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[[भारत]] देश के सभी [[भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान]] (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में इंदौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान | [[भारत]] देश के सभी [[भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान]] (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में इंदौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तेज़ीसे उभर रहा है। साल [[2008]] से [[2009]] के बीच खुले आठ नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से छात्रों ने मैकेनिकल ब्रांच में प्रवेश के लिए इंदौर को प्राथमिकता दी। इलेक्ट्रिकल ब्रांच में प्रवेश के लिए पसंद में इंदौर से आगे केवल हैदराबाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रहा। | ||
कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में प्रवेश के लिए छात्रों की पसंद के मामले में इंदौर ने पांच नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान को पीछे छोड़ा। उससे आगे रोपड़ व हैदराबाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ही रहे। इसके चलते इंदौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की तीनों शाखा (कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग) में कट ऑफ तीन सालों की तुलना में सर्वाधिक रहा। हालांकि सात पुराने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की बराबरी करने के लिए इंदौर को लंबा रास्ता तय करना है। | कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में प्रवेश के लिए छात्रों की पसंद के मामले में इंदौर ने पांच नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान को पीछे छोड़ा। उससे आगे रोपड़ व हैदराबाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ही रहे। इसके चलते इंदौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की तीनों शाखा (कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग) में कट ऑफ तीन सालों की तुलना में सर्वाधिक रहा। हालांकि सात पुराने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की बराबरी करने के लिए इंदौर को लंबा रास्ता तय करना है। | ||
==परिसर== | ==परिसर== | ||
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई. आई.टी.) इंदौर कैम्पस के लिये ज़िले की महू तहसील के सिमरोल ग्राम के पास तलाई नाके के समीपस्थ भूमि पर शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के लिये कुल 501.6 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है । इसमें 198 एकड़ भूमि वन विभाग द्वारा एवं शेष 303.6 एकड़ भूमि राजस्व विभाग द्वारा आई. आई.टी. को हस्तांतरित की गयी है। आई. आई.टी. इंदौर के कुलसचिव श्री राजशेखर ने बताया कि क़रीब 2000 करोड़ | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई. आई.टी.) इंदौर कैम्पस के लिये ज़िले की महू तहसील के सिमरोल ग्राम के पास तलाई नाके के समीपस्थ भूमि पर शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के लिये कुल 501.6 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है । इसमें 198 एकड़ भूमि वन विभाग द्वारा एवं शेष 303.6 एकड़ भूमि राजस्व विभाग द्वारा आई. आई.टी. को हस्तांतरित की गयी है। आई. आई.टी. इंदौर के कुलसचिव श्री राजशेखर ने बताया कि क़रीब 2000 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले आई. आई.टी.. इंदौर के लिये आवटित एवं हस्तांतरित की जा चुकी भूमि पर शीघ्र ही 388 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाएंगे।<ref>{{cite web |url=http://localindore.com/%E0%A4%86%E0%A4%88-%E0%A4%86%E0%A4%88-%E0%A4%9F%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%B8-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A3/ |title=आई. आई.टी.कैम्पस का निर्माण शीघ्र |accessmonthday=2 जुलाई |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | ||
==छात्रों में लोकप्रिय== | ==छात्रों में लोकप्रिय== | ||
देश के मध्य में होने से इंदौर छात्रों की पसंद है। बीते एक [[साल]] में करोड़ों रुपए लगाकर आधुनिक रिसर्च मशीनें स्थापित की हैं। अधिकांश फैकल्टी विदेश में पढ़ाने का अनुभव रखती हैं। स्थायी फैकल्टी 70 हो गयी है। | देश के मध्य में होने से इंदौर छात्रों की पसंद है। बीते एक [[साल]] में करोड़ों रुपए लगाकर आधुनिक रिसर्च मशीनें स्थापित की हैं। अधिकांश फैकल्टी विदेश में पढ़ाने का अनुभव रखती हैं। स्थायी फैकल्टी 70 हो गयी है। | ||
====ऑर्डिनेंस ने दिए हैं अधिकार==== | ====ऑर्डिनेंस ने दिए हैं अधिकार==== | ||
एमएचआरडी के 'वन नेशन वन टेस्ट' के लिए मुख्य रुकावट इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961 बनेगा। एक्ट की धारा 28 व ऑर्डिनेंस 3.2 में | एमएचआरडी के 'वन नेशन वन टेस्ट' के लिए मुख्य रुकावट इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961 बनेगा। एक्ट की धारा 28 व ऑर्डिनेंस 3.2 में साफ़ लिखा है कि आईआईटी में चलने वाले बी.टेक., बी.टेक.-एम.टेक. (ड्युअल कोर्स), एम.एस.सी. कोर्सेस में साल में एक बार प्रवेश दिए जाएंगे। सभी आई.आई.टी. में यह प्रवेश 'ज्वॉइंट एंट्रेस एग्जाम' (जेईई) के जरिए होंगे जो सभी आई.आई.टी. मिलकर आयोजित कराएंगे। | ||
आई.आई.टी. इंदौर की परीक्षा पद्धति [[भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई|आई.आई.टी. मुंबई]] के आधार पर तय नहीं होगी। - डॉ. प्रदीप माथुर, डायरेक्टर, आईआईटी, इंदौर | आई.आई.टी. इंदौर की परीक्षा पद्धति [[भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई|आई.आई.टी. मुंबई]] के आधार पर तय नहीं होगी। - डॉ. प्रदीप माथुर, डायरेक्टर, आईआईटी, इंदौर | ||
==सीनेट== | ==सीनेट== | ||
हर आई.आई.टी. में शिक्षा, परीक्षा व अन्य एकेडमिक मानकों के सामान्य सुपरविज़न, निर्देशन व नियंत्रण के लिए सीनेट गठित होती है। इसमें डायरेक्टर, प्रोफेसर, विज्ञान, इंजीनियरिंग व मानविकी क्षेत्र के तीन विशेषज्ञ व अन्य सदस्य होते हैं। इंदौर आई.आई.टी. सीनेट में 20 से ज्यादा सदस्य हैं। | हर आई.आई.टी. में शिक्षा, परीक्षा व अन्य एकेडमिक मानकों के सामान्य सुपरविज़न, निर्देशन व नियंत्रण के लिए सीनेट गठित होती है। इसमें डायरेक्टर, प्रोफेसर, विज्ञान, इंजीनियरिंग व मानविकी क्षेत्र के तीन विशेषज्ञ व अन्य सदस्य होते हैं। इंदौर आई.आई.टी. सीनेट में 20 से ज्यादा सदस्य हैं। | ||
==सीनेट, बोर्ड को फैसले का अधिकार== | ==सीनेट, बोर्ड को फैसले का अधिकार== | ||
'इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961' ने सभी आई.आई.टी. को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया है। एक्ट में किसी भी आई.आई.टी. के लिए निर्णय के अधिकार की प्रमुख बॉडी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स हैं। इसके नीचे सीनेट है। सीनेट व बोर्ड का मुख्य काम यह देखना है कि एक्ट के अनुसार आई.आई.टी. चले। सीनेट एकेडमिक गुणवत्ता के लिए मानक देखती है। ऑर्डिनेंस में सुधार या निरस्ती का भी प्रस्ताव कर सकती है। सीनेट के ऊपर बोर्ड होता है, जो इसके फैसलों पर अंतिम निर्णय ले सकता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/article/MP-IND-cinet-decided-on-iit-indore-3412109.html |title=सीनेट तय करेगी इंदौर आईआईटी का | 'इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961' ने सभी आई.आई.टी. को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया है। एक्ट में किसी भी आई.आई.टी. के लिए निर्णय के अधिकार की प्रमुख बॉडी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स हैं। इसके नीचे सीनेट है। सीनेट व बोर्ड का मुख्य काम यह देखना है कि एक्ट के अनुसार आई.आई.टी. चले। सीनेट एकेडमिक गुणवत्ता के लिए मानक देखती है। ऑर्डिनेंस में सुधार या निरस्ती का भी प्रस्ताव कर सकती है। सीनेट के ऊपर बोर्ड होता है, जो इसके फैसलों पर अंतिम निर्णय ले सकता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/article/MP-IND-cinet-decided-on-iit-indore-3412109.html |title=सीनेट तय करेगी इंदौर आईआईटी का रुख़ |accessmonthday=2 जुलाई |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | ||
==पहला अकादमिक सत्र== | ==पहला अकादमिक सत्र== | ||
[[इंदौर]] के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पहले अकादमिक सत्र में कक्षाओं की विधिवत शुरुआत हो गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के फैकल्टी इंचार्ज प्रोफेसर के. एन. गुप्त ने बताया कि संस्थान के पहले बैच के विद्यार्थियों की सौ फीसदी हाजिरी के साथ गणित के लेक्चर से कक्षाएं शुरू हुईं। | [[इंदौर]] के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पहले अकादमिक सत्र में कक्षाओं की विधिवत शुरुआत हो गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के फैकल्टी इंचार्ज प्रोफेसर के. एन. गुप्त ने बताया कि संस्थान के पहले बैच के विद्यार्थियों की सौ फीसदी हाजिरी के साथ गणित के लेक्चर से कक्षाएं शुरू हुईं। | ||
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120 सीटों वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर में अकादमिक सत्र 2009-10 के दौरान इंजीनियरिंग की तीन शाखाएं - इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस शुरू की गई हैं। इनमें फिलहाल 111 छात्रों को दाखिला दिया गया है। गुप्त ने कहा, 'आई.आई.टी इंदौर के अस्थायी परिसर के रूप में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी (आईईटी) को चुना गया है।' | 120 सीटों वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर में अकादमिक सत्र 2009-10 के दौरान इंजीनियरिंग की तीन शाखाएं - इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस शुरू की गई हैं। इनमें फिलहाल 111 छात्रों को दाखिला दिया गया है। गुप्त ने कहा, 'आई.आई.टी इंदौर के अस्थायी परिसर के रूप में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी (आईईटी) को चुना गया है।' | ||
इस संस्थान में आई.आई.टी. की प्रारंभिक पढ़ाई के लिये | इस संस्थान में आई.आई.टी. की प्रारंभिक पढ़ाई के लिये ज़रूरी संसाधन जुटाए गए हैं। उन्होंने कहा, 'आईईटी के पास 34 फ्लैट में आई.आई.टी. छात्रों के ठहरने और खाने का अस्थायी इंतजाम किया गया है। आई.आई.टी. इंदौर के स्थायी परिसर की नींव [[17 फरवरी]] को यहां से 25 किलोमीटर दूर सिमरोल में रखी जा चुकी है। वहां क़रीब 500 एकड़ पर आई.आई.टी. परिसर का निर्माण किया जाएगा। इस काम में तीन से चार साल लग सकते हैं। आई.आई.टी. मुंबई को आईआईटी इंदौर का मेंटर बनाया गया है।'<ref>{{cite web |url=http://www.merikhabar.com/News/%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8C%E0%A4%B0_%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%9F%E0%A5%80_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82_%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%82_%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%88_%E0%A4%AA%E0%A4%A2%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%88_N9565.html |title=इंदौर आईआईटी में शुरू हुई पढ़ाई |accessmonthday=2 जुलाई |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | ||
==भारत के प्रौद्योगिकी संस्थान== | ==भारत के प्रौद्योगिकी संस्थान== |
08:21, 10 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
भारत देश के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में इंदौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तेज़ीसे उभर रहा है। साल 2008 से 2009 के बीच खुले आठ नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से छात्रों ने मैकेनिकल ब्रांच में प्रवेश के लिए इंदौर को प्राथमिकता दी। इलेक्ट्रिकल ब्रांच में प्रवेश के लिए पसंद में इंदौर से आगे केवल हैदराबाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रहा।
कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में प्रवेश के लिए छात्रों की पसंद के मामले में इंदौर ने पांच नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान को पीछे छोड़ा। उससे आगे रोपड़ व हैदराबाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ही रहे। इसके चलते इंदौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की तीनों शाखा (कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग) में कट ऑफ तीन सालों की तुलना में सर्वाधिक रहा। हालांकि सात पुराने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की बराबरी करने के लिए इंदौर को लंबा रास्ता तय करना है।
परिसर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई. आई.टी.) इंदौर कैम्पस के लिये ज़िले की महू तहसील के सिमरोल ग्राम के पास तलाई नाके के समीपस्थ भूमि पर शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के लिये कुल 501.6 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है । इसमें 198 एकड़ भूमि वन विभाग द्वारा एवं शेष 303.6 एकड़ भूमि राजस्व विभाग द्वारा आई. आई.टी. को हस्तांतरित की गयी है। आई. आई.टी. इंदौर के कुलसचिव श्री राजशेखर ने बताया कि क़रीब 2000 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले आई. आई.टी.. इंदौर के लिये आवटित एवं हस्तांतरित की जा चुकी भूमि पर शीघ्र ही 388 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाएंगे।[1]
छात्रों में लोकप्रिय
देश के मध्य में होने से इंदौर छात्रों की पसंद है। बीते एक साल में करोड़ों रुपए लगाकर आधुनिक रिसर्च मशीनें स्थापित की हैं। अधिकांश फैकल्टी विदेश में पढ़ाने का अनुभव रखती हैं। स्थायी फैकल्टी 70 हो गयी है।
ऑर्डिनेंस ने दिए हैं अधिकार
एमएचआरडी के 'वन नेशन वन टेस्ट' के लिए मुख्य रुकावट इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961 बनेगा। एक्ट की धारा 28 व ऑर्डिनेंस 3.2 में साफ़ लिखा है कि आईआईटी में चलने वाले बी.टेक., बी.टेक.-एम.टेक. (ड्युअल कोर्स), एम.एस.सी. कोर्सेस में साल में एक बार प्रवेश दिए जाएंगे। सभी आई.आई.टी. में यह प्रवेश 'ज्वॉइंट एंट्रेस एग्जाम' (जेईई) के जरिए होंगे जो सभी आई.आई.टी. मिलकर आयोजित कराएंगे। आई.आई.टी. इंदौर की परीक्षा पद्धति आई.आई.टी. मुंबई के आधार पर तय नहीं होगी। - डॉ. प्रदीप माथुर, डायरेक्टर, आईआईटी, इंदौर
सीनेट
हर आई.आई.टी. में शिक्षा, परीक्षा व अन्य एकेडमिक मानकों के सामान्य सुपरविज़न, निर्देशन व नियंत्रण के लिए सीनेट गठित होती है। इसमें डायरेक्टर, प्रोफेसर, विज्ञान, इंजीनियरिंग व मानविकी क्षेत्र के तीन विशेषज्ञ व अन्य सदस्य होते हैं। इंदौर आई.आई.टी. सीनेट में 20 से ज्यादा सदस्य हैं।
सीनेट, बोर्ड को फैसले का अधिकार
'इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961' ने सभी आई.आई.टी. को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया है। एक्ट में किसी भी आई.आई.टी. के लिए निर्णय के अधिकार की प्रमुख बॉडी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स हैं। इसके नीचे सीनेट है। सीनेट व बोर्ड का मुख्य काम यह देखना है कि एक्ट के अनुसार आई.आई.टी. चले। सीनेट एकेडमिक गुणवत्ता के लिए मानक देखती है। ऑर्डिनेंस में सुधार या निरस्ती का भी प्रस्ताव कर सकती है। सीनेट के ऊपर बोर्ड होता है, जो इसके फैसलों पर अंतिम निर्णय ले सकता है।[2]
पहला अकादमिक सत्र
इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पहले अकादमिक सत्र में कक्षाओं की विधिवत शुरुआत हो गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के फैकल्टी इंचार्ज प्रोफेसर के. एन. गुप्त ने बताया कि संस्थान के पहले बैच के विद्यार्थियों की सौ फीसदी हाजिरी के साथ गणित के लेक्चर से कक्षाएं शुरू हुईं।
120 सीटों वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर में अकादमिक सत्र 2009-10 के दौरान इंजीनियरिंग की तीन शाखाएं - इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस शुरू की गई हैं। इनमें फिलहाल 111 छात्रों को दाखिला दिया गया है। गुप्त ने कहा, 'आई.आई.टी इंदौर के अस्थायी परिसर के रूप में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी (आईईटी) को चुना गया है।'
इस संस्थान में आई.आई.टी. की प्रारंभिक पढ़ाई के लिये ज़रूरी संसाधन जुटाए गए हैं। उन्होंने कहा, 'आईईटी के पास 34 फ्लैट में आई.आई.टी. छात्रों के ठहरने और खाने का अस्थायी इंतजाम किया गया है। आई.आई.टी. इंदौर के स्थायी परिसर की नींव 17 फरवरी को यहां से 25 किलोमीटर दूर सिमरोल में रखी जा चुकी है। वहां क़रीब 500 एकड़ पर आई.आई.टी. परिसर का निर्माण किया जाएगा। इस काम में तीन से चार साल लग सकते हैं। आई.आई.टी. मुंबई को आईआईटी इंदौर का मेंटर बनाया गया है।'[3]
भारत के प्रौद्योगिकी संस्थान
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आई. आई.टी.कैम्पस का निर्माण शीघ्र (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 2 जुलाई, 2012।
- ↑ सीनेट तय करेगी इंदौर आईआईटी का रुख़ (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 2 जुलाई, 2012।
- ↑ इंदौर आईआईटी में शुरू हुई पढ़ाई (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 2 जुलाई, 2012।
- ↑ अन्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 21 जून, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
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