"पहेली 26 मई 2018": अवतरणों में अंतर

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-[[शम्भाजी]]
-[[शम्भाजी]]
-[[ताराबाई]]
-[[ताराबाई]]
+राजाराम
+[[राजाराम शिवाजी|राजाराम]]
-[[शाहू]]
-[[शाहू]]
||'राजाराम' [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] का द्वितीय पुत्र था। जब उसका बड़ा भाई [[शम्भुजी]] [[मुग़ल|मुग़लों]] द्वारा बन्दी बनाकर मार डाला गया और उसका पुत्र [[शाहू]] भी 1689 ई. में [[औरंगज़ेब]] का बन्दी हो गया, तब [[राजाराम शिवाजी|राजाराम]] [[कर्नाटक]] में [[जिंजी]] नामक क़िले में चला गया और वहीं से उसने औरंगज़ेब के विरुद्ध [[मराठा|मराठों]] के स्वातंत्र्य-युद्ध का संचालन किया। '[[पंत प्रतिनिधि]]' [[मराठा साम्राज्य]] में [[पेशवा]] से भी उच्च पद था। यह नया पद राजाराम ने उस समय सृजित किया, जब उसने जिंजी के दुर्ग में शरण ले रखी थी। शाहू के समय में पंत प्रतिनिधि के पद का महत्त्व घट गया और पेशवा पद का महत्त्व बढ़ गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजाराम शिवाजी]]
||'राजाराम' [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] का द्वितीय पुत्र था। जब उसका बड़ा भाई [[शम्भुजी]] [[मुग़ल|मुग़लों]] द्वारा बन्दी बनाकर मार डाला गया और उसका पुत्र [[शाहू]] भी 1689 ई. में [[औरंगज़ेब]] का बन्दी हो गया, तब [[राजाराम शिवाजी|राजाराम]] [[कर्नाटक]] में [[जिंजी]] नामक क़िले में चला गया और वहीं से उसने औरंगज़ेब के विरुद्ध [[मराठा|मराठों]] के स्वातंत्र्य-युद्ध का संचालन किया। '[[पंत प्रतिनिधि]]' [[मराठा साम्राज्य]] में [[पेशवा]] से भी उच्च पद था। यह नया पद राजाराम ने उस समय सृजित किया, जब उसने जिंजी के दुर्ग में शरण ले रखी थी। शाहू के समय में पंत प्रतिनिधि के पद का महत्त्व घट गया और पेशवा पद का महत्त्व बढ़ गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजाराम शिवाजी]]

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