"प्रयोग:रिंकू3": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 28 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
{| class="bharattable-green" width="100%"
|चित्र=Shah-Rukh-Khan.jpg
|-
|चित्र का नाम=शाह रुख़ ख़ान
| valign="top"|
|पूरा नाम=शाह रुख़ ख़ान
{| width="100%"
|अन्य नाम=किंग ख़ान, एसआरके
|
|जन्म=[[2 नवम्बर]], [[1965]]
<quiz display=simple>
|जन्म भूमि=[[नई दिल्ली]], [[भारत]]
{[[महाभारत]] में [[कीचक वध]] किस पर्व के अंतर्गत आता है?
|मृत्यु=
|type="()"}
|मृत्यु स्थान=
+[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]]
|अभिभावक=पिता-मीर ताज मोहम्‍मद ख़ान, मात-लतीफ फातिमा
-[[अनुशासन पर्व महाभारत|अनुशासन पर्व]]
|पति/पत्नी=गौरी ख़ान
-[[आदि पर्व महाभारत |आदि पर्व]]
|संतान=आर्यन, सुहाना और अबराम
-[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]]
|गुरु=
||[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]] में [[अज्ञातवास]] की अवधि में [[विराट नगर]] में रहने के लिए गुप्तमन्त्रणा, धौम्य द्वारा उचित आचरण का निर्देश, [[युधिष्ठिर]] द्वारा भावी कार्यक्रम का निर्देश, विभिन्न नाम और रूप से विराट के यहाँ निवास, [[भीमसेन]] द्वारा जीमूत नामक मल्ल तथा [[कीचक]] और उपकीचकों का वध, [[दुर्योधन]] के गुप्तचरों द्वारा [[पाण्डव|पाण्डवों]] की खोज तथा लौटकर [[कीचक वध]] की जानकारी देना, त्रिगर्तों और [[कौरव|कौरवों]]  द्वारा [[मत्स्य]] देश पर आक्रमण, कौरवों द्वारा [[विराट]] की गायों  का हरण, पाण्डवों का कौरव-सेना से युद्ध, [[अर्जुन]] द्वारा विशेष रूप से युद्ध और कौरवों की पराजय, अर्जुन और कुमार उत्तर का लौटकर विराट की सभा में  आना, विराट का युधिष्ठिरादि पाण्डवों से परिचय तथा अर्जुन द्वारा [[उत्तरा]] को पुत्रवधू के रूप में स्वीकार करना वर्णित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[विराट पर्व महाभारत]], [[कीचक वध]]
|कर्म भूमि=[[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]
 
|कर्म-क्षेत्र=अभिनेता
{[[महाभारत]] युद्ध में कौन-से दिन [[श्रीकृष्ण]] ने [[शस्त्र]] न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा?
|मुख्य रचनाएँ=
|type="()"}
|विषय=
-[[महाभारत युद्ध आठवाँ दिन|आठवें दिन]]
|खोज=
-[[महाभारत युद्ध दसवाँ दिन|दसवें दिन]]
|भाषा=
-[[महाभारत युद्ध ग्यारहवाँ दिन|ग्यारहवें दिन]]
|शिक्षा=स्नातकोत्तर
+[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]]
|विद्यालय=कोलम्‍बस स्‍कूल, [[दिल्ली]], हंसराज कॉलेज, जामिया मीलिया इस्‍लामिया, दिल्ली
||[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]] के युद्ध में [[भीष्म]] के [[बाण अस्त्र|बाणों]] से [[अर्जुन]] घायल हो गए। भीष्म की भीषण बाण-वर्षा से [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के अंग भी जर्जर हो गए। तब श्रीकृष्ण अपनी प्रतिज्ञा भूलकर रथ का एक चक्र उठाकर भीष्म को मारने के लिए दौड़े। अर्जुन भी रथ से कूदे और कृष्ण के पैरों से लिपट पड़े। वे श्रीकृष्ण को अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण दिलाते हैं कि वे युद्ध में [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] नहीं उठायेंगे।
|पुरस्कार-उपाधि=
 
|प्रसिद्धि=
</quiz>
|विशेष योगदान=
|}
|नागरिकता=
|}
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=पहली फ़िल्म
|पाठ 4=दीवाना
|शीर्षक 5=प्रसिद्ध फ़िल्म
|पाठ 5=दिलवाले दुल्‍हनियां ले जाएंगे
|अन्य जानकारी=शाह रुख़ ख़ान के प्रशंसक केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी बहुत अधिक संख्या में हैं। [[लंदन]] के [[मैडम तुसाद संग्रहालय]] में उनकी वैक्‍स की मूर्ति भी स्‍थापित है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}

12:40, 7 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

2 महाभारत युद्ध में कौन-से दिन श्रीकृष्ण ने शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा?

आठवें दिन
दसवें दिन
ग्यारहवें दिन
नौवें दिन