"साँचा:विशेष आलेख": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 54 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
<h4>[[चयनित लेख|एक आलेख]]</h4>
|-</noinclude>
<div class="hamariaapki-new headbg34">
| style="background:transparent;"|
[[चित्र:Sansad-Bhavan.jpg|right|150px|link=संसद भवन|border]]
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| <font color="#003366">एक आलेख</font>
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
<div style="padding:3px">[[चित्र:Ramlila-Mathura-6.jpg|right|botom|120px|दशहरा, रामलीला मैदान, मथुरा|link=विजय दशमी|border]]</div>
<poem>
<poem>
         '''[[विजय दशमी]]''' अथवा 'दशहरा' [[भारत]] का राष्ट्रीय त्योहार है। यह [[आश्विन]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[दशमी]] को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान [[राम|श्रीराम]] ने [[सीता]] का हरण करने वाले [[रावण]] का वध किया था। विजय दशमी के अवसर पर पूरे भारत में जगह–जगह आयोजित [[रामलीला]] में रावण दहन का प्रदर्शन होता है। इस दिन नीलकंठ का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है। विजय दशमी सभी जातियों के लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण दिन है, किंतु राजाओं, सामंतों एवं [[क्षत्रिय|क्षत्रियों]] के लिए यह विशेष रूप से शुभ दिन है। [[विजय दशमी|... और पढ़ें]]
         '''[[संसद भवन]]''' [[नई दिल्ली]] में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं [[लोक सभा]] और [[राज्य सभा]] इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - '''सर एडविन लुटय़न्स''' और '''सर हर्बर्ट बेकर''' ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला [[12 फ़रवरी]], [[1921]] को महामहिम '''द डय़ूक ऑफ कनाट''' ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह [[वर्ष]] लगे और इसका उद्घाटन समारोह [[भारत]] के तत्कालीन गवर्नर जनरल [[लॉर्ड इर्विन]] ने [[18 जनवरी]], [[1927]] को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। [[संसद भवन|... और पढ़ें]]
</poem>
</poem>
----
<center>
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
|-
|-
| [[चयनित लेख|पिछले विशेष आलेख]] →
| [[चयनित लेख|पिछले आलेख]] →
| [[श्राद्ध]] ·
|[[राष्ट्रपति]]
| [[हिंदी]] ·
| [[रसखान की भाषा]]
| [[स्वतंत्रता दिवस]] ·
| [[मौर्य काल]]
| [[कालिदास]] ·
|}
| [[मेवाड़]]
</center>
|}</center>
</div>
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>
<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>

14:05, 6 अप्रैल 2020 के समय का अवतरण

एक आलेख

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल