"पहेली 25 जनवरी 2022": अवतरणों में अंतर

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-[[विपिनचन्द्र पाल]]
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+[[गोपाल कृष्ण गोखले]]
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||[[चित्र:Gopal-Krishna-Gokhle.jpg|border|80px|right|गोपाल कृष्ण गोखले]]'गोपाल कृष्ण गोखले' अपने समय के अद्वितीय संसदविद और राष्ट्रसेवी थे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक भी थे। [[1857]] ई. के स्वतंत्रता संग्राम के नौ वर्ष बाद [[गोपाल कृष्ण गोखले]] का जन्म हुआ था। यह वह समय था, जब स्वतंत्रता संग्राम असफल अवश्य हो गया था, किंतु [[भारत]] के अधिकांश देशवासियों के हृदय में स्वतंत्रता की आग धधकने लगी थी। [[बाल गंगाधर तिलक]] से मिलने के बाद गोपाल कृष्ण गोखले के जीवन को नई दिशा मिल गई थी। गोखले ने पहली बार कोल्हापुर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। सन [[1885]] में उनका भाषण सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए थे। भाषण का विषय था- 'अंग्रेजी हुकूमत के अधीन भारत'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोपाल कृष्ण गोखले]]
||[[चित्र:Gopal-Krishna-Gokhle.jpg|border|80px|right|गोपाल कृष्ण गोखले]]'गोपाल कृष्ण गोखले' अपने समय के अद्वितीय संसदविद और राष्ट्रसेवी थे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक भी थे। [[1857]] ई. के [[स्वतंत्रता संग्राम 1857|स्वतंत्रता संग्राम]] के नौ वर्ष बाद [[गोपाल कृष्ण गोखले]] का जन्म हुआ था। यह वह समय था, जब स्वतंत्रता संग्राम असफल अवश्य हो गया था, किंतु [[भारत]] के अधिकांश देशवासियों के हृदय में स्वतंत्रता की आग धधकने लगी थी। [[बाल गंगाधर तिलक]] से मिलने के बाद गोपाल कृष्ण गोखले के जीवन को नई दिशा मिल गई। गोखले ने पहली बार [[कोल्हापुर]] में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। सन [[1885]] में उनका भाषण सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए थे। भाषण का विषय था- 'अंग्रेजी हुकूमत के अधीन भारत'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोपाल कृष्ण गोखले]]
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