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-लावण्ययोजना, प्रमाण, भाव, रूपभेद | -लावण्ययोजना, प्रमाण, भाव, रूपभेद | ||
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं- रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्। यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥ | ||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं- रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्। यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥ अर्थात् रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं। | ||
{[[प्रकाश]] में उपस्थित [[रंग|रंगों]] को हम किसके द्वारा देख सकते हैं? | {[[प्रकाश]] में उपस्थित [[रंग|रंगों]] को हम किसके द्वारा देख सकते हैं? | ||
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+रूपभेद | +रूपभेद | ||
-भाव | -भाव | ||
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं- रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्। यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥ | ||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं- रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्। यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥ अर्थात् रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं। | ||
{ऑफ्सेट कलर प्रिंटिंग के चार [[रंग|कलर]] कौन-कौन से होते हैं? | {ऑफ्सेट कलर प्रिंटिंग के चार [[रंग|कलर]] कौन-कौन से होते हैं? | ||
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-[[हरा रंग|हरा]], [[लाल रंग|लाल]], पीला, [[नीला रंग|नीला]] | -[[हरा रंग|हरा]], [[लाल रंग|लाल]], पीला, [[नीला रंग|नीला]] | ||
-[[नीला रंग|नीला]], लाल, पीला, काला | -[[नीला रंग|नीला]], लाल, पीला, काला | ||
||ऑफ्सेट कलर प्रिंटिंग के चार [[रंग|कलर]] होते हैं- स्यान (Cyan), मैजेंटा (Magenta), [[पीला रंग|पीला]] (Yellow) और [[काला रंग|काला]] (Black)। कलर प्रिंट के समय [[लाल रंग|लाल]] (Red), [[हरा रंग|हरा]] (Green) और [[नीला रंग|नीला]] (Blue) (RGB) को CYMK में बदल दिया जाता है। इससे | ||ऑफ्सेट कलर प्रिंटिंग के चार [[रंग|कलर]] होते हैं- स्यान (Cyan), मैजेंटा (Magenta), [[पीला रंग|पीला]] (Yellow) और [[काला रंग|काला]] (Black)। कलर प्रिंट के समय [[लाल रंग|लाल]] (Red), [[हरा रंग|हरा]] (Green) और [[नीला रंग|नीला]] (Blue) (RGB) को CYMK में बदल दिया जाता है। इससे सम्बंधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) लाल, हरा, नीला [[प्रकाश]] के [[प्राथमिक रंग]] होते हैं। जिन्हें [[कंप्यूटर]] अपनी स्क्रीन पर दिखाता है। (2) कंम्यूटर स्क्रीन पर अच्छा चित्र पाने के लिए 'RGB' को 'CYMK' में परिवर्तित करना बेहतर विकल्प होता है। | ||
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07:08, 2 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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