"अर्गट": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''अर्गट''' एक दवा है जिससे अनैच्छिक मांसपेशियों में संकोच होता है और इसलिए प्रसव के बाद असामान्य रक्तस्राव रोकने के लिए स्त्रियों को दिया जाता है। अधिक मात्रा में खाने पर | '''अर्गट''' एक दवा है, जिससे [[अनैच्छिक माँसपेशियाँ|अनैच्छिक मांसपेशियों]] में संकोच होता है और इसलिए प्रसव के बाद असामान्य रक्तस्राव रोकने के लिए यह स्त्रियों को दिया जाता है।<br /> | ||
<br /> | |||
*अधिक मात्रा में खाने पर अर्गट तीव्र विष का गुण दिखाता है। | |||
*नीवारिका ([[अंग्रेज़ी]] में राई) नाम के निकृष्ट अन्न में बहुधा एक विशेष प्रकार की फफूँदी (भुकड़ी) लग जाती है, जिससे वह अन्न विषाक्त हो जाता है। इसी फफूँदी<ref>लैटिन नाम क्लैवीसेप्स परप्यूरिया</ref> से अर्गट निकाला जाता है। इस फफूँदी लगी नीवारिका को खाने से जीर्ण विषाक्तता<ref>क्रानिक पॉयज़निंग</ref> रोग हो जाने का खतरा रहता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=237 |url=}}</ref> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category:औषधि]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]] | {{औषधीय पौधे}} | ||
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | [[Category:वनस्पति]][[Category:औषधि]][[Category:औषधीय पौधे]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]][[Category:वनस्पति कोश]][[Category:औषधि]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:06, 29 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
अर्गट एक दवा है, जिससे अनैच्छिक मांसपेशियों में संकोच होता है और इसलिए प्रसव के बाद असामान्य रक्तस्राव रोकने के लिए यह स्त्रियों को दिया जाता है।
- अधिक मात्रा में खाने पर अर्गट तीव्र विष का गुण दिखाता है।
- नीवारिका (अंग्रेज़ी में राई) नाम के निकृष्ट अन्न में बहुधा एक विशेष प्रकार की फफूँदी (भुकड़ी) लग जाती है, जिससे वह अन्न विषाक्त हो जाता है। इसी फफूँदी[1] से अर्गट निकाला जाता है। इस फफूँदी लगी नीवारिका को खाने से जीर्ण विषाक्तता[2] रोग हो जाने का खतरा रहता है।[3]
|
|
|
|
|