"पहेली अगस्त 2014": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "संन्यास" to "सन्न्यास") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "वैश्या" to "वेश्या") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 34: | पंक्ति 34: | ||
+[[स्वामी विवेकानन्द]] | +[[स्वामी विवेकानन्द]] | ||
-[[मास्टर सूर्यसेन]] | -[[मास्टर सूर्यसेन]] | ||
||[[चित्र:Swami Vivekanand.jpg|right|90px|स्वामी विवेकानन्द]]'स्वामी विवेकानन्द' एक युवा | ||[[चित्र:Swami Vivekanand.jpg|right|90px|स्वामी विवेकानन्द]]'स्वामी विवेकानन्द' एक युवा संन्यासी के रूप में 'भारतीय संस्कृति' की सुगन्ध विदेशों में बिखेरने वाले [[साहित्य]], [[दर्शन]] और [[इतिहास]] के प्रकाण्ड विद्वान् थे। [[स्वामी विवेकानन्द]] का मूल नाम 'नरेंद्रनाथ दत्त' था, जो कि आगे चलकर विवेकानन्द जी के नाम से विख्यात हुए। कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) के एक कुलीन परिवार में जन्मे नरेंद्रनाथ चिंतन व क्रम, [[भक्ति]] व तार्किकता, भौतिक एवं बौद्धिक श्रेष्ठता के साथ-साथ [[संगीत]] की प्रतिभा का भी एक विलक्षण संयोग थे। [[भारत]] में स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस को '[[राष्ट्रीय युवा दिवस]]' के रूप में मनाया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्वामी विवेकानन्द]] | ||
{सर्वाधिक [[प्रोटीन]] किसमें पाया जाता है? | {सर्वाधिक [[प्रोटीन]] किसमें पाया जाता है? | ||
पंक्ति 42: | पंक्ति 42: | ||
-[[मक्का]] | -[[मक्का]] | ||
-[[बाजरा]] | -[[बाजरा]] | ||
|| [[चित्र:Soybean.jpg|100px|right|link=सोयाबीन]] सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है। सोयाबीन प्रोटीन का | || [[चित्र:Soybean.jpg|100px|right|link=सोयाबीन]] सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है। सोयाबीन प्रोटीन का सर्वोत्तम स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन के अन्य सभी उपलब्ध स्रोतों की तुलना में सबसे अधिक लगभग 43.2% अच्छी गुणवत्ता की प्रोटीन एवं 20% तेल की मात्रा होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सोयाबीन]] | ||
{[[एशिया]] का सबसे बड़ा लौह-इस्पात उत्पादक देश कौन सा है? | {[[एशिया]] का सबसे बड़ा लौह-इस्पात उत्पादक देश कौन सा है? | ||
पंक्ति 95: | पंक्ति 95: | ||
-[[प्रशांत महासागर]] | -[[प्रशांत महासागर]] | ||
+[[अटलांटिक महासागर]] | +[[अटलांटिक महासागर]] | ||
||[[चित्र:Atlantic-Ocean.jpg|right|100px|ग्लोब पर अटलांटिक महासागर]]'अटलांटिक महासागर' अथवा 'अंध महासागर' उस विशाल जलराशि को कहते हैं, जो [[यूरोप]] तथा [[अफ़्रीका महाद्वीप]] को नई दुनिया के [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] से | ||[[चित्र:Atlantic-Ocean.jpg|right|100px|ग्लोब पर अटलांटिक महासागर]]'अटलांटिक महासागर' अथवा 'अंध महासागर' उस विशाल जलराशि को कहते हैं, जो [[यूरोप]] तथा [[अफ़्रीका महाद्वीप]] को नई दुनिया के [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] से पृथक् करती है। इस महासागर का आकार लगभग [[अंग्रेज़ी]] के अंक '8' के समान है। [[अटलांटिक महासागर]] के पृष्ठतल की लवणता अन्य [[समुद्र|समुद्रों]] की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा 3.7 प्रतिशत है, जो 20°-30° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। संसार की कुछ बहुत ही ख़तरनाक जगहों में से एक '[[बरमूडा त्रिकोण]]' अटलांटिक महासागर में ही स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अटलांटिक महासागर]] | ||
{[[सहरिया जनजाति]] के लोग कहाँ के निवासी हैं? | {[[सहरिया जनजाति]] के लोग कहाँ के निवासी हैं? | ||
पंक्ति 120: | पंक्ति 120: | ||
||कुछ शैवाल जलाशयों में प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे पानी प्रयोग के योग्य नहीं रह जाता है। ये [[शैवाल]] ज़हर पैदा करते हैं, जिससे [[मछली|मछलियाँ]] मर जाती हैं और नदियों आदि का प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जाता है। इस तरह की शैवालों में 'माइक्रोसिस्टिस' तथा 'क्रोकोकस' आदि उल्लेखनीय हैं। 'सिफेल्यूरोस' नामक शैवाल की जातियाँ [[चाय]] पर ‘लाल किट्ट रोग’ उत्पन्न करती हैं, जिससे चाय उद्योग को भारी हानि पहुँचती है। [[वर्षा]] के दिनों में ज़मीन [[हरा रंग|हरे रंग]] की दिखने लगती है और फिसलनदार हो जाती है। इस ज़मीन में हरित-नीले शैवाल उग आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैवाल]] | ||कुछ शैवाल जलाशयों में प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे पानी प्रयोग के योग्य नहीं रह जाता है। ये [[शैवाल]] ज़हर पैदा करते हैं, जिससे [[मछली|मछलियाँ]] मर जाती हैं और नदियों आदि का प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जाता है। इस तरह की शैवालों में 'माइक्रोसिस्टिस' तथा 'क्रोकोकस' आदि उल्लेखनीय हैं। 'सिफेल्यूरोस' नामक शैवाल की जातियाँ [[चाय]] पर ‘लाल किट्ट रोग’ उत्पन्न करती हैं, जिससे चाय उद्योग को भारी हानि पहुँचती है। [[वर्षा]] के दिनों में ज़मीन [[हरा रंग|हरे रंग]] की दिखने लगती है और फिसलनदार हो जाती है। इस ज़मीन में हरित-नीले शैवाल उग आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैवाल]] | ||
{"ब्रिटिश संसद बाँझ और | {"ब्रिटिश संसद बाँझ और वेश्या है।" - यह कथन किसका है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मार्क्स | -मार्क्स | ||
पंक्ति 163: | पंक्ति 163: | ||
+[[अगेसिलोस]] | +[[अगेसिलोस]] | ||
-[[मोअस]] | -[[मोअस]] | ||
||[[चित्र:Kanishka-Coin.jpg|right|100px|कनिष्क का सिक्का]]'[[कुषाण वंश]]' का प्रमुख प्रतापी सम्राट [[कनिष्क]] '[[भारतीय इतिहास]]' में अपनी विजय, धार्मिक प्रवृत्ति, [[साहित्य]] तथा [[कला]] का प्रेमी होने के नाते विशेष स्थान रखता है। [[कुमारलात]] की 'कल्पनामंड' नामक [[टीका]] के अनुसार इसने [[भारत]] विजय के | ||[[चित्र:Kanishka-Coin.jpg|right|100px|कनिष्क का सिक्का]]'[[कुषाण वंश]]' का प्रमुख प्रतापी सम्राट [[कनिष्क]] '[[भारतीय इतिहास]]' में अपनी विजय, धार्मिक प्रवृत्ति, [[साहित्य]] तथा [[कला]] का प्रेमी होने के नाते विशेष स्थान रखता है। [[कुमारलात]] की 'कल्पनामंड' नामक [[टीका]] के अनुसार इसने [[भारत]] विजय के पश्चात् [[एशिया|मध्य एशिया]] में ख़ोतान जीता और वहीं पर राज्य करने लगा। [[कल्हण]] ने भी अपनी '[[राजतरंगिणी]]' में [[कनिष्क]] और [[हुविष्क]] द्वारा [[कश्मीर]] पर राज्य तथा वहाँ अपने नाम पर नगर बसाने का उल्लेख किया है। इनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि सम्राट कनिष्क का राज्य कश्मीर से [[सिंध प्रदेश|उत्तरी सिंध]] तथा [[पेशावर]] से [[सारनाथ]] के आगे तक फैला था। [[कुषाण]] राजा कनिष्क के निर्माण कार्यों का निरीक्षक अभियन्ता एक [[यवन]] अधिकारी '[[अगेसिलोस]]' था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कनिष्क]], [[अगेसिलोस]] | ||
{'अंग साहित्य' किस [[धर्म]] से सम्बन्धित है? | {'अंग साहित्य' किस [[धर्म]] से सम्बन्धित है? | ||
पंक्ति 233: | पंक्ति 233: | ||
-[[चावल]] | -[[चावल]] | ||
-[[जूट]] | -[[जूट]] | ||
|| [[चित्र:Cotton.jpg| | || [[चित्र:Cotton.jpg|100px|कपास|right]] कपास एक नकदी फ़सल है। इससे रुई तैयार की जाती है। [[भारत]] में कपास को 'सफ़ेद सोना' भी कहा जाता है। कपास का उत्पादन विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में किया जा सकता है, किन्तु आर्द्रतापूर्ण दक्षिणी भारत की चिकनी और काली मिट्टी अधिक लाभप्रद मानी जाती है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कपास]] | ||
{[[पृथ्वी]] की आयु का मापन किस विधि द्वारा किया किया जाता है? | {[[पृथ्वी]] की आयु का मापन किस विधि द्वारा किया किया जाता है? |
09:14, 15 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
वर्ष 2013 >> जुलाई 2013 • अगस्त 2013 • सितंबर 2013 • अक्तूबर 2013 • नवंबर 2013 • दिसंबर 2013
वर्ष 2014 >> जनवरी 2014 • फ़रवरी 2014 • मार्च 2014 • अप्रॅल 2014 • मई 2014 • जून 2014 • जुलाई 2014 • अगस्त 2014 • सितंबर 2014 • अक्टूबर 2014 • नवम्बर 2014 • दिसम्बर 2014
वर्ष 2015 >> जनवरी 2015 • फ़रवरी 2015 • मार्च 2015 • अप्रॅल 2015 • मई 2015 • जून 2015 • जुलाई 2015 • अगस्त 2015 • सितंबर 2015 • अक्टूबर 2015 • नवम्बर 2015 • दिसम्बर 2015
वर्ष 2016 >> जनवरी 2016 • फ़रवरी 2016 • मार्च 2016 • अप्रैल 2016 • मई 2016 • जून 2016 • जुलाई 2016 • अगस्त 2016 • सितंबर 2016 • अक्टूबर 2016 • नवंबर 2016 • दिसंबर 2016
वर्ष 2017 >> जनवरी 2017 • फ़रवरी 2017 • मार्च 2017 • अप्रैल 2017 • मई 2017 • जून 2017 • जुलाई 2017 • अगस्त 2017 • सितम्बर 2017 • अक्टूबर 2017 • नवम्बर 2017 • दिसम्बर 2017
वर्ष 2018 >> जनवरी 2018
|
पहेली जुलाई 2014 | पहेली अगस्त 2014 | पहेली सितम्बर 2014 |
संबंधित लेख