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==पौराणिक महत्व==
==पौराणिक महत्त्व==
हिंदू [[पुराण|पुराणों]] में [[देवता|देवताओं]] के चिकित्सक, दंतकथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों ने क्षीर सागर के [[समुद्र मंथन|मंथन]] से निकले अमृत की आकांक्षा की थी और समुद्र से अमृत का कलश ले कर धन्वंतरि निकले थे। पारंपरिक हिंदू औषधि की महत्त्वपूर्ण पद्धति आयुर्वेद का श्रेय भी [[धन्वंतरि]] को जाता है। धन्वंतरि के नाम पर ही इस शहर का नाम धनबाद पड़ा। इस नाम का उपयोग अन्य अर्ध्द पौराणिक और ऐतिहासिक वैद्यों तथा एक पौराणिक राजा के लिये भी किया जाता है।
[[हिन्दू]] [[पुराण|पुराणों]] में [[देवता|देवताओं]] के चिकित्सक, दंतकथाओं के अनुसार देवताओं और [[असुर|असुरों]] ने [[क्षीर सागर]] के [[समुद्र मंथन|मंथन]] से निकले अमृत की आकांक्षा की थी और [[समुद्र]] से अमृत का [[कलश]] ले कर [[धन्वंतरि]] निकले थे। पारंपरिक हिन्दू औषधि की महत्त्वपूर्ण पद्धति [[आयुर्वेद]] का श्रेय भी [[धन्वंतरि]] को जाता है। धन्वंतरि के नाम पर ही इस शहर का नाम '''धनबाद''' पड़ा। इस नाम का उपयोग अन्य अर्ध्द पौराणिक और ऐतिहासिक वैद्यों तथा एक पौराणिक राजा के लिये भी किया जाता है।
==यातायात व परिवहन==
==यातायात व परिवहन==
सड़क व रेल मार्ग के लिए धनबाद झारखंड में अपना विशेष स्थान बना चुका है वहीं वायुमार्ग के दृष्टिकोण से बरवाअड्डा इकाई पट्टी के विस्तारीकरण का काम तेजी से चल रहा है।   
सड़क व रेल मार्ग के लिए धनबाद झारखंड में अपना विशेष स्थान बना चुका है वहीं वायुमार्ग के दृष्टिकोण से बरवाअड्डा इकाई पट्टी के विस्तारीकरण का काम तेज़ीसे चल रहा है।   
==शिक्षण संस्थान==
==शिक्षण संस्थान==
शैक्षणिक संस्थानों में इस शहर को पूरे देश में गौरव प्राप्त है। जिसमें कुछ मुख्य संस्थान इस प्रकार है-
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08:21, 10 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

धनबाद धनबाद पर्यटन धनबाद ज़िला

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है, जो कोयले की ख़ानों के लिए पूरे देश में मशहूर है। यह औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व वाणिज्यिक क्षेत्र में अग्रणी है। झारखंड में स्थित इस शहर को 'कोयला राजधानी' नाम से भी जाना जाता है। धनबाद को 'काले हीरे का नगर' के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा शहरों में से है, जिसकी आबादी पूरी गति से बढ़ रही है।

कोयले की खान, धनबाद
Coal Mine, Dhanbad

पौराणिक महत्त्व

हिन्दू पुराणों में देवताओं के चिकित्सक, दंतकथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों ने क्षीर सागर के मंथन से निकले अमृत की आकांक्षा की थी और समुद्र से अमृत का कलश ले कर धन्वंतरि निकले थे। पारंपरिक हिन्दू औषधि की महत्त्वपूर्ण पद्धति आयुर्वेद का श्रेय भी धन्वंतरि को जाता है। धन्वंतरि के नाम पर ही इस शहर का नाम धनबाद पड़ा। इस नाम का उपयोग अन्य अर्ध्द पौराणिक और ऐतिहासिक वैद्यों तथा एक पौराणिक राजा के लिये भी किया जाता है।

यातायात व परिवहन

सड़क व रेल मार्ग के लिए धनबाद झारखंड में अपना विशेष स्थान बना चुका है वहीं वायुमार्ग के दृष्टिकोण से बरवाअड्डा इकाई पट्टी के विस्तारीकरण का काम तेज़ीसे चल रहा है।

शिक्षण संस्थान

शैक्षणिक संस्थानों में इस शहर को पूरे देश में गौरव प्राप्त है। जिसमें कुछ मुख्य संस्थान इस प्रकार है-

  • इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस यूनिवर्सिटी- आई.एस.एम.यू
  • बिहार इंस्ट्रीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
  • बी.आई.टी सिदंरी
  • सेंट्रल इंस्ट्रीट्यूट फ़ॉर माइनिंग एण्ड फ्युअल रिसर्च (सी.आई.एम.एफ.आर)

पर्यटन

पर्यटन के लिहाज़ से भी यहाँ की खदानें काफ़ी महत्त्वपूर्ण है। देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग इन खदानों को देखने आते हैं। इसके अलावा यहाँ एक भव्य दुर्गा मन्दिर है जो 'दीयपुर दलमी' के नाम से जाना जाता है।


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