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -टीबिया
| |
| -मेटाटार्सल
| |
| -फेलेंज
| |
| +स्टेपीज
| |
| ||[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी स्टेपीज है जो [[कान]] में पाई जाती है। कान में कुल छ: हड्डियां पाई जाती हैं, जिसमें मैलियस, इनकम एवं स्टेपीज की एक-एक जोड़ी हड्डियां होती हैं। यह छोटी हड्डियां हैं जिन्हें श्रवणात्मक हड्डियां अथवा कान की हड्डियां हैं। टीबिया हड्डी टांग के अग्र भाग में पाई जाती है।
| |
| | |
| {खोपड़ी हड्डी (Skull Bone) की अस्थि संधि को कहते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-115
| |
| |type="()"}
| |
| -आर्टिफैक्ट
| |
| -संधि या जोड़
| |
| -रिज
| |
| +सूचर (Suture)
| |
| ||सूचर (Suture) प्रकार के जोड़ों को फाइब्रस संधि भी कहा जाता है, क्योंकि ये जोड़ फाइब्रस ऊतकों के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं। ये जोड़े पूर्णतया अचल होते हैं अर्थात इन जोड़ों में किसी प्रकार की कोई गति नहीं होती है। इस प्रकार के जोड़े हमारी खोपड़ी तथा चेहरे में (जबड़े को छोड़कर) पाए जाते हैं।
| |
| | |
| {WHO का पूर्ण रूप क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -Why Health Organisation
| |
| -World Health Office
| |
| +World Health Organisation
| |
| -World Health Offer
| |
| ||WHO का पूर्ण रूप (विश्व स्वास्थ्य संगठन) World Health Organisafion है। इसकी स्थापना वर्ष [[1948]] में की गई थी।
| |
| | |
| {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] का लक्ष्य (मोटो) है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -ब्रेव्हर, हायर, फ़्रेंडली
| |
| +फ़ास्टर, हायर, स्ट्रांगर
| |
| -फ़्रेंडली, ब्रेव्हर, स्वीमर
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेल प्रतियोगिता]] का आदर्श वाक्य -साइटियस, अल्टियस, फोरटियस है। लैटिन भाषा के इस आदर्श वाक्य का अर्थ तेज़ दौड़ना (faster) , ऊंचा उठना (Higher) तथा शक्ति से भरपूर (Stronger) होता है।
| |
| | |
| {[[लाल रक्त कोशिका|लाल रक्त कणों]] का जीवनकाल होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| +120 दिन
| |
| -110 दिन
| |
| -105 दिन
| |
| -100 दिन
| |
| ||[[लाल रक्त कोशिका|लाल रक्त कणों]] का जीवनकाल वयस्कों में 120 दिनों का होता है। लाल रक्त कणिकाओं को एरिथ्रोसाइट्स भी कहते हैं जो कि सिर्फ़ कशेरुकियों के [[रुधिर]] में होते हैं। लाल रक्त कणिकाओं का [[लाल रंग|रंग लाल]], उनमें [[हीमोग्लोबिन]] नामक [[प्रोटीन]] के [[ऑक्सीजन]] से संयुक्त होने के कारण होता है।
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से क्या स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबंधित नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-105
| |
| |type="()"}
| |
| +कॅरियर संबंधी परामर्श
| |
| -स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड रखना
| |
| -साफ़-सफ़ाई (स्वच्छता)
| |
| -रोग का उपचार
| |
| | |
| | |
| | |
| | |
| {[[विटामिन डी|विटामिन 'डी']] का एक मुख्य स्त्रोत है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-24 प्रश्न-16
| |
| |type="()"}
| |
| +[[सूर्य]] की रोशनी
| |
| -अत्यधिक [[पानी]]
| |
| -संतुलित भोजन
| |
| -[[फल]]
| |
| ||[[विटामिन डी]] की कमी से बच्चों में रिकेट्स, वयस्क में ऑस्टिओमैलेसिया एवं वृद्धजनों में ऑस्टिओपोरोसिस नामक रोग हो जाता है। [[सूर्य]] की किरणें, [[अंडा|अंडे]] व [[मछली]] का तेल आदि इस [[विटामिन]] के मुख्य स्त्रोत हैं।
| |
| | |
| {निम्नलिखित में कौन वॉलीबॉल का मूलभूत कौशल है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -रोलिंग पास
| |
| -ड्रिबलिंग
| |
| +ओवर हेड पास
| |
| -पुश पास
| |
| ||वॉलीबॉल के मूल कौशल निम्न हैं *सार्विस *पासिंग एवं प्लेसिंग (चेस्ट पास, अंडर आर्म पास, ओवर हेड पास) *स्पाइकिंग एवं अटैक अथवा स्मैशिंग *बूस्टिंग *ब्लॉकिंग तथा *रिवर्स नेट बॉल।
| |
| | |
| {[[खो-खो]] में [[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] किसे प्राप्त हुआ है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| +फड़के गोपाल पुरुषोत्तम
| |
| -हरगोविंद संधु
| |
| -रनवीर सिंह
| |
| -गोपाल सैनी
| |
| ||[[खो-खो]] में [[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] अब तक केवल एक बार वर्ष [[2000]] में फड़के गोपाल पुरुषोत्तम को दिया गया था।
| |
| | |
| {शारीरिक शिक्षा का ध्येय है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -शक्ति प्रदान करना
| |
| -नौकरी प्राप्त करना
| |
| +मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना
| |
| -केवल शरीर को स्वस्थ रखना
| |
| ||शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य या महत्ता का सार निम्नलिखित है-
| |
| .व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास .शारीरिक वृद्धि एवं विकास
| |
| .बौद्धिक विकास .भावनात्मक विकास
| |
| .सामाजिक समायोजन .व्यक्ति व समायोजन
| |
| .चारित्रिक विकास .शारीरिक विकास
| |
| .मानसिक विकास .न्यूरोपेशी विकास
| |
| .स्वस्थ संवेग अभिव्यक्ति .सांस्कृति विकास
| |
| .नेतृत्व गुण .स्वास्थ्य एवं सुरक्षा आदतें
| |
| .लोकतांत्रिक मूक्य।
| |
| | |
| {[[क्रिकेट]] के किस खिलाड़ी को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -इमरान ख़ान को
| |
| -वसीम अकरम को
| |
| -जहीर खान को
| |
| +शोएब अख्तर को
| |
| ||[[पाकिस्तान]] के तेज़ गेंदबाज शोएब अख्तर को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है।
| |
| | |
| {[[मानव शरीर|शरीर]] की सबसे बड़ी ग्रंथि है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-116
| |
| |type="()"}
| |
| -लार-ग्रंथि
| |
| +यकृत-ग्रंथि
| |
| -पिट्यूटरी-ग्रंथि
| |
| -थायरॉयड ग्रंथि
| |
| ||[[यकृत]] (Liver) [[मानव शरीर]] की सबसे बड़ी ग्रंथि है। इसका वज़न लगभग 1.5 से 2 किग्रा. होता है। यकृत द्वारा ही पित्त स्त्रावित होता है। यह [[विटामिन ए|विटामिन-A]] का संश्लेषण करता है। यकृत प्रोटीन विघटन के फलस्वरूप उत्पन्न विषैले [[अमोनिया]] को [[यूरिया]] में परिवर्तित कर देता है। [[कार्बोहाइड्रेट]] उपापचय के अंतर्गत यकृत [[रक्त]] के [[ग्लूकोज]] वाले भाग को ग्लाइकोजन में परिवर्तित कर देता है और संचित पोषक तत्त्वों के रूप में यकृत कोशिका में संचित कर लेता है।
| |
| | |
| {अच्छी निद्रा के लिए भारी व्यायाम अच्छा है-(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -हां
| |
| +नहीं
| |
| -कभी-कभी
| |
| -कभी नहीं
| |
| ||अच्छी निद्रा के लिए भारी व्यायाम अच्छा नहीं है। हल्का व्यायाम, टहलना एवं अच्छी दिनचर्या निद्रा के लिए लाभकारी होता है।
| |
| | |
| {ओलंपिक मशाल सर्वप्रथम कब जलाया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| +[[1928]] में
| |
| -[[1929]] में
| |
| -1828 में
| |
| -1728 में
| |
| ||वर्ष [[1928]] के एम्सटर्डम खेलों से ओलंपिक मशाल प्रज्जवलित करने की प्रथा बनी। यह मशाल सूर्य किरणों से प्रज्जवलित की जाती थी तथा अनेक धावकों द्वारा आयोजन स्थल तक लाई जाती थी। | |
| | |
| {टायलिन पाया जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -[[जठर]] में
| |
| +[[लार]] में
| |
| -अग्न्याशयी रस में
| |
| -आंत्रीय रस में
| |
| ||टायलिन नामक एंजाइम [[लार]] में पाया जाता है जो [[मंड]] (Starch) को माल्टोज तथा डेक्सट्रिन (Dextrin) में तोड़ने का कार्य करता है।
| |
| | |
| {[[लैक्टिक अम्ल]] निम्न में से किसका उपोत्पाद है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-106
| |
| |type="()"}
| |
| -वायवीय उपापचय
| |
| -[[प्रोटीन]] उपापचय
| |
| -[[ऑक्सीकरण]] (उपचयन)
| |
| +अवायवीय उपापचय
| |
| ||सक्रिय शारीरिक कार्य या व्यायाम के समय पेशियों में [[ऊर्जा]] का व्यय बहुत बढ़ जाता है जिससे [[ग्लूकोज]] का जारण तीव्र होने लगता है परंतु [[फेफड़ा|फेफड़े]] इसके लिए आवश्यक [[ऑक्सीजन]] की पूर्ति नहीं कर पाते। अत: अवायवीय उपापचय के फलस्वरूप ग्लूकोज के अधूरे जारण से पेशी तंतुओं में [[लैक्टिक अम्ल]] बनने लगता है।
| |
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| | |
| {'[[वसा]]' में घुलनशील [[विटामिन]] कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-17
| |
| |type="()"}
| |
| -[[विटामिन ए|ए]], बी, [[विटामिन सी|सी]], [[विटामिन डी|डी]]
| |
| -बी, सी, ई, के
| |
| -ए, बी, डी, के
| |
| +[[विटामिन ए|ए]], [[विटामिन डी|डी]], ई, [[विटामिन के|के]]
| |
| ||[[विटामिन]] रासायनिक रूप में कार्बनिक यौगिक होते हैं। इनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती हैं। ये मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं- 1. [[जल]] में घुलनशील एवं (2) [[वसा]] में घुलनशील, [[विटामिन]] B एवं [[विटामिन सी|C]] [[जल]] में घुलनशील होते हैं जबकि [[विटामिन ए|विटामिन A]], [[विटामिन डी|D]], E एवं [[विटामिन के|K]] [[वसा]] में घुलनशील होते हैं।
| |
| | |
| {'पुरस्कार एवं दंड' सीखने के किस नियम का प्रतिरूप है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -तत्परता का नियम
| |
| -अभ्यास का नियम
| |
| +प्रभाव का नियम
| |
| -उत्तेजक की तीव्रता का नियम
| |
| ||थार्नडाइक ने सीखने के तीन नियम दिए हैं- 1.तैयारी का नियम- तैयारी से व्यक्ति ज्यादा तेज़ी एवं प्रभावी तरीके से सीखता है, इस तैयारी के दृष्टिकोण को 'माइंडसेट' भी कहा जाता है। गर्माने का सिद्धांत इसी नियम पर आधारित है। 2.अभ्यास का नियम- बार-बार दुहराने से प्रक्रिया स्वत: होती रहती है। यह नियम बहुत कुछ उपयोग एवं अनुपयोग की तरह है। 3.प्रभाव का नियम- थार्नडाइक के अनुसार, खीझ की बजाय संतोष, सीखने में वृद्धि करता है। इस नियम को 'संतुष्टि के नियम' के नाम से भी जाना जाता है। पुरस्कार एवं दंड भी इसी नियम पर आधारित हैं एवं सीखने के सभी घटक इसी नियम के अधीन हैं।
| |
| | |
| {[[हॉकी]] के मैच की खेल अवधि क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -55 मिनट
| |
| -60 मिनट
| |
| -65 मिनट
| |
| +70 मिनट
| |
| ||हॉकी के नए नियमों ([[1 सितंबर]], [[2014]] से लागू) के अनुसार 15 मिनट के चार क्वार्टर होते हैं। पहले और तीसरे क्वार्टर के बाद 2 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा। हाफ़ टाइम के 10 मिनट को परिवर्तित नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त FIH ने गोल करने के बाद एवं पेनल्टी कॉर्नर दिए जाने के अवसर पर 40 सेकंड के टाइम-आउट को भी स्वीकृत दी है। इससे पूर्व हॉकी में खेल अवधि में 35 मिनट के दो हाफ़ होते थे। चूंकि प्रश्न परीक्षा वर्ष [[2009]] का है।
| |
| | |
| {'ऑपरेशन ओलंपिक' का संबंध है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -खेल मंत्रालय से
| |
| -खेल विकास प्राधिकरण से
| |
| -पुलिस बल से
| |
| +[[भारतीय सेना|सेना]] से
| |
| ||[[भारतीय सेना]] ने [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में ज्यादा-से-ज्यादा पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए [[सितंबर]], [[2003]] में 'ऑपरेशन ओलंपिक' लॉन्च किया था।
| |
| | |
| {'क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन ([[लखनऊ]]) की स्थापना हुई थी- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -[[1931]] में
| |
| +[[1932]] में
| |
| -[[1933]] में
| |
| -[[1934]] में
| |
| ||अमेरिकन समाज द्वारा 'क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन' की स्थापना वर्ष [[1932]] में [[लखनऊ]] में की गई थी।
| |
| | |
| {हिंज संधि को कहा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-117
| |
| |type="()"}
| |
| +मूवेबुल ज्वॉइंट
| |
| -साइनोविअल ज्वॉइंट
| |
| -फिक्सड ज्वॉइंट
| |
| -रोटेशनल ज्वॉइंट
| |
| ||कब्जेदार जोड़ अर्थात हिंज संधि में अस्थियों के सिरे आपस में इस तरह से जुड़े होते हैं कि गति केवल एक ओर हो सकती है अर्थात ये जोड़ ठीक उसी प्रकार कार्य करते हैं, जैसे दरवाज़े के कब्जे। इस प्रकार के जोड़ कोहनी, घुटने और अंगुलियों में होते हैं। हिंज ज्वॉइंट में असीमित गति वाले जोड़ होते हैं।
| |
| | |
| {कायफोसिस और पीठ के अन्य दोषों के लिए क्या आप किसी सरलतम व्यायाम का सुझाव दे सकते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| -दौड़ना
| |
| -सोना
| |
| -फेंकना
| |
| +तैरना
| |
| ||नियमित व्यायाम अथवा समुचित व्यायाम द्वारा तनाव क़ायम रखने वाली पेशियों को मज़बूती प्रदान कर उनके तनाव को विकसित किया जा सकता है। अत्यधिक गुरुत्वीय तनाव को कम करके सिर को पुन: यथा स्थान पर लाया जा सकता है। कायफोसिस (कुबड़ापन) और पीठ के अन्य विसंगतियों की रोकथाम के लिए तैरने का व्यायाम तथा चक्रासन एवं भुजंग आसन आदि बहुत महत्त्वपूर्ण चिकित्सकीय उपाय हैं। इन व्यायामों को कायिक चिकित्सक अथवा विशेषज्ञ की सलाह से ही अपनाना चाहिए।
| |
| | |
| {निम्नलिखित में से किस क्रिकेट खिलाड़ी ने तीन महादेशों के लिए क्रिकेट खेला? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -[[सुनील गावस्कर]]
| |
| -एलन बार्डर
| |
| -केपरल वेसेल्स
| |
| +इनमें से कोई नहीं
| |
| ||[[क्रिकेट का इतिहास|क्रिकेट के इतिहास]] में अब तक एक भी खिलाड़ी ऐसा नहीं हैं जिसने तीन महादेशों का प्रतिनिधित्व किया हो। दिए गए विकल्पों के आधार पर केपलर वेसेल्स को दक्षिण [[अफ़्रीका]] और [[ऑस्ट्रेलिया]] के लिए क्रिकेट खेलने का श्रेय प्राप्त है।
| |
| | |
| {[[मानव शरीर]] का सबसे व्यस्त अंग कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| -[[यकृत]]
| |
| +[[हृदय]]
| |
| -[[वृक्क]]
| |
| -सभी
| |
| ||[[मानव शरीर]] का सबसे व्यस्त अंग [[हृदय]] होता है। यह सामान्यत: एक मिनट में 75 बार स्पंदन करता है। हृदय का प्रमुख कार्य शरीर के विभिन्न अंगों में रुधिर पहुंचाना होता है। इस क्रिया को करने के लिए हृदय प्रत्येक समय सिकुड़ता तथा फैलता है। हृदय के सिकुड़ने को प्रकुंजन तथा फैलने को अनुशिथिलन कहते हैं। यह प्रक्रिया मानव शरीर में निरंतर चलती रहती हैं। इसी कारण हृदय को सबसे व्यस्त अंग कहा जाता है।
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| {[[मछली]] में पाया जाने वाला महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-107
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| |type="()"}
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| +ओमेगा-3
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| -[[विटामिन के]]
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| -[[जस्ता]]
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| -[[ताम्र]]
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| ||[[मछली]] में पाया जाने वाला महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व ओमेगा-3 (फैटी एसिड) पाया जाता है।
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| {बॉस्केटबॉल की बॉल का भार कितना होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-18
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| |type="()"}
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| +625 ग्राम
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| -624 ग्राम
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| -626 ग्राम
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| -627 ग्राम
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| {सामाजिक एवं सांस्कृतिक भिन्नता किस कारण होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-50 प्रश्न-8
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| |type="()"}
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| -वंशानुक्रम कारक के कारण
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| -पर्यावरणीय कारक के कारण
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| +भौगोलिक बाधाओं के कारण
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| -परिपक्वता के कारण
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| ||सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता या भिन्नता भौगोलिक बाधाओं के कारण होती है। संस्कृति किसी समूह (व्यक्तियों का) का समाज के जीने के तरीक़े, आचार, व्यवहार, खान-पान तथा पोशाक को तथा उसमें स्थानीयता के भाव को समाविष्ट करती है।
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| | |
| {प्राण वायु कौन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-8
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| |type="()"}
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| -कार्बन डाईऑक्साइड
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| +[[ऑक्सीजन]]
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| -[[हाइड्रोजन]]
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| -[[नाइट्रोजन]]
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| ||[[ऑक्सीजन]] (O<sub>2</sub>) को प्राण वायु कहा जाता है। आयतन के विचार से [[वायु]] में लगभग 21% मात्रा ऑक्सीजन की होती है। [[मानव शरीर]] में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्त्व ऑक्सीजन है।
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| {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में ओलंपिक शुभंकर की प्रथा औपचारिक रूप से शुरू हुई- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-79 प्रश्न-8
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| |type="()"}
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| -पेरिस, [[फ़्राँस]]
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| -लॉस एंजिल्स
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| +म्युनिख, [[जर्मनी]]
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| -[[लंदन]], [[इंग्लैंड]]
| |
| ||[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेल समारोह]] में शुभंकर की परंपरा की औपचारिक शुरुआत [[1972]] के म्युनिख ओलंपिक से हुई। शुभंकर का चयन मेजबान देश अपनी संस्कृति एवं परंपराओं के अनुरूप करता है। प्रथम ओलंपिक शुभंकर का नाम वाल्डी (Waldi) रखा गया था।
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| {[[एशियाई खेल|प्रथम एशियाई खेल समारोह]], [[1951]] का उद्घाटन किसके द्वारा किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-8
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| |type="()"}
| |
| -[[पं. जवाहरलाल नेहरू]] द्वारा
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| +[[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] द्वारा
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| -कमाल पाशा द्वारा
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| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||प्रथम एशियाई खेल वर्ष [[1951]] में [[4 मार्च]] से [[11 मार्च]] के मध्य [[नई दिल्ली]] में आयोजित किए गए। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]] और खेलों का उद्घाटन [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] ने किया।
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| {रक्त शर्करा स्तर बढ़ाने के लिए अग्याशय से उत्सर्जित [[हॉर्मोन]] है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-111 प्रश्न-119
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| |type="()"}
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| +ग्लूकॉगन
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| -[[इंसुलिन]]
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| -थायोरॉक्सिन
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| -नॉन-एपिनेफ्रीन
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| ||[[इंसुलिन]] अग्न्याशय के लैंगरहैंस की द्वीपिका के बीटा-कोशिश द्वारा स्त्रावित होता है। इसकी ख़ोज बैटिंग एवं वेस्ट ने की थी। यह [[ग्लूकोज]] से ग्लाइकोजन बनने की क्रिया को नियंत्रित करता है। इंसुलिन के अल्प स्त्रावण से [[मधुमेह]] (डायबिटीज) नामक रोग हो जाता है। [[रुधिर]] में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ना मधुमेह कहलाता है।
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| {[[मानव शरीर]] में कितने प्रकार के जोड़ होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| +3
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| -4
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| -2
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| -5
| |
| ||अस्थियों के जोड़- दो या दो से अधिक अस्थियों का संयोजन ही जोड़ कहलाता है। जोड़ों के अध्ययन को आर्थोलॉजी कहा जाता है। लंबी अस्थियों अपने सिरों से, बेडोल अस्थियों अपने तलों के कुछ भागों से तथा चपटी अस्थियों अपने किनारों से जोड़ों का निर्माण करती हैं। जोड़ों का वर्गीकरण इस आधार पर किया गया है कि जोड़े में किस सीमा तक गति हो सकती है। इस गति को आधार मानते हुए जोड़ों को निम्नलिखित तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया जा सकता है- 1.अचल जोड़ उदाहरण करोटि की विभिन्न हड्डियों के बीच टेढ़ी-मेढ़ी सीवनों जैसी संधियां। 2.थोड़ी गति वाली जोड़ उदाहरण श्रोणि मेखला के प्यूविस हड्डियों के बीच का जोड़ आदि। 3.सचल या असीमित गति वाली जोड़ पांच प्रकार की होती हैं- कंदुक-खल्लिका संधियां, कब्जा संधियां, सैडल संधियां, धुराग्र का खूंटीदार संधियां, प्रसार या विसर्पी संधियां।
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| | |
| {किसी एथलीट द्वारा व्यवहृत उपस्करों में से किसकी लंबाई मात्र 2.5 से.मी. ही होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-8
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| |type="()"}
| |
| -शू
| |
| -ग्लोव
| |
| -स्पाइक
| |
| +इनमें से कोई नहीं
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| |
| {[[श्वेत रुधिर कोशिका|श्वेत रुधिर कणिकाओं]] में सबसे बड़ी कणिका है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-150 प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -लिंफोसाइट्स
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| +मोनोसाइट्स
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| -इओसिनोफिल
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| -बेसोफिल
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| ||[[श्वेत रक्त कोशिका|श्वेत रक्त कण]] प्राय: मनुष्यों में पाए जाते हैं। उनकी संख्या [[लाल रक्त कोशिका|लाल रक्त कणों]] से कम होते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं- कणिकामय तथा कणिकाविहीन। श्वेत रुधिर कणिकाओं में सबसे बड़ी कणिका मानोसाइट्स होती है जिसका व्यास लगभग 12-20 माइक्रोमीटर (ųm) होता है। लिंफोसाइट का व्यास लगभग 17 माइक्रोमीटर (0.007 मिलीमीटर), बेसोफिल का व्यास लगभग 12-15 माइक्रोमीटर तथा इओसिनोफिल का व्यास लगभग 12-17 माइक्रोमीटर होता है।
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| | |
| {[[मानव शरीर|शरीर]] के वज़न के प्रत्येक कि.ग्रा. के लिए प्रति घंटे अपेक्षित मूल [[ऊर्जा]] लगभग---- कैलोरी होती है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-108
| |
| |type="()"}
| |
| +1.3
| |
| -1.5
| |
| -1.7
| |
| -1.9
| |
| ||[[मानव शरीर|शरीर]] के वज़न के हर एक किलोग्राम के लिए हर घंटे 1.3 कैलोरी [[ऊर्जा]] की आवश्यकता होती है। 50Kg वाले एथलीटों को रोजाना 1.3x24x250=1560 कैलोरी की कम-से-कम आवश्यकता पड़ेगी।
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| | |
| {'खो-खो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया' की स्थापना कब हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-19
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| |type="()"}
| |
| -[[1961]]
| |
| +[[1960]]
| |
| -[[1962]]
| |
| -[[1963]]
| |
| ||वर्ष [[1960]] में खो-खो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की स्थापना की गई। इसी वर्ष प्रथम राष्ट्रीय चैंपियनशिप (पुरुष) का अयोजन किया गया। वर्ष [[1961]] में महिलाओं की खो-खो चैंपियनशिप प्रतियोगिता शुरु की गई।
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| | |
| {निम्न में कौन-सा इवेंट डेकाथलान में सम्मिलित नहीं हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-50 प्रश्न-10
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| |type="()"}
| |
| -100 मीटर दौड़
| |
| -जेवलिन थ्रो
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| +800 मीटर दौड़
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| -लंबी कूद
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| ||डेकाथलान में निम्नलिखित 10 इवेंट्स होते हैं? 100 मी. दौड़, लंबी कूद, गोला फेंक, ऊंची कूद, 400 मी. दौड़, 10 मी. हर्डल्स, डिस्कस थ्रो, बांस कूद, भाला फेंक और 1500 मी. दौड़। हेपटेथलोन में निम्नलिखित 7 इवेंट्स होते हैं- 100 मी. हर्डल्स, लंबी कूद, गोला फेंक, ऊंची कूद, 200 मी. भाला फेंक एवं 800 मी. दौड़।
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|
| |
| {पिट्यूटरी ग्लैंड कहाँ स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| +[[मस्तिष्क]] की सतह में
| |
| -गर्दन में
| |
| -[[हृदय]] में
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||मुख्य ग्रंथियों के नाम एवं उनकी स्थिति निम्नलिखित हैं-
| |
| ग्रंथि स्थिति
| |
| पीयूष ग्रंथि (पिट्यूटरी ग्लैंड) क्रेनियल कोटर (दिमाग का आधार)
| |
| थॉयराइड ग्लैंड गर्दन
| |
| पैराथॉयराइड ग्रंथि गर्दन (थॉयराइड लैंड के पिछे)
| |
| एड्रीनल ग्रंथि (प्रत्येक किडनी के ऊपर)
| |
| पैंक्रियाज आमाश्य के नीचे
| |
| सेक्स ग्रंथि पेल्विक कोटर
| |
|
| |
| {शारीरिक शिक्षा को लोकप्रिय बनाने हेतु सबसे आवश्यक कार्य है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-79 प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| -समाज की जागरुकता
| |
| -विस्तृत प्रचार
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| +उपर्युक्त दोनों
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| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||जनता में शारीरिक शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न एवं विकसित करने के लिए उन्हें स्कूलों में आयोजित शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रमों से पूर्णरूपेण अवगत कराना चाहिए। जनसंपर्क तथा समाज की जागरूकता शारीरिक शिक्षा के प्रचार के प्रमुख साधन हैं। शारीरिक शिक्षा को लोकप्रिय बनाने हेतु साधन हैं- प्रदर्शनियां, [[खेल दिवस]], प्रदर्शन रैलियां, रेडियो, दूरदर्शन, पंफलेट आदि।
| |
| | |
| {'ओलंपिक गीत' की रचना किस देश के निवासी ने की थी? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-95 प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| -स्पेन
| |
| -[[फ़्राँस]]
| |
| +ग्रीस
| |
| -[[रोम]]
| |
| ||19वीं शताब्दी में ओलंपिक गान की रचना ग्रीस (यूनान) के संगीतकारों 'स्पिरोस सामारास' एवं 'कोस्तिस पालामास' ने की थी। वर्ष [[1958]] में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने इसे मान्यता प्रदान की। यह गान प्रत्येक [[ओलंपिक खेल]] के उद्घाटन एवं समापन में गाया जाता है।
| |
|
| |
| {'तंत्रिका तंतु' की संधि कहलाती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-111 प्रश्न- 120
| |
| |type="()"}
| |
| +साइनैप्स
| |
| -मेजेलिन फ़ाइबर
| |
| -तंत्रिकक्ष (एक्सॉन)
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||'तंत्रिका तंत्र' की संधि साईनैप्स कहलाती है। तंत्रिका तंत्र हमारे [[मानव शरीर|शरीर]] का नियंत्रण केंद्र है अथवा इसे शरीर की संचार प्रणाली के रूप में भी जाना जाता है। यह नियमित रूप से सूचनाओं को प्राप्तकर, लेखबद्ध कर उनको प्रसारित करती है। यह वातावरण तथा हमारे शरीर के विभिन्न भागों से सूचनाएं प्राप्त करती है तथा इन सूचनाओं को लेखबद्ध कर शरीर के दूसरे हिस्सों को संदेश प्रेरित करती है तथा अमुक कार्य करने के लिए आदेश देती है।
| |
|
| |
| {[[रक्तचाप|रक्तदाब]] को मापने का यंत्र कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| -सिस्टोलिक
| |
| -डायस्टोलिक
| |
| +[[स्फिग्मोमैनोमीटर]]
| |
| -मैनोमीटर
| |
| ||[[रक्तचाप|रक्तदाब]] वह दबाव है जो कि [[रक्त]] के द्वारा [[धमनियाँ|धमनियों]] की दीवारों पर लगता है, दबाव की मात्रा [[हृदय|दिल]] के संकुचन की दर तथा उसके [[बल]] पर निर्भर करता है। एक संचार प्रणाली में रक्त के आयतन, [[धमनियाँ|धमनियों]] की लचकता पर भी बल निर्भर करता है। रक्तदाब जिस उपकरण से मापा जाता है उसे [[स्फिग्मोमैनोमीटर]] कहा जाता है।
| |
|
| |
| {21 वर्ष की आयु में क्रिकेट दल का कप्तान होने का सौभाग्य दो भारतीय खिलाड़ियों को प्राप्त है। उनमें से एक हैं [[नवाब पटौदी|पटौदी]]। दूसरे खिलाड़ी का नाम क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| -[[लाला अमरनाथ]]
| |
| +[[सचिन तेंदुलकर]]
| |
| -[[मो. अजहरुद्दीन]]
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||[[नवाब पटौदी]] के बाद [[सचिन तेंदुलकर]] 23 वर्ष, 126 दिन की आयु में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने। हालांकि प्रश्न 21 वर्ष की आयु के संदर्भ में है। अत: निकटतम उत्तर विकल्प (b) सही होगा
| |
| | |
| {रंग वर्णाधता में व्यक्ति किन रंगों में भेद नहीं कर पाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-150 प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| +[[लाल रंग|लाल]] व [[हरा रंग|हरा]]
| |
| -लाल व [[काला रंग|काला]]
| |
| -काला व [[हरा रंग|हरा]]
| |
| -काला व [[नीला रंग|नीला]]
| |
| ||रंग-वर्णाधर [[आंख|आंखों]] का एक रोग है जिसमें रोगी को किसी एक या एक से अधिक रंगों का बोध नहीं हो पाता है यह अवस्था अक्सर आनुवांशिक होती है। इसके अन्य कारणों में कुछ नेत्र रोग और दवाएं भी शामिल हैं। रंग-वर्णाधर आमतौर पर [[लाल रंग|लाल]] व [[हरा रंग|हरे रंग]] के प्रकाश में अंतर न कर पाने की स्थिति को कहते हैं।
| |
|
| |
| {समपरासारी संकुचन को-------भी कहा जा सकता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-109
| |
| |type="()"}
| |
| +गतिक संकुचन
| |
| -स्थैतिक संकुचन
| |
| -संकेंद्री संकुचन
| |
| -उत्केंद्री संकुचन
| |
| ||समपरासारी या आइसोटानिक संकुचन को गतिक संकुचन भी कहा जा सकता है। आइसोटोनिक व्यायाम होते हैं, जिनमें गतियां प्रत्यक्ष रूप से स्पष्ट दिखाई देती है। इन व्यायामों में कार्य होता है। इनके द्वारा मांसपेशियों में तनाव होता है, मांसपेशियों की लंबाई में वृद्धि होती है तथा लचक भी बढ़ जाती है। खेल-कूद के क्षेत्र में इस प्रकार के व्यायामों का बहुत अधिक प्रयोग होता है।
| |
| | |
| | |
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| | |
| {हमारे [[मानव शरीर|शरीर]] में [[ऊर्जा]] का मुख्य स्त्रोत क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-20 | |
| |type="()"}
| |
| -[[प्रोटीन]]
| |
| -[[विटामिन]]
| |
| +[[कार्बोहाइड्रेट|कार्बोहाइड्रेट्स]]
| |
| -[[खनिज]]
| |
| ||[[कार्बोहाइड्रेट|कार्बोहाइड्रेट्स]], [[ऊर्जा]] के सबसे महत्त्वपूर्ण स्त्रोत होते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स मुख्यता दो प्रकार के होते हैं- साधारण एवं जटिल। [[ग्लूकोज]], फ्रक्टोज, गैलेक्टोज, सुक्रोज, माल्टोज आदि को साधारण कार्बोहाइड्रेट्स कहा जाता है। स्टार्च, ग्लाइकोजन व सेलुलोज को जटिल कार्बोहाइड्रेट्स कहा जाता है।
| |
| | |
| {'हॉप, स्टेप एवं जंप' इवेंट अन्य किस नाम से जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-50 प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| -पोल वाल्ट
| |
| +त्रिकूद
| |
| -लंबी कूद
| |
| -ऊंची कूद
| |
| ||त्रिपद कूद में अभिगमन पथ 30 से 40 मी. के मध्य होता है। इसमें निम्न कौशल होते हैं- उछाल लेना- हाप की अवस्था में शरीर को आगे की ओर नहीं झुकाना चाहिए। कदम लेना-जिस पैर से उछाल लिया जाता है उसी पैर पर लैंडिंग होती है तथा दूसरे पैर को ऊपर की तरफ उठाते हुए अधिक से अधिक दूरी तक कदम लेने की कोशिश करनी चाहिए। लंबी कूद लगाना, इस चरण में पैरों की गतिविधियों से पहले हाथों की क्रिया शुरू हो जाती है। अवतरण- ट्रिपल जंप अवतरण उसी प्रकार होते हैं जैसे लंबी कूद में होता है।
| |
| | |
| {[[फेफड़ा|फेफड़े]] हिस्सा हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| -[[तंत्रिका तंत्र]] के
| |
| -[[पाचन तंत्र]] के
| |
| +श्वसन तंत्र के
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||[[फेफड़ा|फेफड़े]] श्वसन तंत्र का हिस्सा हैं। अन्य स्थल पर रहने वाले जानवरों की भांति मनुष्य भी नथुनों एवं फेफड़ों से सांस लेता है। हवा रोधक वक्ष गुहा में एक जोड़ी फेफड़े स्थित होते हैं। इसके आस-पास कॉन्वेक्स, मांसपेशीय तथा इलास्टिक शीट होती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। फेफड़ों द्वारा श्वसन प्रक्रिया को पल्मोनरी श्वसन कहते हैं।
| |
| | |
| {लंबी दूरी की दौड़ में धावकों द्वारा पूरे किए गए चक्रों का रिकॉर्ड कौन रखता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-79 प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| -उद्घोषक
| |
| -मार्शल
| |
| -जज
| |
| +लैप स्कोरर
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| | |
| {वर्ष [[2002]] में आयोजित 14 वें [[एशियाई खेल|एशियाई खेलों]] में [[भारत]] ने कौन-सा स्थान अर्जित किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-95 प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| -सातवां
| |
| +आठवां
| |
| -नौवां
| |
| -दसवां
| |
| | |
| {'[[अर्जुन पुरस्कार]]' प्राप्त करने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-111 प्रश्न-121
| |
| |type="()"}
| |
| -मेरी डीसूजा
| |
| -कमलजीत संधू
| |
| -स्टेफी ग्राफ
| |
| +इनमें से कोई नहीं
| |
| | |
| {इंट्राम्यूरल प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| +संस्थान के भीतर आयोजित प्रतियोगिता
| |
| -संस्थान के बाहर आयोजित प्रतियोगिता
| |
| -ज़िला स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता
| |
| -राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता
| |
| ||इंट्राम्यूरल (किसी संस्थान की चाहरदीवारी के अंदर) किसी एक ही संस्थान के खिलाड़ियों में आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता है। इंट्राम्यूरल प्रतियोगिताओं का लाभ यह है कि एक ही संस्थान के लगभग सभी छात्रों को इस प्रतियोगिता में सम्मिलित कर शिक्षा के उद्देश्य- 'बालक का संपूर्ण विकास' के लक्ष्य की प्राप्ति की जाती है। एक्ट्राम्यूरल प्रतियोगिताएं विभिन्न संस्थापनों के खिलाड़ियों के मध्य आयोजित की जाती है। ऐसी प्रतियोगिताओं में संस्थान के चुने हुए खिलाड़ी अपने कौशल का खेल-कूद में प्रदर्शन कर अपने संस्थान के लिए सम्मान दिलाने का प्रयत्न करते हैं।
| |
| | |
| {खिलाड़ियों को [[नमक]] अधिक लेना चाहिए, क्योंकि- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| -[[नमक]] शक्ति का एक स्त्रोत है।
| |
| +पसीना निकलने की वजह से [[मानव शरीर|शरीर]] में नमक की मात्रा कम हो जाती है।
| |
| -नमक [[रक्त]] परिसंचरण को तेज़ कर देता है।
| |
| -[[नमक]] भोजन के पोषण गुण को बढ़ा देता है।
| |
| ||खिलाड़ियों को [[नमक]] अधिक लेना चाहिए क्योंकि खेलते समय [[मानव शरीर|शरीर]] से पसीना निकलने के कारण शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाती है। शरीर में नमक की मात्रा अन्य [[लवण|लवणों]] की अपेक्षा अधिक होती है, यह शरीर के प्रत्येक [[ऊतक]] में रहकर इनकी क्रियाओं को सुचारू बनाता है।
| |
| | |
| {गर्भ निरोधक गोलियों का आविष्कार किसने किया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-150 प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| -पॉल मूलर
| |
| -हॉफमैन
| |
| +पिनकस
| |
| -डग्गर
| |
| ||गर्भ निरोधक गोलियों का आविष्कार अमेरिकी जीवविज्ञानी एवं शोधकर्ता ग्रेगरी पिनकस द्वारा दिए गए विशेष योगदान से संभव हो पाया। पिनकस ने मार्गरेट सेंगर, कैथरीन मैककॉरमिक तथा जॉन रॉक की सहायता से कई वर्षों के प्रयासों के बाद गर्भ निरोधक गोली का आविष्कार किया। इनके इसी योगदान के कारण ही इन्हें गर्भ निरोधक गोलियों का आविष्कारक कहा जाता है। [[9 मई]], [[1960]] को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा इस गोली को बनाने एवं उपयोग हेतु मंजूरी दे दी गई।
| |
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|
| {नेतृत्व एक आचरण संबंधी प्रक्रिया है जो.......... पर फोकस करता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-110 | | {[[महाभारत]] युद्ध में कौन-से दिन [[श्रीकृष्ण]] ने [[शस्त्र]] न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -अच्छे संबंध विकसित करने और बनाए रखने | | -[[महाभारत युद्ध आठवाँ दिन|आठवें दिन]] |
| +निर्धारित लक्ष्यों के प्रति व्यक्तियों और समूह को प्रेरित (प्रभावित) करने | | -[[महाभारत युद्ध दसवाँ दिन|दसवें दिन]] |
| -समूह को परिस्थितिगत अभिलक्षणों
| | -[[महाभारत युद्ध ग्यारहवाँ दिन|ग्यारहवें दिन]] |
| -लक्ष्य निर्धारित करने और कार्य पूरा कराने | | +[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]] |
| | ||[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]] के युद्ध में [[भीष्म]] के [[बाण अस्त्र|बाणों]] से [[अर्जुन]] घायल हो गए। भीष्म की भीषण बाण-वर्षा से [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के अंग भी जर्जर हो गए। तब श्रीकृष्ण अपनी प्रतिज्ञा भूलकर रथ का एक चक्र उठाकर भीष्म को मारने के लिए दौड़े। अर्जुन भी रथ से कूदे और कृष्ण के पैरों से लिपट पड़े। वे श्रीकृष्ण को अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण दिलाते हैं कि वे युद्ध में [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] नहीं उठायेंगे। |
|
| |
|
| </quiz> | | </quiz> |
| |} | | |} |
| |} | | |} |