"पहेली 29 मई 2014": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | right|120px <quiz display=simple> {[[गुप्त ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "आर्यभट्ट" to "आर्यभट")
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
|type="()"}
|type="()"}
-[[वराहमिहिर]]
-[[वराहमिहिर]]
+[[आर्यभट्ट]]
+[[आर्यभट]]
-[[बाणभट्ट]]  
-[[बाणभट्ट]]  
-[[ब्रह्मगुप्त]]  
-[[ब्रह्मगुप्त]]  
||आर्यभट्टीय‘नामक ग्रंथ की रचना करने वाले आर्यभट्ट अपने समय के सबसे बड़े गणितज्ञ थे। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली का विकास किया। आर्यभट्ट के प्रयासों के द्वारा ही खगोल विज्ञान को गणित से अलग किया जा सका। [[आर्यभट्ट]] ऐसे प्रथम नक्षत्र वैज्ञानिक थे, जिन्होंने यह बताया कि [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] अपनी धुरी पर घूमती हुई [[सूर्य]] के चक्कर लगाती है। इन्होनें [[सूर्य ग्रहण]] एवं [[चन्द्र ग्रहण]] होने के वास्तविक कारण पर प्रकाश डाला। आर्यभट्ट ने सूर्य सिद्धान्त लिखा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आर्यभट्ट]]
||आर्यभटीय‘नामक ग्रंथ की रचना करने वाले आर्यभट अपने समय के सबसे बड़े गणितज्ञ थे। आर्यभट ने दशमलव प्रणाली का विकास किया। आर्यभट के प्रयासों के द्वारा ही खगोल विज्ञान को गणित से अलग किया जा सका। [[आर्यभट]] ऐसे प्रथम नक्षत्र वैज्ञानिक थे, जिन्होंने यह बताया कि [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] अपनी धुरी पर घूमती हुई [[सूर्य]] के चक्कर लगाती है। इन्होनें [[सूर्य ग्रहण]] एवं [[चन्द्र ग्रहण]] होने के वास्तविक कारण पर प्रकाश डाला। आर्यभट ने सूर्य सिद्धान्त लिखा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आर्यभट]]
</quiz>
</quiz>
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 28 मई 2014]] |अगली=[[पहेली 30 मई 2014]]}}
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 28 मई 2014]] |अगली=[[पहेली 30 मई 2014]]}}

08:35, 15 मार्च 2018 के समय का अवतरण