"जे ग़रीब पर हित करैं -रहीम": अवतरणों में अंतर

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जे गरीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।<br />
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कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥
;अर्थ
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जो गरीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे [[सुदामा]] कहते हैं [[कृष्ण]] की दोस्ती भी एक साधना है।
जो ग़रीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे [[सुदामा]] कहते हैं [[कृष्ण]] की दोस्ती भी एक साधना है।


{{लेख क्रम3| पिछला=चाह गई चिंता मिटी -रहीम |मुख्य शीर्षक=रहीम के दोहे |अगला=जो रहीम गति दीप की -रहीम }}
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11:05, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

जे ग़रीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥

अर्थ

जो ग़रीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे सुदामा कहते हैं कृष्ण की दोस्ती भी एक साधना है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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