"पहेली 25 दिसम्बर 2019": अवतरणों में अंतर

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-[[गणेशशंकर विद्यार्थी]]
-[[गणेशशंकर विद्यार्थी]]
-[[पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी]]
-[[पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी]]
||[[चित्र:Ramvriksh-Benipuri.jpg|right|border|80px|]]रामवृक्ष बेनीपुरी प्रसिद्ध [[उपन्यासकार]], [[कहानीकार]], निबंधकार और नाटककार थे। ये एक महान् विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी, [[साहित्यकार]], पत्रकार और संपादक के रूप में भी अविस्मणीय हैं। [[रामवृक्ष बेनीपुरी]] [[हिन्दी साहित्य]] के 'शुक्लोत्तर युग' के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। एक सच्चे देशभक्त और क्रांतिकारी के रूप में भी आप जाने जाते थे। उनका विपुल साहित्य, शैली, भाषा और विचारों की दृष्टि से बड़ा ही प्रभावकारी रहा है। [[उपन्यास]], [[जीवनी|जीवनियाँ]], कहानी संग्रह, [[संस्मरण]] आदि विधाओं की लगभग 80 पुस्तकों की उन्होंने रचना की थी। इनमें '''माटी की मूरतें''' अपने जीवंत [[रेखाचित्र|रेखाचित्रों]] के लिए आज भी याद की जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामवृक्ष बेनीपुरी]]</quiz>
||[[चित्र:Ramvriksh-Benipuri.jpg|right|border|80px|रामवृक्ष बेनीपुरी]]रामवृक्ष बेनीपुरी प्रसिद्ध [[उपन्यासकार]], [[कहानीकार]], निबंधकार और नाटककार थे। ये एक महान् विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी, [[साहित्यकार]], पत्रकार और संपादक के रूप में भी अविस्मणीय हैं। [[रामवृक्ष बेनीपुरी]] [[हिन्दी साहित्य]] के 'शुक्लोत्तर युग' के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। एक सच्चे देशभक्त और क्रांतिकारी के रूप में भी आप जाने जाते थे। उनका विपुल साहित्य, शैली, भाषा और विचारों की दृष्टि से बड़ा ही प्रभावकारी रहा है। [[उपन्यास]], [[जीवनी|जीवनियाँ]], कहानी संग्रह, [[संस्मरण]] आदि विधाओं की लगभग 80 पुस्तकों की उन्होंने रचना की थी। इनमें '''माटी की मूरतें''' अपने जीवंत [[रेखाचित्र|रेखाचित्रों]] के लिए आज भी याद की जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामवृक्ष बेनीपुरी]]
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