"अमीर-ए-दाद": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
सुल्तान की राजधानी में अनुपस्थित होने पर यह दीवान-ए-मजलिस की अध्यक्षता करता था। इसे दादबक भी कहा जाता था।
सुल्तान की राजधानी में अनुपस्थित होने पर यह दीवान-ए-मजलिस की अध्यक्षता करता था। इसे दादबक भी कहा जाता था।


{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}  
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{सल्तनतकालीन प्रशासन}}
{{सल्तनतकालीन प्रशासन}}{{ऐतिहासिक शासन-प्रशासन}}
[[Category:दिल्ली सल्तनत]]
[[Category:ऐतिहासिक शब्दावली]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:दिल्ली सल्तनत]]
[[Category:प्राचीन शासन-प्रशासन]]
__INDEX__
__INDEX__

09:01, 9 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

अमीर-ए-दाद शब्द का प्रयोग भारत के इतिहास में सल्तनत काल के दौरान अधिक होता था।

जिसका अर्थ होता था:

सुल्तान की राजधानी में अनुपस्थित होने पर यह दीवान-ए-मजलिस की अध्यक्षता करता था। इसे दादबक भी कहा जाता था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख