"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 414": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Kamadeva.jpg|right|border|80px|कामदेव]]'कामदेव' को [[हिन्दू धर्म]] ग्रंथों में काम और प्रेम का [[देवता]] बताया गया है। इनकी पत्नी का नाम [[रति]] कहा गया है। ये इतने शक्तिशाली हैं कि उनके लिए किसी प्रकार के कवच की कल्पना नहीं की गई है। [[कामदेव]] का स्वरूप युवा और आकर्षक है। वे विवाहित हैं और रति उनकी पत्नी हैं। 'रागवृंत', 'अनंग', 'कंदर्प', 'मनमथ', 'मनसिजा', 'मदन', 'रतिकांत', 'पुष्पवान' तथा 'पुष्पधंव' आदि कामदेव के प्रसिद्ध नाम हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामदेव]] | |||
{[[हनुमान|हनुमानजी]] का नाम 'हनुमान' कैसे पड़ा? | {[[हनुमान|हनुमानजी]] का नाम 'हनुमान' कैसे पड़ा? | ||
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-वह अविवाहित थे। | -वह अविवाहित थे। | ||
+[[इन्द्र]] द्वारा [[वज्र अस्त्र|वज्र]] के प्रहार से उनकी 'हनु' (ठोड़ी) टेढ़ी हो गई थी। | +[[इन्द्र]] द्वारा [[वज्र अस्त्र|वज्र]] के प्रहार से उनकी 'हनु' (ठोड़ी) टेढ़ी हो गई थी। | ||
||[[चित्र:Hanuman.jpg|right|border|80px|हनुमान]]'हनुमान' को [[हिन्दू]] धर्म ग्रंथों में [[राम]] का भक्त और सर्वाधिक बलशाली कहा गया है। जब एक समय हनुमान सूर्य को फल समझ उसे ग्रसने के लिए पहुँक गए, तब उन्हें [[इन्द्र]] रोकने के लिए आये। [[हनुमान]] ने [[ऐरावत]] को देखा। उसे और भी बड़ा फल जानकर वे पकड़ने के लिए बढ़े। इन्द्र ने क्रुद्ध होकर अपने [[वज्र अस्त्र|वज्र]] से प्रहार किया, जिससे हनुमान की बायीं ठोड़ी टूट गयी और वे नीचे गिरे। यह देखकर [[वायु देव|पवनदेव]] हनुमान को उठाकर एक गुफ़ा में चले गये। संसार-भर की वायु उन्होंने रोक ली। लोग वायु के अभाव से पीड़ित होकर मरने लगे। मनुष्य-रूपी प्रजा [[ब्रह्मा]] के पास गयी। ब्रह्मा विभिन्न देवताओं को लेकर पवनदेव के पास पहुंचे। उनके स्पर्शमात्र से हनुमान ठीक हो गये। साथ आए देवताओं से ब्रह्मा ने कहा- 'यह बालक भविष्य में तुम्हारे लिए हितकर होगा। अत: इसे अनेक वरदानों से विभूषित करो।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हनुमान]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन सा काव्य ग्रंथ पंडितराज जगन्नाथ कृत नहीं है? | |||
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-[[गंगालहरी]] | |||
+[[सौंदर्यलहरी]] | |||
-[[करुणालहरी]] | |||
-[[अमृतलहरी]] | |||
{किस [[संस्कार]] में बच्चे को 'द्विज' का नाम दिया जाता है? | {किस [[संस्कार]] में बच्चे को 'द्विज' का नाम दिया जाता है? | ||
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+[[उपनयन संस्कार|उपनयन]] | +[[उपनयन संस्कार|उपनयन]] | ||
-[[विवाह]] | -[[विवाह]] | ||
||[[चित्र:Upanayana-1.jpg|right|border|80px|उपनयन संस्कार]]'उपनयन संस्कार' [[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म संस्कारों]] में दशम संस्कार है। यह संस्कार [[ब्राह्मण]] बालक का आठवें वर्ष में, [[क्षत्रिय]] बालक का ग्यारहवें वर्ष में और [[वैश्य]] बालक का बारहवें वर्ष में होता है। कन्याओं को इस [[संस्कार]] का अधिकार नहीं दिया गया है। केवल [[विवाह|विवाह संस्कार]] ही उनके लिये द्विजत्व के रूप में परिणत करने वाला संस्कार माना गया है। 'उपनयन' का अर्थ है- "पास या सन्निकट ले जाना।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उपनयन संस्कार]] | |||
{[[पांडव|पांडवों]] के [[पांडवों का स्वर्गारोहण|महाप्रस्थान]] के समय [[अर्जुन]] ने किस [[समुद्र]] में अपना [[गांडीव धनुष]] फेंक दिया? | {[[पांडव|पांडवों]] के [[पांडवों का स्वर्गारोहण|महाप्रस्थान]] के समय [[अर्जुन]] ने किस [[समुद्र]] में अपना [[गांडीव धनुष]] फेंक दिया? | ||
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+[[लाल सागर]] | +[[लाल सागर]] | ||
-[[बंगाल की खाड़ी]] (महोदधि) | -[[बंगाल की खाड़ी]] (महोदधि) | ||
||[[चित्र:Red-Sea.jpg|right|border|80px|लाल सागर]]'लाल सागर' भारतीय महासागर का वह अंश जो [[अरब]] और [[अफ्रीका]] के मध्य में पड़ता है, और जो 'बाव' एल 'मंदव' से स्वेज तक फैला हुआ है, लाल समुद्र कहलाता है। 'ट्राइकोडेस्मियम इरीथीयम' नामक [[हरा रंग|हरी]] - [[नीला रंग|नीली]] [[शैवाल]] लाल सागर में [[जल]] के ऊपर तैरती है और यह [[सागर]] को [[लाल रंग]] प्रदान करती है। इसी कारण से [[सागर]] को लाल सागर (Red sea) कहते है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाल सागर]] | |||
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05:27, 28 जनवरी 2020 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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