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| [[आर्य]] और उनका प्रारंभिक निवास (वैदिक संस्कृति) :- जिसे 'सप्त सिंघव' देश कहा गया है, वह भाग भारतवर्ष का उत्तर पश्चिमी भाग था । मान्यताओं के अनुसार यही सृष्टि का आरंभिक स्थल और आर्यों का आदि देश है। सप्त सिंघव देश का फैलाव [[कश्मीर]], [[पाकिस्तान]] और [[पंजाब]] के अधिकांश भाग में था। आर्य, उत्तरी ध्रुव, मध्य एशिया अथवा किसी अन्य स्थान से [[भारत]] आये हों, भारतीय मान्यता में पूर्ण रूप से स्वीकार्य नहीं है । [[भारत]] में ही नहीं विश्व भर में संख्या 'सात' का आश्चर्यजनक मह्त्व है जैसे सात सुर, सात रंग, [[सप्तर्षि|सप्त-ॠषि]], सात सागर, आदि इसी तरह सात नदियों के कारण सप्त सिंघव देश के नामकरण हुआ था । वे नदियाँ हैं, | | #REDIRECT [[सप्त सिंधव]] |
| *[[सिंधु नदी|सिंधु]] (सिंध),
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| *विपासा([[व्यास नदी|व्यास]]),
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| *आतुल([[सतलुज नदी|सतलुज]]),
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| *वितस्ता([[झेलम नदी|झेलम]]),
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| *अस्क्नी([[चिनाव नदी|चिनाव]]),
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| *परूसी([[रावी नदी|रावी]])
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| *[[सरस्वती नदी|सरस्वती]]
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| नई संभावनाओं से यह विचार और दृढ़ होता है कि प्राचीन सप्त सिंधव और निकटवर्ती प्रदेश [[ब्रह्मावर्त]] में [[वेद|वेदों]] का उदय और वैदिक संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ होगा ।
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| [[Category:भूगोल कोश]]
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| [[Category:इतिहास कोश]]
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