"लॉकडाउन": अवतरणों में अंतर
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हॉटस्पॉट क्षेत्र वे इलाके कहे जाते हैं, जहाँ किसी बीमारी से ग्रसित सबसे अधिक रोगी मिलते हैं। वर्तमान में जिन क्षेत्रों से [[कोरोना विषाणु]] के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं, वे हॉटस्पॉट क्षेत्र कहे जायेंगे। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए ऐसे इलाकों को पूरी तरह सील किया जाता है। हॉटस्पॉट के तहत किसी मोहल्ला, सोसाइटी, अपार्टमेंट या किसी खास रोड के आसपास के इलाकों को पूरी तरह बंद किया जाता है। | हॉटस्पॉट क्षेत्र वे इलाके कहे जाते हैं, जहाँ किसी बीमारी से ग्रसित सबसे अधिक रोगी मिलते हैं। वर्तमान में जिन क्षेत्रों से [[कोरोना विषाणु]] के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं, वे हॉटस्पॉट क्षेत्र कहे जायेंगे। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए ऐसे इलाकों को पूरी तरह सील किया जाता है। हॉटस्पॉट के तहत किसी मोहल्ला, सोसाइटी, अपार्टमेंट या किसी खास रोड के आसपास के इलाकों को पूरी तरह बंद किया जाता है। | ||
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#हॉटस्पॉट इलाके के अंदर और बाहर जाने वाले रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया जाता है। | #हॉटस्पॉट इलाके के अंदर और बाहर जाने वाले रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया जाता है। | ||
#किसी भी दुकान को खुलने की इजाजत नहीं होती है। यहां तक की मेडिकल स्टोर को भी बंद कर दिया जाता है। | #किसी भी दुकान को खुलने की इजाजत नहीं होती है। यहां तक की मेडिकल स्टोर को भी बंद कर दिया जाता है। | ||
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#हॉटस्पॉट इलाकों में मीडिया के घुसने पर भी पाबंदी रहती है। सिर्फ डॉक्टर को जाने की इजाजत होती है, लेकिन वह भी स्पेशल पास के जरिए। | #हॉटस्पॉट इलाकों में मीडिया के घुसने पर भी पाबंदी रहती है। सिर्फ डॉक्टर को जाने की इजाजत होती है, लेकिन वह भी स्पेशल पास के जरिए। | ||
#घर-घर जाकर जांच की जाएगी कि किसी में संक्रमण के लक्षण तो नहीं हैं या कोई व्यक्ति पॉजिटिव मरीज के संपर्क में तो नहीं आया, इसका भी पता लगाया जाएगा। | #घर-घर जाकर जांच की जाएगी कि किसी में संक्रमण के लक्षण तो नहीं हैं या कोई व्यक्ति पॉजिटिव मरीज के संपर्क में तो नहीं आया, इसका भी पता लगाया जाएगा। | ||
==सीलिंग== | |||
'''सीलिंग की कार्रवाई लॉकडाउन का अगला कदम है।''' इसका मतलब यह हुआ कि लॉकडाउन में लोगों के आने-जाने को रोका जाता है। इसके लिए यातायात यानी ट्रेन, मेट्रो, फ्लाइट, बस और कार समेत सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है। [[उत्तर प्रदेश]] के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के अनुसार- "जिन कोरोना हॉटस्पॉट को सील किया जा रहा है, वहां किसी प्रकार की आवाजाही नहीं होगी। इन इलाकों में पूर्ति व्यवस्था सिर्फ होम डिलीवरी के जरिए ही होगी। [[फल]], सब्जी, दवा, राशन समेत अन्य रोजमर्रा की चीजों की व्यवस्था होम डिलीवरी के जरिए घर तक पहुंचेगी। | |||
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीलिंग को लेकर जारी गाइडलाइन के मुताबिक़, सीलिंग वाले इलाके में सिर्फ पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों को जाने की अनुमति होगी। मीडिया को भी इलाके में जाने नहीं दिया जाएगा। हालांकि अगर कोई मीडिया कर्मी सीलिंग वाले इलाके में रहता है तो उसको अपने दफ्तर जाने और आने की इजाजत होगी। इसके अलावा मरीजों को सिर्फ एंबुलेंस में ही ले जाया जाएगा। किसी निजी वाहन में मरीज को ले जाने की इजाजत नहीं होगी। | |||
[[उच्चतम न्यायालय]] के वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र मोहन शर्मा के अनुसार- "अगर किसी को खाने-पीने या रोजमर्रा की किसी चीज की जरूरत होती है, तो उसको प्रशासन की इजाजत से ही मुहैया कराया जा सकता है। यदि सीलिंग वाले इलाके में किसी की तबीयत खराब होती है, तो एंबुलेंस से ही हॉस्पिटल ले जाने की इजाजत होती है। यहां तक कि निजी वाहन में भी मरीज को ले जाने की इजाजत नहीं होती। इसी तरह दवाइयों या फिर इलाज के लिए भी प्रशासन की इजाजत लेनी होती है।<ref>{{cite web |url=https://aajtak.intoday.in/story/lockdown-vs-sealing-coronavirus-covid-19-hotspots-seal-area-uttar-pradesh-delhi-india-law-rule-legal-news-1-1179001.html |title=लॉकडाउन से कितनी अलग है सीलिंग|accessmonthday=09 अप्रॅल|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=aajtak.intoday.in |language=हिंदी}}</ref> | |||
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09:53, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
लॉकडाउन (अंग्रेज़ी: Lockdown) एक आपातकालीन व्यवस्था होती है। यदि किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। यह एक तरह से कर्फ्यू वाली स्थिति होती है; लेकिन कर्फ्यू में सभी लोगों को कुछ समय के लिए घर से बाहर निकलकर जरूरी सामानों की खरीदारी की छूट दी जाती है। लॉकडाउन में एक घर से एक से ज्यादा लोगों के घर से बाहर निकलने की छूट नहीं मिलती।
इन्हें भी देखें: कोरोना वायरस
- दरअसल लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है, जो किसी आपदा के समय शहर में सरकारी तौर पर लागू होती है। लॉकडाउन की स्थिति में उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा या अनाज जैसी आवश्यक चीजों के लिए ही घर से बाहर आने की इजाजत दी जाती है। लेनदेन के लिए बैंक से पैसा निकालने के लिए भी जा सकते हैं।[1]
क्यों होता है लॉकडाउन
किसी तरह के खतरे से नागरिकों और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। किसी बड़ी युद्ध की स्थिति हो या फिर महामारी, ऐसे में ही प्रभावित क्षेत्रों को लॉकडाउन किया जाता है। वर्तमान में कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे विश्व के लिए एक महामारी बन चुका है। ऐसे में दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन के माध्यम से इसके संक्रमण को बढ़ने से रोका है। यहां तक की जहां से इस वायरस (विषाणु) की शुरुआत हुई थी, यानी चीन में भी लॉकडाउन के बाद ही इस पर नियंत्रण पाया जा सका। वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन जगहों पर संक्रमण पैदा करने वाली वायरस होते हैं, वहां लोग जब एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो संक्रमित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन या सरकारें लॉकडाउन की घोषणा कर देती हैं और लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी जाती है।
कब-कब हुआ लॉकडाउन
- अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था।
- दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था।
- 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था।
- नवम्बर 2015 में पेरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था।[1]
क्या खुलेगा
- लॉकडाउन के दौरान सभी परिवहन सेवाएं (सड़क, रेल और हवाई) स्थगित रहेंगी।
- नियमों का पालन कराने को जिलाधिकारी द्वारा कार्यकारी मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे।
- उचित मूल्य की दुकानें और खाद्य, किराना, फल, सब्जी, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे की दुकानें खुली रहेंगी।
- रक्षा प्रतिष्ठान, रसोई गैस, पेट्रोल पंप, आपदा प्रबंधन, पोस्ट ऑफिस, एनआईसी और मौसम संबंधी एजेंसियां काम करती रहेंगी।
- बिजली, पानी और स्वच्छता, नगर निगम से जुड़ी संस्थाएं भी काम करती रहेंगी।
- बैंक, बीमा कार्यालय और एटीएम भी पहले की तरह काम करते रहेंगे।
क्या बंद रहेगा
- सभी फैक्ट्री, वर्कशॉप, ऑफिस, गोदाम, हफ्ते में लगने वाले बाजार बंद रहेंगे।
- केंद्र और राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी दफ्तर, ऑटोनॉमस ऑफिस और कॉर्पोरेशन बंद रहेंगे।
- ड्यूटी पर पुलिसकर्मी, चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोग, मीडियाकर्मी और सफाईकर्मी अपनी सेवाएं देते रहेंगे।
क्या है हॉटस्पॉट क्षेत्र?
हॉटस्पॉट क्षेत्र वे इलाके कहे जाते हैं, जहाँ किसी बीमारी से ग्रसित सबसे अधिक रोगी मिलते हैं। वर्तमान में जिन क्षेत्रों से कोरोना विषाणु के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं, वे हॉटस्पॉट क्षेत्र कहे जायेंगे। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए ऐसे इलाकों को पूरी तरह सील किया जाता है। हॉटस्पॉट के तहत किसी मोहल्ला, सोसाइटी, अपार्टमेंट या किसी खास रोड के आसपास के इलाकों को पूरी तरह बंद किया जाता है।
क्या कर सकते हैं?
- हॉटस्पॉट इलाके के अंदर और बाहर जाने वाले रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया जाता है।
- किसी भी दुकान को खुलने की इजाजत नहीं होती है। यहां तक की मेडिकल स्टोर को भी बंद कर दिया जाता है।
- प्रशासन की तरफ से हर जरूरी सामान की होम डिलेवरी कराई जाती है।
- एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को भी प्रवेश के लिए आज्ञा लेनी पड़ती है।
- हॉटस्पॉट इलाकों में मीडिया के घुसने पर भी पाबंदी रहती है। सिर्फ डॉक्टर को जाने की इजाजत होती है, लेकिन वह भी स्पेशल पास के जरिए।
- घर-घर जाकर जांच की जाएगी कि किसी में संक्रमण के लक्षण तो नहीं हैं या कोई व्यक्ति पॉजिटिव मरीज के संपर्क में तो नहीं आया, इसका भी पता लगाया जाएगा।
सीलिंग
सीलिंग की कार्रवाई लॉकडाउन का अगला कदम है। इसका मतलब यह हुआ कि लॉकडाउन में लोगों के आने-जाने को रोका जाता है। इसके लिए यातायात यानी ट्रेन, मेट्रो, फ्लाइट, बस और कार समेत सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के अनुसार- "जिन कोरोना हॉटस्पॉट को सील किया जा रहा है, वहां किसी प्रकार की आवाजाही नहीं होगी। इन इलाकों में पूर्ति व्यवस्था सिर्फ होम डिलीवरी के जरिए ही होगी। फल, सब्जी, दवा, राशन समेत अन्य रोजमर्रा की चीजों की व्यवस्था होम डिलीवरी के जरिए घर तक पहुंचेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीलिंग को लेकर जारी गाइडलाइन के मुताबिक़, सीलिंग वाले इलाके में सिर्फ पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों को जाने की अनुमति होगी। मीडिया को भी इलाके में जाने नहीं दिया जाएगा। हालांकि अगर कोई मीडिया कर्मी सीलिंग वाले इलाके में रहता है तो उसको अपने दफ्तर जाने और आने की इजाजत होगी। इसके अलावा मरीजों को सिर्फ एंबुलेंस में ही ले जाया जाएगा। किसी निजी वाहन में मरीज को ले जाने की इजाजत नहीं होगी।
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र मोहन शर्मा के अनुसार- "अगर किसी को खाने-पीने या रोजमर्रा की किसी चीज की जरूरत होती है, तो उसको प्रशासन की इजाजत से ही मुहैया कराया जा सकता है। यदि सीलिंग वाले इलाके में किसी की तबीयत खराब होती है, तो एंबुलेंस से ही हॉस्पिटल ले जाने की इजाजत होती है। यहां तक कि निजी वाहन में भी मरीज को ले जाने की इजाजत नहीं होती। इसी तरह दवाइयों या फिर इलाज के लिए भी प्रशासन की इजाजत लेनी होती है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 जानें क्या होता है लॉकडाउन, क्या होगा बंद, क्या रहेगा खुला (हिंदी) prabhatkhabar.com। अभिगमन तिथि: 23 मार्च, 2020।
- ↑ लॉकडाउन से कितनी अलग है सीलिंग (हिंदी) aajtak.intoday.in। अभिगमन तिथि: 09 अप्रॅल, 2020।