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| {{सूचना बक्सा खिलाड़ी | | {| class="bharattable-pink" width="100%" |
| |चित्र=Leander-Paes-1.gif
| | |- |
| |चित्र का नाम= लिएंडर पेस
| | | valign="top"| |
| |पूरा नाम=लिएंडर पेस
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| |अन्य नाम=
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| |जन्म= [[17 जून]], [[1973]]
| | <quiz display=simple> |
| |जन्म भूमि=[[गोवा]]
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| |मृत्यु=
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| |मृत्यु स्थान=
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| |अभिभावक=पिता- डा. वैस अगापितो पेस, माता-जेनिफर पेस | |
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| |संतान=
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| |कर्म भूमि=[[भारत]] | |
| |खेल-क्षेत्र=[[टेनिस]]
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| |शिक्षा= | |
| |विद्यालय= | |
| |पुरस्कार-उपाधि= ‘[[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ ([[1996]]), ‘[[पद्म श्री]]’ ([[2001]]), ‘अटलांटा ओलंपिक’ ([[1996]]) | |
| |प्रसिद्धि=भारतीय टेनिस खिलाड़ी | |
| |विशेष योगदान=
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| |नागरिकता=भारतीय
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| |संबंधित लेख=[[महेश भूपति]], [[सानिया मिर्जा]]
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| |शीर्षक 1=
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| |अन्य जानकारी=लिएंडर पेस ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति [[1990]] में अर्जित की जब उन्होंने विंबलडन जूनियर का खिताब जीता और जूनियर विश्व रैंकिंग में नम्बर एक खिलाड़ी बन गए।
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन=
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| '''लिएंडर पेस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Leander Paes'', जन्म- [[17 जून]], [[1973]], [[गोवा]]) भारतीय [[टेनिस]] खिलाड़ी हैं, जिन्होंने [[1996]] में अटलांटा [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] में कांस्य पदक जीत कर [[भारत]] का ओलंपिक में पदक का रास्ता खोला था। उस वक्त लिएंडर ने व्यक्तिगत खेलों में भारत के लिए 44 साल पड़े सूखे को समाप्त किया था। ओलंपिक के लिहाज से लिएंडर पेस का प्रदर्शन एक मील का पत्थर है। [[1996]] में लिएंडर पेस को उनके टेनिस में उत्तम प्रदर्शन के लिए '[[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ तथा [[2001]] को महेश भूपति के साथ ‘[[पद्म श्री]]’ सम्मान प्रदान किया गया।
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| ==परिचय==
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| लिएंडर पेस का जन्म [[17 जून]], [[1973]] को [[गोवा]] में हुआ था। यह पुरुष डबल्स तथा मिक्सड डबल्स के सर्वाधिक सफल खिलाड़ियों में से एक हैं। लिएंडर का पालन-पोषण [[कलकत्ता]] में हुआ था। उनकी मां जेनिफर पेस [[1980]] में भारतीय बास्केट बॉल टीम की कैप्टेन थी और उनके पिता डा. वैस अगापितो पेस हॉकी के मिड-फील्डर थे और [[1972]] के म्यूनिख ओलंपिक में भारतीय टीम के सदस्य थे, जिसने कांस्य पदक जीता था। लिएंडर को [[टेनिस]] के अतिरिक्त [[गोल्फ़]] खेलने का भी शौक है। उनकी स्कूली शिक्षा [[मद्रास]] क्रिश्चियन कॉलेज, हायर सेकेंड्री स्कूल से हुई। उसका निवास स्थान [[भारत]] में कलकत्ता तथा अमेरिका के फ्लोरिडा में ऑरलेन्डो है। लिएंडर ने 7 वर्ष की आयु में [[टेनिस]] सीखना आरम्भ कर दिया था और खेल की बेसिक जानकारी साउथ क्लब, [[कलकत्ता]] से आरम्भ की थी।
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| ;ब्रिटेनिया टेनिस एकेडेमी
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| उन्होंने [[1985]] में [[मद्रास]] की ब्रिटेनिया टेनिस एकेडेमी में प्रशिक्षण आरम्भ कर दिया और उनकी कोचिंग दबे-ओ-मियरा ने की। पेस ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति [[1990]] में अर्जित की जब उन्होंने विंबलडन जूनियर का खिताब जीता और जूनियर विश्व रैंकिंग में नम्बर एक खिलाड़ी बन गए।
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| ;राइस बाउल चैंपियनशिप
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| इसके पूर्व 14 वर्ष से कम आयु वर्ग की राइस बाउल चैंपियनशिप उन्होंने [[1987]] में हांगकांग में जीती। 2 वर्ष बाद 16 से कम आयु वर्ग की प्रतियोगिता भी उन्होंने जीती। उन्होंने जूनियर व सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब भी हासिल किया।
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| जब पूरी दुनिया के शीर्ष-खिलाड़ी डेविस कप के नाम पर नाक-भौं सिकोड़ते हैं तब लिएंडर ने दिखाया कि अपने देश के लिए खेलना कितने गर्व की बात है। उन्हें सर्किट के डबल्स खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है।
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| ;लिएंडर तथा महेश भूपति की जोड़ी
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| डबल्स में लिएंडर ने [[महेश भूपति|महेश भूपति]] के साथ खेल कर इस जोड़ी को भी एक नम्बर का रैंक हासिल करवाया। [[1991]] में वह प्रोफेशनल खिलाड़ी बन गया। वैसे लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी की कहानी एक रोलर-कोस्टर की भांति है जिसमें बार-बार उतार-चढ़ाव आते हैं यानी इस जोड़ी का मिलन और अलगाव अनेकों बार हो चुका है। यूं तो भारतीय मीडिया और दर्शक [[क्रिकेट]] से ही जुड़ा रहना ज्यादा पसन्द करते हैं और अन्य खेलों को कम तरजीह देते हैं परन्तु फिर भी किसी अन्य खेल सम्बन्धी समाचार को प्रमुखता से देखा जाता है तो वह है लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी का खेल।
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| इन दोनों की जोडी ने सर्वप्रथम [[अक्टूबर]] [[1994]] में साथ-साथ जकार्ता चैलेंजर खेला। अटलांटा ओलंपिक, [[1996]] में दूसरे दौर में यह जोड़ी हार गई। उसी वर्ष इस जोड़ी ने डेविस कप में अपनी उपस्थिति का एहसास कराया। [[1997]] तक इस जोड़ी ने खेल की ऊंचाइयों को छुआ। लेकिन [[1996]] के [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] में एकल स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त कर [[भारत]] को प्रथम बार एकल पदक दिलाया। जब यह जोड़ी बनी तो इस पदक व डेविस कप के कारण लिएंडर सीनियर खिलाड़ी थे। लेकिन जोड़ी के रूप में खेलने पर सीनियर व जूनियर जैसी चीज नहीं रह जाती। इससे पूर्व लिएंडर ने अन्य अनेक खिलाड़ियों के साथ भी जोड़ी बनाने का प्रयास किया था।
| | </quiz> |
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| [[1997]] से [[2002]] के बीच इस जोड़ी ने 22 टाइटल जीते जिसमें पुरुष डबल्स के तीन ग्रैड स्लैम शामिल हैं। [[1999]] का फ्रेच ओपन और विंबलडन इस जोड़ी ने जीता। [[2001]] का विबंलडन भी इनमें महत्वपूर्ण है। किसी अन्य जोड़ी ने ऐसी शानदार सफलता प्राप्त नहीं की है।
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| हालांकि अनेक बार इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मतभेद उभरे हैं और उन्होंने साथ-साथ न खेलने का फैसला किया है। वर्ष [[2002]] में उनके बीच दरार आई और [[अप्रैल]] में उन्होंने साथ न खेलने का निर्णय लिया। प्रोफेशनल [[टेनिस]] में अलगाव हो जाने पर भी उन दोनों ने बुसान एशियाई खेलों में जोड़ी के रूप में खेलकर शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता।
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| [[2003]] में लिएंडर ने अन्य खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाने का प्रयास किया लेकिन फिर डेविस कप के लिए लिएंडर और [[महेश भूपति]] ने जोड़ी बनाई।<ref>{{cite web |url= https://www.kaiseaurkya.com/leander-paes-biography-in-hindi-language/|title=लिएंडर पेस का जीवन परिचय |accessmonthday=18 अक्टूबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language=हिंदी }}</ref>
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| इस प्रकार के अनेक मुकाबले जीतने पर लिएंडर को अखबारों में प्रथम पृष्ठ पर अनेक बार स्थान मिला जो भारत में अत्यन्त महत्वपूर्ण है वरना केवल [[क्रिकेट]] खिलाड़ियों को ही समाचार आकर्षण बनने का मौका मिलता है। फ्रेंच ओपन जीतने पर पेस व भूपति को लगभग एक करोड़ इकत्तीस लाख रुपये की इनामी रकम भी मिली। लेकिन इन सबसे और फ्रेंच ओपन से भी ज्यादा विंबलडन विजेता होने का गौरव मिला।
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| पेस और भूपति की जोड़ी राष्ट्र के गर्व और प्रशंसा की हकदार मानी गई है। [[राष्ट्रपति]] से लेकर आम नागरिक तक सभी ने उन्हें बधाई दी और उन्हें आश्वस्त किया कि वे भारतीयों के लिए गौरव और गर्व के महानायक हैं।
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| [[फरवरी]] [[2004]] में लिएंडर पेस ने दूसरा और अंतिम उलट एकल जीतने के साथ [[भारत]] को डेविस कप एशिया ओशियाना ग्रुप टेनिस में मेजबान न्यूजीलैंड पर 3-2 से विजय हासिल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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| लिएंडर को [[टेनिस]] के अतिरिक्त [[गोल्फ़]] खेलने का भी शौक है। उसने [[2002]] में एक साक्षात्कार में बताया– “मुझे आस्ट्रेलियन टेनिस कोच, बॉब कार्मीकील मिला, जो बड़ा गोल्फ़ खिलाड़ी है। उसने मुझे गोल्फ़ से 6 वर्ष पूर्व जोड़ा।”
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| लिएंडर का मानना है कि [[टेनिस]] और [[गोल्फ़]] में अनेक समानताएं हैं। गोल्फ़ ने मुझे धैर्य रखना सिखाया है। लिएंडर बताते हैं- ”खिलाड़ियों के परिवार से संबद्ध होने के कारण मैं सभी [[खेल]] रुचि के साथ खेलता हूँ। डी.एल.एफ का गोल्फ कोर्स मेरा पंसदीदा गोल्फ़ कोर्स है ।”
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| ==पुरस्कार==
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| [[1996]] में लिएंडर पेस को उनके टेनिस में उत्तम प्रदर्शन के लिए [[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ दिया गया। लिएंडर पेस की डबल्स की सर्वाधिक रैकिंग 1 रही जो [[21 जून]], [[1999]] को थी। सबसे अच्छी एकल रैकिंग 73 रही, जो 24 अगस्त 1998 को थी | लिएंडर के बारे में कहा जाता कि वह हरफनमौला किस्म के बड़बोले स्वभाव के हैं। पेस को [[26 जनवरी]], [[2001]] को महेश के साथ ‘[[पद्म श्री]]’ सम्मान प्रदान किया गया।
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| सदाबहार खिलाड़ी लिएंडर पेस ने वर्ष [[2006]] में टेनिस कोर्ट पर कामयाबी का नया इतिहास रच डाला। उन्होंने इसी वर्ष मार्टिन डैम के साथ अमेरिकी ओपन में पुरुष डबल्स का खिताब जीता और इसी वर्ष उन्होंने आस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में जगह बनाई। [[2006]] में दोहा एशियाड ([[दिसम्बर]] में) अपने तमाम विवादों के बावजूद [[महेश भूपति]] के साथ मिलकर पुरुष डबल्स खिताब जीता और [[सानिया मिर्जा]] के साथ मिक्सड डबल्स का खिताब जीतकर वर्ष का शानदार समापन किया।
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| ==आर्थिक उपलब्धियां==
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| अनेक खिताब जीतने पर उन्हें बड़ी धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्राप्त हुई। चूंकि यह खिताब पेस और [[महेश भूपति|महेश]] ने डबल्स में जीते अत: पुरस्कार राशि भी दोनों को सम्मिलित रूप से प्राप्त हुई है। ऐसा कहा जा सकता है कि लक्ष्मी उन पर मेहरबान है।
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| उन्हें विबंलडन का युगल खिताब जीतने पर एक लाख 86 हजार 420 पौंड स्टर्लिंग<ref>लगभग एक करोड़ 11 लाख 85 हजार रुपये</ref> की राशि प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त लिएंडर को लिसा रेमंड के साथ मिश्रित युगल का खिताब जीतने पर 79,180 पौंड स्टर्लिग <ref>लगभग 47 लाख 50 हजार 800 रुपये</ref> की राशि मिली।
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| फ्रेंच ओपन के युगल खिताब के लिए पेस व भूपति को कुल मिलाकर 2 लाख 68 हजार डालर <ref>लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये</ref> की राशि प्राप्त हुई। वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट आस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचने से ही दोनों को लगभग 55 लाख डालर की राशि प्राप्त हुई।
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| इस प्रकार अकेले लिएंडर पेस को [[1999]] के तीनों ग्रैंड स्लैम टूर्नामेटों में लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि मिली। [[1996]] तक इस जोड़ी की [[टेनिस]] से कुल आमदनी लगभग पांच लाख डालर से भी कम थी लेकिन [[1997]] से [[1999]] के बीच दोनों ने लगभग 25 लाख डॉलर की कमाई की।
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| लिएंडर पेस व महेश की जोड़ी ने विज्ञापनों से भी अच्छी आय अर्जित की। पेप्सी, एडिडास, आई.टी.सी. जैसी कम्पनियों ने इनके ग्रैंड स्लैमों में अच्छे प्रदर्शन के कारण ही अच्छा सहयोग दिया। फिर सियाराम ग्रुप की माडलिंग से भी इन्होंने अच्छी कमाई की।
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| [[2004]] में लिएंडर पेस तथा महेश भूपति की जोड़ी ने टोरंटो (कनाडा) में 25 लाख डालर के ए.टी.पी. टेनिस मास्टर सीरीज में युगल खिताब जीता। पेस-भूपति ने एक साथ खेलते हुए यह 23वां खिताब जीता। यह इन दोनों का पाचवां मास्टर्स खिताब था। खास बात यह है कि इन दोनों ने अपना पहला खिताब भी सात वर्ष पूर्व इसी स्थान पर जीता था। अलग-अलग देखा जाए तो भूपति का यहां 36वां और पेस का 30वां खिताब था। वर्ष [[2006]] में पेस ने पुरुष युगल में मार्टिन डैम के साथ यू.एस. ओपन का खिताब पहली बार जीता। पेस का यह चौथा ग्रैंड स्लैम युगल था तथा कुल मिलाकर सातवाँ खिताब था। यह खिताब उन्हें 5 वर्षों के अन्तराल के बाद मिला।
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| ==उपलब्धियां==
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| #[[1996]]- लिएंडर पेस को [[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ दिया गया।
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| #[[1990]]- विंबलडन जूनियर ख़िताब जीता।
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| #[[1996]]- अटलांटा ओलंपिक- एकल कांस्य पदक जीता।
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| #[[1999]]- चार ग्रैंड स्लैम मुकाबलों में युगल खेल में सभी के फाइनल में पहुंचा, फिर विबंलडन और फ्रेंच ओपन मुकाबला जीता। विबंलडन का मिश्रित युगल का खिताब जीता।
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| #[[2001]]- फ्रेंच ओपन का युगल खिताब जीता।
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| #[[2001]] - लिएंडर पेस को [[महेश भूपति]] के साथ ‘[[पद्म श्री]]’ सम्मान प्रदान किया गया था।
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| #[[2003]]- मार्टिना नवरातिलोवा के साथ मिश्रित युगल में विबंलडन व आस्ट्रेलियई ओपन में विजय प्राप्त की।
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| #[[2004]]- [[9 अप्रैल]] 2004 को जापान के ओसाका में डेविस कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम से [[जापान]] के साथ मुकाबले में डेविस कप में जीत दिला दी। इस जीत के साथ पेस [[भारत]] की ओर से सबसे अधिक एकल मैच जीतने वाले खिलाड़ी बन गए। इससे पूर्व यह रिकार्ड रामानाथन कृष्णन के नाम पर था। पेस ने न्यूजीलैंड में ही रामानाथन कृष्णन के 69 मैच जीतने की बराबरी कर ली थी लेकिन ओसाका (जापान) में एक और मैच जीतकर पेस 70 जीत व 39 हार के साथ सबसे अधिक डेविस कप जीतने वाला भारतीय हो गया।
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/> | |
| ==बाहरी कड़ियाँ==
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| ==संबंधित लेख==
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| {{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}}
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| [[Category:अर्जुन पुरस्कार]][[Category:खेलकूद कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]]
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| {{सूचना बक्सा साहित्यकार
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| |चित्र=Blankimage.png
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| |चित्र का नाम=
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| |पूरा नाम=सुंदरदास
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| |अन्य नाम=
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| |जन्म= 1596
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| |जन्म भूमि=द्यौसा, [[जयपुर]]
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| |मृत्यु=1689
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| |मृत्यु स्थान=सांगानेर
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| |कर्म-क्षेत्र=साहित्य, काव्य
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| |मुख्य रचनाएँ='ज्ञानसमुद्र', 'सुंदर विलास', 'सर्वागयोग प्रदीपिका', 'पंचेंद्रिय-चरित्र', 'सुख समाधि', 'अद्भुत उपदेश', 'स्वप्न प्रबोध', 'वेद विचार'
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| |विषय=
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| |भाषा=[[हिंदी]], [[उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] तथा [[संस्कृत]]
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| |विद्यालय=
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| |प्रसिद्धि=साहित्यकार
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=सुंदरदास की कृतियों का एक अच्छा संस्करण पुरोहित हरिनारायण शर्मा द्वारा सम्पादित होकर 'सुंदर ग्रंथावली' नाम से दो भागों में राजस्थान रिसर्च सोसाइटी, [[कलकत्ता]] से सन [[1936]] ई. में प्रकाशित किया गया। | |
| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन=
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| '''सुंदरदास''' (अंग्रेज़ी: ''Sundar Das'', जन्म-1596 ई., द्यौसा, [[जयपुर]]; मृत्यु-1689 ई.,सांगानेर) निर्गुण [[संत]] [[कवि|कवियों]] में सर्वाधिक व्युत्पन्न व्यक्ति थे। इनकी छोटी-बड़ी कुल 42 रचनाएँ प्रसिद्ध हैं। ये प्रसिद्ध संत दादूदयाल के शिष्य थे।
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| ==परिचय==
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| 'सुंदरदास का जन्म 1596 ई. को [[जयपुर]] राज्य की प्राचीन [[राजधानी]] द्यौसा नगर से एक खण्डेलवाल [[वैश्य]] परिवार में हुआ था। ये प्रसिद्ध [[संत]] दादूदयाल के शिष्य थे। निर्गुण संत कवियों में ये सर्वाधिक व्युत्पन्न व्यक्ति थे। दादूदयाल ने ही इनके रूप से प्रभावित होकर इनका नाम 'सुंदर' रखा था। दादू के एक अन्य शिष्य का नाम भी सुंदर था, इसलिए इन्हें छोटे सुंदरदास कहा जाने लगा। कहते हैं कि 6 वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने शिष्यत्व ग्रहण कर लिया था। 11 वर्ष की अवस्था में ये अध्ययन के लिये काशी आये और 18 वर्ष तक वेदान्त, [[साहित्य]] और [[व्याकरण]] का अध्ययन करते रहे। अध्ययन के उपरांत फतेहपुर (शेखावटी) लौटकर इन्होंने 12 वर्ष तक निरन्तर योगाभ्यास किया। फतेहपुर रहते हुए इनकी मैत्री वहाँ के नवाब अलिफ खाँ से हो गयी थी। अलिफ खाँ स्वयं भी [[काव्य]] प्रेमी थे। सुंदरदास जी ने देशाटन भी खूब किया था, विशेषत: [[पंजाब]] और [[राजस्थान]] के सभी स्थानों में ये रम चुके थे।
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| ==प्रसिद्ध रचनाएँ ==
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| सुंदरदास की छोटी-बड़ी कुल 42 रचनाएँ प्रसिद्ध हैं। इनमें 'ज्ञानसमुद्र', 'सुंदर विलाछा संस्करण पुरोहित हरिनारायण शर्मा द्वारा सम्पादित होकर 'सुंदर ग्रंथावली' नाम से दो भागों में राजस्थान रिसर्च सोसाइटी, [[कलकत्ता]] से सन [[1936]] ई. में प्रकाशित हो चुका है।
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| सुंदरदास ने भारतीय तत्त्वज्ञान के सभी रूपों को शास्त्रीय ढंग से हिंदी-भाषा में प्रस्तुत कर दिया है किंतु यह समझना भूल होगी कि ये षट्-दर्शनों के शास्त्रनिर्णीत मतवादों में एक पंडित जैसी आस्था रखते थे। इन्होंने शास्त्रीय तत्त्वज्ञान से अधिक महत्त्व अनुभव-ज्ञान को देते हुए कहा है- "जाके अनुभव-ज्ञान बाद मैं न बह्यों है।" इनका जीवन के प्रति सामान्य दृष्टिकोण वही था, जो अन्य संतों का। ये योग मार्ग के समर्थक और अद्वैत वेदांत पर पूर्ण आस्था रखने वाले थे। व्युत्पन्न होने के कारण इनकी रचनाएँ छंदतुक आदि की दृष्टि से निर्दोष अस', 'सर्वागयोग प्रदीपिका', 'पंचेंद्रिय-चरित्र', 'सुख समाधि', 'अद्भुत उपदेश', 'स्वप्न प्रबोध', 'वेद विचार', 'उत्त-अनूप', 'पंच प्रभाव' और 'ज्ञान झूलना', आदि प्रमुख है। इन कृतियों का एक अच्वश्य हैं किंतु उनका स्वतंत्रभावोन्मेष रीत्यधीनता के कारण दब-सा गया। इनकी भाषा व्याकरणसम्मत है और इन्होंने अलंकारादि का प्रयोग भी सफलतापूर्वक किया है। रीति-कवियों का अनुसरण करते हुए इन्होंने चित्र-काव्य की रचना भी की है। वस्तुत: सुंदरादास जी की रचनाएँ संतकाव्य के शास्त्रीय संस्करण के रूप में मान्य हो सकती है।<ref>सहायक ग्रंथ-सुंदर ग्रंथावली: (सम्पादक) पुरोहित हरिनारायण शर्मा: उत्तरी भारत की संत-परम्परा: पशुराम चतुर्वेदी; सुंदर-दर्शन: त्रिलोकी नारायण दीक्षित: हिंदी काव्य में निर्गुण सम्प्रदाय: पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल।</ref>
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| ==मृत्यु==
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| सुंदरदास की मृत्यु सांगानेर में सन 1689 ई. में हुई थी।
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| {{प्रचार}}
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
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| {{संदर्भ ग्रंथ}}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| ==संबंधित लेख==
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| {{साहित्यकार}}
| |
| [[Category:साहित्यकार]]
| |
| [[Category:साहित्य कोश]]
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| [[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]]][[Category:जीवनी साहित्य]]
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| [[Category:आधुनिक साहित्यकार]]
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