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[[चित्र:Sansad-Bhavan.jpg|right|150px|link=संसद भवन|border]]
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<div style="padding:3px">[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|100px|border|link=कालिदास]]</div>
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         '''[[कालिदास]]''' [[संस्कृत]] भाषा के सबसे महान [[कवि]] और नाटककार थे। कलिदास अपनी [[अलंकार]] युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके [[ऋतु]] वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल। [[संगीत]] उनके [[साहित्य]] का प्रमुख अंग है और [[रस]] का सृजन करने में उनकी कोई उपमा नहीं। कालिदास [[शिव]] के भक्त थे। कालिदास नाम का शाब्दिक अर्थ है, '[[काली]] का सेवक'। कालिदास दिखने में बहुत सुंदर थे और [[विक्रमादित्य]] के दरबार के नवरत्नों में एक थे। लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। कालिदास की शादी [[विद्योत्तमा]] नाम की राजकुमारी से हुई। [[कालिदास|... और पढ़ें]]</poem>
         '''[[संसद भवन]]''' [[नई दिल्ली]] में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं [[लोक सभा]] और [[राज्य सभा]] इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - '''सर एडविन लुटय़न्स''' और '''सर हर्बर्ट बेकर''' ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला [[12 फ़रवरी]], [[1921]] को महामहिम '''द डय़ूक ऑफ कनाट''' ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह [[वर्ष]] लगे और इसका उद्घाटन समारोह [[भारत]] के तत्कालीन गवर्नर जनरल [[लॉर्ड इर्विन]] ने [[18 जनवरी]], [[1927]] को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। [[संसद भवन|... और पढ़ें]]
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एक आलेख

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल