"पहेली 16 फ़रवरी 2014": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो ("पहेली 16 फ़रवरी 2014" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि)))
छो (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
-[[महानदी]] द्रोणी में
-[[महानदी]] द्रोणी में
-पालार-[[पेन्नार नदी|पेन्नार]] द्रोणी में
-पालार-[[पेन्नार नदी|पेन्नार]] द्रोणी में
||[[चित्र:Krishna-River.jpg|right|120px|कृष्णा नदी]]कृष्णा नदी दक्षिण [[भारत]] की एक महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उद्गम [[महाराष्ट्र]] राज्य में महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट शृंखला से होता है, जो [[भारत]] के पश्चिमी समुद्र तट से अधिक दूर नहीं है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है, और फिर सामान्यत: दक्षिण-पूर्वी दिशा में [[सांगली]] से होते हुए [[कर्नाटक]] राज्य सीमा की ओर बहती है। यहाँ पहुँचकर यह नदी पूर्व की ओर मुड़ जाती है, और अनियमित गति से कर्नाटक और [[आंध्र प्रदेश]] राज्य से होकर बहती है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णा नदी]]
||[[चित्र:Krishna-River.jpg|right|120px|कृष्णा नदी]]कृष्णा नदी दक्षिण [[भारत]] की एक महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उद्गम [[महाराष्ट्र]] राज्य में महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट श्रृंखला से होता है, जो [[भारत]] के पश्चिमी समुद्र तट से अधिक दूर नहीं है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है, और फिर सामान्यत: दक्षिण-पूर्वी दिशा में [[सांगली]] से होते हुए [[कर्नाटक]] राज्य सीमा की ओर बहती है। यहाँ पहुँचकर यह नदी पूर्व की ओर मुड़ जाती है, और अनियमित गति से कर्नाटक और [[आंध्र प्रदेश]] राज्य से होकर बहती है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णा नदी]]
||[[चित्र:Godavari-River.jpg|right|120px|गोदावरी घाट, नासिक]][[रामायण]], [[महाभारत]] एवं [[पुराण|पुराणों]] में इसकी चर्चा हुई हैं। वन पर्व ने इसे दक्षिण में पायी जाने वाली एक पुनीत नदी की संज्ञा दी है और कहा है कि यह निर्झरपूर्ण एवं वाटिकाओं से [[आच्छादित]] तटवाली थी और यहाँ मुनिगण तपस्या किया करते थे। रामायण के [[अरण्य काण्ड वा. रा.]] ने गोदावरी के पास के पंचवटी नामक स्थल का वर्णन किया है, जहाँ मृगों के झुण्ड रहा करते थे और जो [[अगस्त्य]] के आश्रम से दो योजन की दूरी पर था। [[ब्रह्मपुराण]] में गोदावरी एवं इसके उपतीर्थों का सविस्तार वर्णन हुआ है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोदावरी नदी]]
||[[चित्र:Godavari-River.jpg|right|120px|गोदावरी घाट, नासिक]][[रामायण]], [[महाभारत]] एवं [[पुराण|पुराणों]] में इसकी चर्चा हुई हैं। वन पर्व ने इसे दक्षिण में पायी जाने वाली एक पुनीत नदी की संज्ञा दी है और कहा है कि यह निर्झरपूर्ण एवं वाटिकाओं से [[आच्छादित]] तटवाली थी और यहाँ मुनिगण तपस्या किया करते थे। रामायण के [[अरण्य काण्ड वा. रा.]] ने गोदावरी के पास के पंचवटी नामक स्थल का वर्णन किया है, जहाँ मृगों के झुण्ड रहा करते थे और जो [[अगस्त्य]] के आश्रम से दो योजन की दूरी पर था। [[ब्रह्मपुराण]] में गोदावरी एवं इसके उपतीर्थों का सविस्तार वर्णन हुआ है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोदावरी नदी]]
</quiz>
</quiz>
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 15 फ़रवरी 2014]] |अगली=[[पहेली 17 फ़रवरी 2014]]}}
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 15 फ़रवरी 2014]] |अगली=[[पहेली 17 फ़रवरी 2014]]}}
<br />
<br />
[[चित्र:More-click.png|250px|left|सभी विषयों से संबंधित अन्य पहेली एवं प्रश्नोत्तरी के लिए यहाँ क्लिक करें|link=सामान्य ज्ञान]]
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
|}
|}



10:40, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

तेल की अत्यधिक सम्भावनायुक्त 'रावा अपघट' खंड कहाँ अवस्थित है?

कृष्णा-गोदावरी द्रोणी में
कावेरी द्रोणी में
महानदी द्रोणी में
पालार-पेन्नार द्रोणी में


पहेली 15 फ़रवरी 2014 पहेली 16 फ़रवरी 2014 पहेली 17 फ़रवरी 2014


सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान