"गुरुद्वारा बंगला साहिब": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} [[चित्र:Gurudwara-Bangla-Sahib-Delhi-1.jpg|thumb|right|250px|गुरुद्वारा ब...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " गरीब" to " ग़रीब") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Gurudwara-Bangla-Sahib-Delhi-1.jpg|thumb|250px|गुरुद्वारा बंगला साहिब, [[दिल्ली]]]] | |||
[[चित्र:Gurudwara-Bangla-Sahib-Delhi-1.jpg|thumb | '''गुरुद्वारा बंगला साहिब''' [[दिल्ली]] के सबसे महत्त्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक है और [[सिक्ख|सिक्खों]] का प्रमुख धार्मिक केंद्र भी है। गुरुद्वारा बंगला साहिब [[नई दिल्ली]] के बाबा खड़गसिंह मार्ग पर गोल मार्किट, नई दिल्ली के निकट स्थित है। | ||
'''गुरुद्वारा बंगला साहिब''' [[दिल्ली]] | |||
*गुरु हरकिशन साहिबजी सिक्खों के आठवें गुरु थे और यह गुरुद्वारा उनकी याद में बनाया गया है, जो होशियारपुर से दिल्ली छोटी माता के प्रकोप से दिल्ली वासियों को बचाने आए थे। | *गुरु हरकिशन साहिबजी सिक्खों के आठवें गुरु थे और यह गुरुद्वारा उनकी याद में बनाया गया है, जो होशियारपुर से दिल्ली छोटी माता के प्रकोप से दिल्ली वासियों को बचाने आए थे। | ||
*प्रारंभ में गुरुद्वारा बंगला साहिब एक हवेली था जहाँ गुरु हरकिशन 1664 में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान रुक | *प्रारंभ में गुरुद्वारा बंगला साहिब एक हवेली था जहाँ गुरु हरकिशन 1664 में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान यहाँ रुक कर निवास किया था एवं यहाँ पर एक झील भी स्थित है। कहा जाता है कि इसका पानी औषधीय गुण लिए हुए है। | ||
*गुरुद्वार के परिसर में एक माध्यमिक स्कूल, संग्रहालय, किताबों की दुकान, पुस्तकालय, अस्पताल और एक पवित्र तालाब भी है। | *गुरुद्वार के परिसर में एक माध्यमिक स्कूल, संग्रहालय, किताबों की दुकान, पुस्तकालय, अस्पताल और एक पवित्र तालाब भी है। | ||
*देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटक गुरुद्वारा बंगला साहिब के दर्शन के लिए आते है। | *देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटक गुरुद्वारा बंगला साहिब के दर्शन के लिए आते है। | ||
==मान्यता== | ==मान्यता== | ||
मान्यता है गुरु हरकिशन कि दिल्ली प्रवास के दौरान दिल्ली में महामारी फैल गई थी। उस समय गुरु हरकिशन ने बिना किसी भेदभाव के | मान्यता है गुरु हरकिशन कि दिल्ली प्रवास के दौरान दिल्ली में महामारी फैल गई थी। उस समय गुरु हरकिशन ने बिना किसी भेदभाव के ग़रीब और असहाय लोगों की सेवा की। उनकी मृत्यु छोटी उम्र में ही हो गई थी क्योंकि उन्होंने शहर से महामारी हटाने के लिए सारी बीमारियाँ अपने ऊपर ले ली थी। | ||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==वीथिका== | |||
<gallery> | |||
चित्र:Gurudwara-Bangla-Sahib-Delhi.jpg|गुरुद्वारा बंगला साहिब, [[दिल्ली]] | |||
चित्र:Gurdwara-Bangla-Sahib.jpg|गुरुद्वारा बंगला साहिब, [[दिल्ली]] | |||
चित्र:Bangla-Sahib-Gurdwara.jpg|गुरुद्वारा बंगला साहिब, [[दिल्ली]] | |||
</gallery> | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
09:19, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली के सबसे महत्त्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक है और सिक्खों का प्रमुख धार्मिक केंद्र भी है। गुरुद्वारा बंगला साहिब नई दिल्ली के बाबा खड़गसिंह मार्ग पर गोल मार्किट, नई दिल्ली के निकट स्थित है।
- गुरु हरकिशन साहिबजी सिक्खों के आठवें गुरु थे और यह गुरुद्वारा उनकी याद में बनाया गया है, जो होशियारपुर से दिल्ली छोटी माता के प्रकोप से दिल्ली वासियों को बचाने आए थे।
- प्रारंभ में गुरुद्वारा बंगला साहिब एक हवेली था जहाँ गुरु हरकिशन 1664 में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान यहाँ रुक कर निवास किया था एवं यहाँ पर एक झील भी स्थित है। कहा जाता है कि इसका पानी औषधीय गुण लिए हुए है।
- गुरुद्वार के परिसर में एक माध्यमिक स्कूल, संग्रहालय, किताबों की दुकान, पुस्तकालय, अस्पताल और एक पवित्र तालाब भी है।
- देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटक गुरुद्वारा बंगला साहिब के दर्शन के लिए आते है।
मान्यता
मान्यता है गुरु हरकिशन कि दिल्ली प्रवास के दौरान दिल्ली में महामारी फैल गई थी। उस समय गुरु हरकिशन ने बिना किसी भेदभाव के ग़रीब और असहाय लोगों की सेवा की। उनकी मृत्यु छोटी उम्र में ही हो गई थी क्योंकि उन्होंने शहर से महामारी हटाने के लिए सारी बीमारियाँ अपने ऊपर ले ली थी।
|
|
|
|
|
वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख