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'''श्रवण कुमार चतुर्भुज राठौड़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shravan Kumar Rathod'') [[हिन्दी]] फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं। वह भारतीय सिनेमा की ख्यातिप्राप्त संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण में से एक हैं। चार फिल्मफेयर और चार स्क्रीन अवॉर्ड सहित 150 पुरस्कार जीत चुके संगीतकार श्रवण कुमार राठौड़ 160 फ़िल्मों में [[संगीत]] की सुर-लहरी बिखेर चुके हैं। संगीतकार नदीम-श्रवण की जोड़ी को पूर्ण रूप से पहचान फ़िल्म 'आशिकी' से मिली थी। यह फ़िल्म अपने समय की सुपरहिट थी और फ़िल्म का संगीत आज भी कर्णप्रिय है।
#REDIRECT [[श्रवण कुमार राठौर]]
==परिचय==
श्रवण कुमार राठौर मूलत: सिरोही, [[राजस्थान]] के रहने वाले हैं। उनके पिता चतुर्भुज राठौर थे। श्रवण कुमार राठौर चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके तीसरे भाई रूप कुमार राठौर प्रसिद्ध [[ग़ज़ल]] गायक हैं, जबकि चौथे विनोद कुमार राठौर हिन्दी फ़िल्मों में पार्श्वगायक हैं। पिता चतुर्भुज राठौर ध्रुपद-धमार के शास्त्रीय गायक थे। इसीलिये श्रवण कुमार राठौर को [[संगीत]] की शिक्षा के लिए संस्थानों का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ा। पिता के सानिध्य में रहकर रियाज किया।
==संगीतकार बनने की शुरुआत==
संगीतकार के रूप में [[1975]] में रिलीज पहली फिल्म ‘दंगल’ थी। [[भोजपुरी भाषा]] की यह पहली रंगीन फिल्म थी, जिसने गोल्डन जुबली मनाई। फिल्म के गाने ‘काशी हिले, पटना हिले, कलकत्ता हिलेला, फूट गैले किस्मतिया’ गाना काफी हिट हुआ था। इस फिल्म से ही संगीतकार के रूप में नदीम-श्रवण की जोड़ी हिट हुई और पहचान मिली।
==नदीम-श्रवण का एसोसिएशन==
नदीम अख्तर शफी (नदीम) और श्रवण कुमार राठौड़ (श्रवण) का एसोसिएशन [[1973]] में एक फंक्शन में मिलने के बाद बना था। उनका पहला असाइंमेंट भोजपुरी फिल्म 'दंगल' (1975) के लिए था, जिसका सॉन्ग 'काशी हिले पटना हिले' काफी पॉपुलर हुआ था। [[हिंदी]] फिल्म के लिए उन्होंने पहली बार 'मैंने जीना सीख लिया' ([[1981]]) में काम किया था। [[1985]] में दोनों ने मिथुन चक्रवर्ती, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, सचिन, डैनी, विजेंद्र और सुलक्षणा पंडित समेत 10 स्टार्स के लिए म्यूजिक कंपोज किया और उनके इस कमर्शियल प्रोजेक्ट को 'स्टार टेन' नाम दिया गया।
==फ़िल्म 'आशिकी'==
सन [[1990]] में राहुल रॉय स्टारर 'आशिकी' से नदीम-श्रवण की जोड़ी को फेम मिला। उस वक्त इस एल्बम की करीब 2 करोड़ कॉपी बिकी थीं। बाद में दोनों ने 'साजन', 'दिल है कि मानता नहीं', 'सड़क', 'सैनिक', 'दिलवाले', 'राजा हिंदुस्तानी', 'फूल और कांटे' और 'परदेस' जैसी फिल्मों का संगीत दिया और ये सभी एल्बम काफी हिट हुए। सन [[1997]] में गुलशन कुमार मर्डर केस में नदीम का नाम आने के बाद वे यूके चले गए और फिर इस जोड़ी का [[संगीत]] फिल्मों में नहीं आ सका। लेकिन [[2000]] के दशक में दोनों ने 'ये दिल आशिकाना', 'राज', 'कयामत', 'दिल है तुम्हारा', 'बेवफा' और 'बरसात' जैसी कई फिल्मों के लिए संगीत दिया। नदीम के यूके में रहने के बावजूद श्रवण ने लंबे समय तक जोड़ी के नाम से संगीत बनाया। लेकिन [[2005]] में आई 'दोस्ती : फ्रेंड्स फॉरएवर' के बाद यह जोड़ी टूट गई।
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
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16:12, 21 अप्रैल 2021 के समय का अवतरण

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