"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 429": अवतरणों में अंतर
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-[[असम]] | -[[असम]] | ||
-[[अरुणाचल प्रदेश]] | -[[अरुणाचल प्रदेश]] | ||
||[[चित्र:Tso-Moriri-Lake-Ladakh.jpg|right|border|80px|त्सो मोरिरी झील, लद्दाख]]'लद्दाख' [[उत्तरी भारत]] का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो उत्तर में [[कराकोरम पर्वत श्रेणी|काराकोरम पर्वत]] और दक्षिण में [[हिमालय|हिमालय पर्वत]] के बीच में स्थित है। यह [[भारत]] के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है। सीमावर्ती स्थिति के कारण सामरिक दृष्टि से इसका बड़ा महत्व है। लद्दाख, उत्तर-पश्चिमी हिमालय के पर्वतीय क्रम में आता है, जहाँ का अधिकांश धरातल कृषि योग्य नहीं है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लद्दाख]] | |||
{[[दादाजी कोंडदेव]] किस वीर पुरुष के गुरु का नाम था? | {[[दादाजी कोंडदेव]] किस वीर पुरुष के गुरु का नाम था? | ||
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-[[पृथ्वीराज चौहान]] | -[[पृथ्वीराज चौहान]] | ||
-[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] | -[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] | ||
||[[चित्र:Chatrapati-Shivaji.jpg|right|border|80px|शिवाजी]]'शिवाजी' के [[पिता]] का नाम [[शाहजी भोंसले]] और [[माता]] का नाम [[जीजाबाई]] था। उनके पिता शूरवीर थे और अपनी दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते पर आकर्षित थे। जीजाबाई उच्च कुल में उत्पन्न प्रतिभाशाली होते हुए भी तिरस्कृत जीवन जी रही थीं। जीजाबाई [[यादव वंश]] से थीं। उनके पिता एक शक्तिशाली और प्रभावशाली सामन्त थे। बालक [[शिवाजी]] का लालन-पालन उनके स्थानीय संरक्षक [[दादाजी कोंडदेव]], जीजाबाई तथा [[समर्थ रामदास|समर्थ गुरु रामदास]] की देखरेख में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शिवाजी]] | |||
{निम्नलिखित में से किस गाँव से [[वीर सावरकर]] का सम्बंध है? | {निम्नलिखित में से किस गाँव से [[वीर सावरकर]] का सम्बंध है? | ||
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-बेनीपुर | -बेनीपुर | ||
-लमही | -लमही | ||
||[[चित्र:Vinayak-Damodar-Savarkar.jpg|right|border|80px|वीर सावरकर]]'वीर सावरकर' न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे बल्कि एक भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान् कवि और महान् इतिहासकार और ओजस्वी आदि वक्ता भी थे। [[वीर सावरकर]] का जन्म [[28 मई]] [[1883]] को [[नासिक]] के '''भगूर गाँव''' में हुआ। उनके [[पिता]] दामोदरपंत गाँव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में जाने जाते थे। जब विनायक नौ साल के थे, तभी उनकी [[माता]] राधाबाई का देहांत हो गया था। विनायक दामोदर सावरकर 20वीं शताब्दी के सबसे बड़े हिन्दूवादी थे। उन्हें [[हिन्दू]] शब्द से बेहद लगाव था। वह कहते थे कि "उन्हें स्वातन्त्रय वीर की जगह हिन्दू संगठक कहा जाए।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वीर सावरकर]] | |||
{[[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] के विरुद्ध [[भारत]] का [[प्रथम स्वतंत्रता संग्राम]] कब लड़ा गया था? | {[[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] के विरुद्ध [[भारत]] का [[प्रथम स्वतंत्रता संग्राम]] कब लड़ा गया था? | ||
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-सन [[1947]] | -सन [[1947]] | ||
-सन [[1962]] | -सन [[1962]] | ||
||[[चित्र:1857-Swatantrata-sangram.jpg|right|border|80px|प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों के सम्मान में जारी डाक टिकट]][[लॉर्ड कैनिंग]] के [[गवर्नर-जनरल]] के रूप में शासन करने के दौरान ही [[1857]] ई. की महान् क्रान्ति हुई। इस क्रान्ति का आरम्भ [[10 मई]], 1857 ई. को [[मेरठ]] से हुआ, जो धीरे-धीरे [[कानपुर]], [[बरेली]], [[झांसी]], [[दिल्ली]], [[अवध]] आदि स्थानों पर फैल गया। इस क्रान्ति की शुरुआत तो एक सैन्य विद्रोह के रूप में हुई, परन्तु कालान्तर में उसका स्वरूप बदल कर ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक जनव्यापी विद्रोह के रूप में हो गया, जिसे [[भारत]] का [[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम]] कहा गया। 1857 ई. की इस महान् क्रान्ति के स्वरूप को लेकर विद्धान एक मत नहीं है। इस बारे में विद्वानों ने अपने अलग-अलग मत प्रतिपादित किये हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम]] | |||
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05:21, 20 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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