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{निम्नलिखित में से कौन [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के नाना थे?
{[[महाभारत]] में [[कीचक वध]] किस पर्व के अंतर्गत आता है?
|type="()"}
|type="()"}
-[[उग्रसेन]]
+[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]]
-[[शूरसेन]]
-[[अनुशासन पर्व महाभारत|अनुशासन पर्व]]
-[[अंधक]]
-[[आदि पर्व महाभारत |आदि पर्व]]
+[[देवक]]
-[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]]
||[[कंस]] के चाचा और [[उग्रसेन]] के भाई का नाम 'देवक' था। उन्होंने अपनी सात पुत्रियों का विवाह [[वासुदेव]] से कर दिया था, जिनमें [[देवकी]] भी एक थी। [[कृष्ण]] देवकी के गर्भ से उत्पन्न आठवें पुत्र थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[देवक]]
||[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]] में [[अज्ञातवास]] की अवधि में [[विराट नगर]] में रहने के लिए गुप्तमन्त्रणा, धौम्य द्वारा उचित आचरण का निर्देश, [[युधिष्ठिर]] द्वारा भावी कार्यक्रम का निर्देश, विभिन्न नाम और रूप से विराट के यहाँ निवास, [[भीमसेन]] द्वारा जीमूत नामक मल्ल तथा [[कीचक]] और उपकीचकों का वध, [[दुर्योधन]] के गुप्तचरों द्वारा [[पाण्डव|पाण्डवों]] की खोज तथा लौटकर [[कीचक वध]] की जानकारी देना, त्रिगर्तों और [[कौरव|कौरवों]]  द्वारा [[मत्स्य]] देश पर आक्रमण, कौरवों द्वारा [[विराट]] की गायों  का हरण, पाण्डवों का कौरव-सेना से युद्ध, [[अर्जुन]] द्वारा विशेष रूप से युद्ध और कौरवों की पराजय, अर्जुन और कुमार उत्तर का लौटकर विराट की सभा में  आना, विराट का युधिष्ठिरादि पाण्डवों से परिचय तथा अर्जुन द्वारा [[उत्तरा]] को पुत्रवधू के रूप में स्वीकार करना वर्णित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[विराट पर्व महाभारत]], [[कीचक वध]]


{[[सरस्वती नदी|सरस्वती]] और [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के बीच का भाग क्या कहलाता था?
{[[महाभारत]] युद्ध में कौन-से दिन [[श्रीकृष्ण]] ने [[शस्त्र]] न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा?
|type="()"}
|type="()"}
+[[ब्रह्मावर्त]]
-[[महाभारत युद्ध आठवाँ दिन|आठवें दिन]]
-[[अन्तचार]]
-[[महाभारत युद्ध दसवाँ दिन|दसवें दिन]]
-[[दीपवती]]
-[[महाभारत युद्ध ग्यारहवाँ दिन|ग्यारहवें दिन]]
-[[कुशप्लव]]
+[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]]
||[[यमुना नदी]] की पावन धारा के तट का वह भू-भाग, जिसे आजकल [[ब्रजमंडल]] या [[मथुरा]] मंडल कहते हैं पहले मध्य देश अथवा ब्रह्मर्षि देश के अन्तर्गत [[शूरसेन]] जनपद के नाम से प्रसिद्ध था, [[भारतवर्ष]] का अत्यन्त प्राचीन और महत्त्वपूर्ण प्रदेश माना गया है, अत्यन्त प्राचीन काल से ही इसी गौरव-गाथा के सूत्र मिलते हैं। हिन्दू , [[जैन]], और बौद्धों की धार्मिक अनुश्रुतियों तथा [[संस्कृत]], [[पालि]], प्राकृत के प्राचीन ग्रन्थों में इस पवित्र भू-खण्ड का विशद वर्णन वर्णित है । ब्रह्मावर्त, ब्रह्मदेश, ब्रह्मर्षिदेश और आर्यावर्त आदि नामों से विख्यात उत्तरांचल प्रदेश वेद भूमि है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ब्रह्मावर्त]]
||[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]] के युद्ध में [[भीष्म]] के [[बाण अस्त्र|बाणों]] से [[अर्जुन]] घायल हो गए। भीष्म की भीषण बाण-वर्षा से [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के अंग भी जर्जर हो गए। तब श्रीकृष्ण अपनी प्रतिज्ञा भूलकर रथ का एक चक्र उठाकर भीष्म को मारने के लिए दौड़े। अर्जुन भी रथ से कूदे और कृष्ण के पैरों से लिपट पड़े। वे श्रीकृष्ण को अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण दिलाते हैं कि वे युद्ध में [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] नहीं उठायेंगे।
 
{[[द्रोणाचार्य]] के पिता कौन थे?
|type="()"}
-[[अत्रि]]
+[[भारद्वाज]]
-[[फेनप ऋषि]]
-[[कर्दम]]
||[[भारद्वाज|महर्षि भारद्वाज]] [[ऋग्वेद]] के छठे मण्डल के द्रष्टा कह गये हैं। इस मण्डल में भारद्वाज के 765 [[मन्त्र]] हैं। [[अथर्ववेद]] में भी भारद्वाज के 23 मन्त्र मिलते हैं। वैदिक ऋषियों में भारद्वाज-ऋषि का अति उच्च स्थान है। भारद्वाज के पिता [[बृहस्पति ऋषि|बृहस्पति]] और माता ममता थीं। इनके पुत्र गुरु [[द्रोणाचार्य]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भारद्वाज]], [[द्रोणाचार्य]]
 
{[[हरिवंश पुराण]] तीनों पर्वों में कुल कितने अध्याय हैं
|type="()"}
+318
-316
-315
-317
 
{[[वभ्रुवाहन]] किसका पुत्र था?
|type="()"}
-[[भीम]]
-[[कृष्ण]]
+[[अर्जुन]]
-[[युधिष्ठिर]]
 
{[[कुरुक्षेत्र]] में किस स्थान पर कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया→ज्योतीसर
 
दुर्योधन कितनी अक्षौहिणी सेना का स्वामी था→11 अक्षौहिणी
निम्नलिखित में किस स्थान को ‘ब्रह्मा की यज्ञीय वेदी’ कहा जाता है →कुरुक्षेत्र
शिखंडी किसके शिष्य थे →द्रोणाचार्य
युधिष्ठिर के लिए सभा-भवन का निर्माण किसने किया था →मय दानव ने
महाभारत वन पर्व के अंतर्गत कितने अध्याय हैं →315
भीम द्वारा मारा गया ‘अश्वत्थामा’ नाम का हाथी किस राजा का था →इन्द्रवर्मा
यह ज्ञात हो जाने पर कि कर्ण पाण्डवों का भाई था, युधिष्ठिर ने किसे शाप दिया →नारी जाति को


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12:40, 7 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

2 महाभारत युद्ध में कौन-से दिन श्रीकृष्ण ने शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा?

आठवें दिन
दसवें दिन
ग्यारहवें दिन
नौवें दिन