"इंद्रप्रयाग": अवतरणों में अंतर

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*इंद्रप्रयाग [[उत्तराखण्ड]] के [[ऋषिकेश]] से देवप्रयाग जाने वाले मार्ग पर नवालिका-[[गंगा]]-संगम पर स्थित प्राचीन तीर्थ था।  
'''इंद्रप्रयाग''' [[उत्तराखण्ड]] के [[ऋषिकेश]] से [[देवप्रयाग]] जाने वाले मार्ग पर नवालिका-[[गंगा]]-संगम पर स्थित [[तीर्थ स्थल|प्राचीन तीर्थ]] था।  
*पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि जब देवराज [[इंद्र]] वृत्रासुर से संग्राम में पराजित होकर भागे तो उन्हांने यहीं आकर [[शिव]] की आराधना की थी।  
*पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि जब [[इंद्र|देवराज इंद्र]] वृत्रासुर से संग्राम में पराजित होकर भागे तो उन्होंने यहीं आकर [[शिव]] की आराधना की थी।  
*शिव से वरदान प्राप्त होने पर ही वे वृत्रासुर को मार सके थे।  
*शिव से वरदान प्राप्त होने पर ही वे वृत्रासुर को मार सके थे।  


{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 75| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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09:37, 6 मई 2018 के समय का अवतरण

इंद्रप्रयाग उत्तराखण्ड के ऋषिकेश से देवप्रयाग जाने वाले मार्ग पर नवालिका-गंगा-संगम पर स्थित प्राचीन तीर्थ था।

  • पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि जब देवराज इंद्र वृत्रासुर से संग्राम में पराजित होकर भागे तो उन्होंने यहीं आकर शिव की आराधना की थी।
  • शिव से वरदान प्राप्त होने पर ही वे वृत्रासुर को मार सके थे।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 75| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार



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