"पहेली 15 मई 2021": अवतरणों में अंतर

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-[[अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध']]
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+[[जगन्नाथदास 'रत्नाकर']]
+[[जगन्नाथदास 'रत्नाकर']]
-श्रीधर पाठक
-[[श्रीधर पाठक]]
-[[रामनरेश त्रिपाठी]]
-[[रामनरेश त्रिपाठी]]
||[[चित्र:Jagannathdas-Ratnakar.jpg|border|80px|right|जगन्नाथदास 'रत्नाकर']]जगन्नाथदास 'रत्नाकर' [[भारत]] के प्रसिद्ध कवियों में गिने जाते थे। इन्हें प्राचीन संस्कृति, मध्यकालीन हिन्दी काव्य, [[उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[अंग्रेज़ी]], [[हिन्दी]], [[आयुर्वेद]], [[संगीत]], ज्योतिष तथा [[दर्शनशास्त्र]] की अच्छी जानकारी थी। [[1902]] में वे [[अयोध्या]] नरेश के निजी सचिव नियुक्त हुए, किन्तु [[1906]] में महाराजा का स्वर्गवास हो गया। लेकिन जगन्नाथदास 'रत्नाकर' की सेवाओं से प्रसन्न होकर महारानी जगदंबा देवी ने इन्हें अपना निजी सेक्रेटरी नियुक्त किया तथा मृत्युपर्यंत रत्नाकर जी इस पद पर रहे। अयोध्या में रहते हुए जगन्नाथदास जी की कार्य-प्रतिभा समय-समय पर विकास के अवसर पाती रही। महारानी की कृपा से उनकी काव्य कृति ’गंगावतरण‘ सामने आई। इन्होंने हिन्दी काव्य का अभ्यास प्रारंभ किया और [[ब्रजभाषा]] में काव्य रचना की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जगन्नाथदास 'रत्नाकर']]
||[[चित्र:Jagannathdas-Ratnakar.jpg|border|80px|right|जगन्नाथदास 'रत्नाकर']]जगन्नाथदास 'रत्नाकर' [[भारत]] के प्रसिद्ध कवियों में गिने जाते थे। इन्हें प्राचीन संस्कृति, मध्यकालीन हिन्दी काव्य, [[उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[अंग्रेज़ी]], [[हिन्दी]], [[आयुर्वेद]], [[संगीत]], ज्योतिष तथा [[दर्शनशास्त्र]] की अच्छी जानकारी थी। [[1902]] में वे [[अयोध्या]] नरेश के निजी सचिव नियुक्त हुए, किन्तु [[1906]] में महाराजा का स्वर्गवास हो गया। लेकिन जगन्नाथदास 'रत्नाकर' की सेवाओं से प्रसन्न होकर महारानी जगदंबा देवी ने इन्हें अपना निजी सेक्रेटरी नियुक्त किया तथा मृत्युपर्यंत रत्नाकर जी इस पद पर रहे। अयोध्या में रहते हुए जगन्नाथदास जी की कार्य-प्रतिभा समय-समय पर विकास के अवसर पाती रही। महारानी की कृपा से उनकी काव्य कृति ’गंगावतरण‘ सामने आई। इन्होंने हिन्दी काव्य का अभ्यास प्रारंभ किया और [[ब्रजभाषा]] में काव्य रचना की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जगन्नाथदास 'रत्नाकर']]

10:10, 3 मई 2021 के समय का अवतरण