"पहेली 18 सितम्बर 2017": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | right|120px <quiz display=simple> {प्रसि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "मुताबिक" to "मुताबिक़") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
-[[लखनऊ घराना]] | -[[लखनऊ घराना]] | ||
-[[आगरा घराना]] | -[[आगरा घराना]] | ||
||[[चित्र:Pt-Kishan-Maharaj.jpg|right|border|100px|किशन महाराज]]'किशन महाराज' [[भारत]] के सुप्रसिद्ध [[तबला वादक]] थे। वे [[बनारस घराना|बनारस घराने]] के वादक थे। उन्हें कला क्षेत्र में योगदान के लिए [[भारत सरकार]] द्वारा सन [[1973]] में '[[पद्म श्री]]' और सन [[2002]] में '[[पद्म विभूषण]]' से भी सम्मानित किया गया था। [[किशन महाराज]] [[तबला|तबले]] के उस्ताद होने के साथ-साथ एक मूर्तिकार, चित्रकार, [[वीर रस]] के [[कवि]] और [[ज्योतिष]] के मर्मज्ञ भी थे। किशन महाराज का ज़िंदगी जीने का अन्दाज़ बहुत बिंदास रहा। उन्होंने ज़िंदगी को हमेशा 'आज' के आइने में देखा और अपनी | ||[[चित्र:Pt-Kishan-Maharaj.jpg|right|border|100px|किशन महाराज]]'किशन महाराज' [[भारत]] के सुप्रसिद्ध [[तबला वादक]] थे। वे [[बनारस घराना|बनारस घराने]] के वादक थे। उन्हें कला क्षेत्र में योगदान के लिए [[भारत सरकार]] द्वारा सन [[1973]] में '[[पद्म श्री]]' और सन [[2002]] में '[[पद्म विभूषण]]' से भी सम्मानित किया गया था। [[किशन महाराज]] [[तबला|तबले]] के उस्ताद होने के साथ-साथ एक मूर्तिकार, चित्रकार, [[वीर रस]] के [[कवि]] और [[ज्योतिष]] के मर्मज्ञ भी थे। किशन महाराज का ज़िंदगी जीने का अन्दाज़ बहुत बिंदास रहा। उन्होंने ज़िंदगी को हमेशा 'आज' के आइने में देखा और अपनी मर्ज़ी | ||
के मुताबिक़ बिंदास जिया। लुंगी कुर्ते में पूरे मुहल्ले की टहलान और पान की दुकान पर मित्रों के साथ जुटान ताज़िंदगी उनका शगल बना रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[किशन महाराज]] | |||
</quiz> | </quiz> | ||
09:57, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
|