"दो लड़के -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | |मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
|मुख्य रचनाएँ=वीणा, पल्लव, चिदंबरा, युगवाणी, लोकायतन, हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, युगपथ, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद आदि | |मुख्य रचनाएँ=[[वीणा -सुमित्रानन्दन पंत|वीणा]], [[पल्लव -सुमित्रानन्दन पंत|पल्लव]], चिदंबरा, [[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]], [[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]], हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, [[युगपथ -सुमित्रानन्दन पंत|युगपथ]], [[स्वर्णकिरण -सुमित्रानन्दन पंत|स्वर्णकिरण]], कला और बूढ़ा चाँद आदि | ||
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किलकारी भरते हैं, खुश हो-हो अन्दर से। | किलकारी भरते हैं, खुश हो-हो अन्दर से। | ||
दौड़ पार आँगन के फिर हो जाते ओझल | दौड़ पार आँगन के फिर हो जाते ओझल | ||
वे नाटे | वे नाटे छह सात साल के लड़के मांसल | ||
सुन्दर लगती नग्न देह, मोहती नयन-मन, | सुन्दर लगती नग्न देह, मोहती नयन-मन, |
11:40, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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मेरे आँगन में, (टीले पर है मेरा घर) |
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