"अजीत डोभाल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 34: पंक्ति 34:
|अद्यतन={{अद्यतन|20:07, 6 अक्टूबर 2016 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|20:07, 6 अक्टूबर 2016 (IST)}}
}}
}}
'''अजीत कुमार डोभाल''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Ajit Kumar Doval'', जन्म:[[20 जनवरी]], [[1945]]) सेवानिवृत्त आई.पी.एस. एवं [[भारत]] के वर्तमान [[राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार]] हैं। वे [[30 मई]], [[2014]] से इस पद पर हैं। डोभाल भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार [[कीर्ति चक्र]] से सम्मानित किया गया है।
'''अजीत कुमार डोभाल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ajit Kumar Doval'', जन्म: [[20 जनवरी]], [[1945]]) सेवानिवृत्त आई.पी.एस. एवं [[भारत]] के वर्तमान [[राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार]] हैं। वे [[30 मई]], [[2014]] से इस पद पर हैं। डोभाल भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार [[कीर्ति चक्र]] से सम्मानित किया गया है।
==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
अजित डोभाल का जन्म 20 जनवरी, 1945 में [[उत्तराखंड]] के [[पौड़ी गढ़वाल]] में एक गढ़वाली परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा [[अजमेर]] के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से 1968 में आईपीएस के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए थे, 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं। वह सक्रिय रूप से [[मिजोरम]], [[पंजाब]] और [[कश्मीर]] में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं।
अजित डोभाल का जन्म 20 जनवरी, 1945 में [[उत्तराखंड]] के [[पौड़ी गढ़वाल]] में एक गढ़वाली [[परिवार]] में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा [[अजमेर]] के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आई.पी.एस. की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से [[1968]] में आई.पी.एस. के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल [[1968]] में केरल कैडर से आई.पी.एस. में चुने गए थे, [[2005]] में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं। वह सक्रिय रूप से [[मिजोरम]], [[पंजाब]] और [[कश्मीर]] में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं।
 
==डोभाल के बारे में रोचक तथ्य==
==डोभाल के बारे में रोचक तथ्य==
* [[भारतीय सेना]] के एक महत्वपूर्ण [[ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार]] के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।  
* [[भारतीय सेना]] के एक महत्वपूर्ण [[ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार]] के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।  
* जब [[1999]] में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 को काठमांडू से हाईजैक कर लिया गया था तब उन्हें भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया था। बाद में, इस फ्लाइट को कंधार ले जाया गया था और यात्रियों को बंधक बना लिया गया था।
* जब [[1999]] में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 को [[काठमांडू]] से हाईजैक कर लिया गया था तब उन्हें [[भारत]] की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया था। बाद में, इस फ्लाइट को [[कंधार]] ले जाया गया था और यात्रियों को बंधक बना लिया गया था।
* कश्मीर में भी उन्होंने उल्लेखनीय काम किया था और उग्रवादी संगठनों में घुसपैठ कर ली थी। उन्होंने उग्रवादियों को ही शांतिरक्षक बनाकर उग्रवाद की धारा को मोड़ दिया था। उन्होंने एक प्रमुख भारत-विरोधी उग्रवादी कूका पारे को अपना सबसे बड़ा भेदिया बना लिया था।
* [[कश्मीर]] में भी उन्होंने उल्लेखनीय काम किया था और उग्रवादी संगठनों में घुसपैठ कर ली थी। उन्होंने उग्रवादियों को ही शांतिरक्षक बनाकर उग्रवाद की धारा को मोड़ दिया था। उन्होंने एक प्रमुख भारत-विरोधी उग्रवादी कूका पारे को अपना सबसे बड़ा भेदिया बना लिया था।
* अस्सी के दशक में वे उत्तर पूर्व में भी सक्रिय रहे। उस समय ललडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा और अशांति फैला रखी थी, लेकिन तब डोभाल ने ललडेंगा के सात में छह कमांडरों का विश्वास जीत लिया था और इसका नतीजा यह हुआ था कि ललडेंगा को मजबूरी में [[भारत सरकार]] के साथ शांतिविराम का विकल्प अपनाना पड़ा था।
* अस्सी के [[दशक]] में वे [[उत्तर पूर्वी भारत|उत्तर पूर्व]] में भी सक्रिय रहे। उस समय ललडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा और अशांति फैला रखी थी, लेकिन तब डोभाल ने ललडेंगा के सात में छह कमांडरों का विश्वास जीत लिया था और इसका नतीजा यह हुआ था कि ललडेंगा को मजबूरी में [[भारत सरकार]] के साथ शांतिविराम का विकल्प अपनाना पड़ा था।
* डोभाल ने वर्ष [[1991]] में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट द्वारा अपहरण किए गए रोमानियाई राजनयिक लिविउ राडू को बचाने की सफल योजना बनाई थी।
* डोभाल ने [[वर्ष]] [[1991]] में '''खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट''' द्वारा अपहरण किए गए रोमानियाई राजनयिक '''लिविउ राडू''' को बचाने की सफल योजना बनाई थी।
* डाभोल ने [[पूर्वोत्तर भारत]] में सेना पर हुए हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई और [[भारतीय सेना]] ने सीमा पार [[म्यांमार]] में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना और एनएससीएन खाप्लांग गुट के बागियों सहयोग से ऑपरेशन चलाया, जिसमें करीब 30 उग्रवादी मारे गए हैं।
* डाभोल ने [[पूर्वोत्तर भारत]] में सेना पर हुए हमले के बाद [[सर्जिकल स्ट्राइक]] की योजना बनाई और [[भारतीय सेना]] ने सीमा पार [[म्यांमार]] में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। [[भारतीय सेना]] ने म्यांमार की सेना और एनएससीएन खाप्लांग गुट के बागियों सहयोग से ऑपरेशन चलाया, जिसमें करीब 30 उग्रवादी मारे गए हैं।
* डोभाल ने [[पाकिस्तान]] और [[ब्रिटेन]] में राजनयिक जिम्मेदारियां भी संभालीं और फिर करीब एक दशक तक खुफिया ब्यूरो की ऑपरेशन शाखा का लीड किया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/national-hindi-news/exciting-things-about-ajit-doval-115070900046_1.html|title=अजीत डोभाल के रोचक-रोमांचक किस्से |accessmonthday=6 अक्टूबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिन्दी |language=हिन्दी }}</ref>
* डोभाल ने [[पाकिस्तान]] और [[ब्रिटेन]] में राजनयिक जिम्मेदारियां भी संभालीं और फिर करीब एक दशक तक खुफिया ब्यूरो की ऑपरेशन शाखा का लीड किया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/national-hindi-news/exciting-things-about-ajit-doval-115070900046_1.html|title=अजीत डोभाल के रोचक-रोमांचक किस्से |accessmonthday=6 अक्टूबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिन्दी |language=हिन्दी }}</ref>
* डोभाल ने [[इंदिरा गांधी]] के साथ भी काम किया। [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के भी संकटमोचक बने और वर्तमान में [[नरेंद्र मोदी]] के भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के सबसे बड़े योद्धा बने हैं।
* डोभाल ने [[इंदिरा गांधी]] के साथ भी काम किया। [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के भी संकटमोचक बने और वर्तमान में [[नरेंद्र मोदी]] के भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के सबसे बड़े योद्धा बने हैं।
 
==सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड==
==सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड==
[[भारतीय सेना]] की ओर से पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में आतंकियों को किया गया सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड अजीत डोभाल माने जाते हैं। पूरे ऑपरेशन का ताना बाना डोभाल ने ही बुना। उन्‍होंने पाकिस्‍तान को छकाने की रणनीति बनाई। साथ ही पूरे ऑपरेशन के दौरान डीजीएमओ के साथ लगातार संपर्क में रहे और हर पल की जानकारी लेते रहे। डोभाल खु‍फिया ऑपरेशन के लिए जाने जाते हैं। हालांकि उन्‍होंने अपना जीवन एक जासूस के तौर पर ही गुजारा।
[[भारतीय सेना]] की ओर से पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में आतंकियों को किया गया सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड अजीत डोभाल माने जाते हैं। पूरे ऑपरेशन का ताना बाना डोभाल ने ही बुना। उन्‍होंने पाकिस्‍तान को छकाने की रणनीति बनाई। साथ ही पूरे ऑपरेशन के दौरान डीजीएमओ के साथ लगातार संपर्क में रहे और हर पल की जानकारी लेते रहे। डोभाल खु‍फिया ऑपरेशन के लिए जाने जाते हैं। हालांकि उन्‍होंने अपना जीवन एक जासूस के तौर पर ही गुजारा।
पंक्ति 58: पंक्ति 60:
*[http://www.apnikahaani.com/2015/12/who-is-nsa-ajit-doval.html राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल कौन हैं – Who is NSA – Ajit Doval]
*[http://www.apnikahaani.com/2015/12/who-is-nsa-ajit-doval.html राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल कौन हैं – Who is NSA – Ajit Doval]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार}}
{{राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार}}{{भारतीय गुप्तचर}}
[[Category:राजनीति कोश]]
[[Category:भारतीय गुप्तचर]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार]]
[[Category:राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार]]
[[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
[[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

11:59, 19 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण

अजीत डोभाल
अजीत डोभाल
अजीत डोभाल
पूरा नाम अजीत कुमार डोभाल
जन्म 20 जनवरी, 1945
जन्म भूमि पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
नागरिकता भारतीय
पद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
कार्य काल 30 मई, 2014 से अब तक
शिक्षा एम.ए.
पुरस्कार-उपाधि कीर्ति चक्र
अन्य जानकारी अजीत डोभाल भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।
अद्यतन‎

अजीत कुमार डोभाल (अंग्रेज़ी: Ajit Kumar Doval, जन्म: 20 जनवरी, 1945) सेवानिवृत्त आई.पी.एस. एवं भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे 30 मई, 2014 से इस पद पर हैं। डोभाल भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।

जीवन परिचय

अजित डोभाल का जन्म 20 जनवरी, 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आई.पी.एस. की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से 1968 में आई.पी.एस. के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 1968 में केरल कैडर से आई.पी.एस. में चुने गए थे, 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं। वह सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं।

डोभाल के बारे में रोचक तथ्य

  • भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।
  • जब 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 को काठमांडू से हाईजैक कर लिया गया था तब उन्हें भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया था। बाद में, इस फ्लाइट को कंधार ले जाया गया था और यात्रियों को बंधक बना लिया गया था।
  • कश्मीर में भी उन्होंने उल्लेखनीय काम किया था और उग्रवादी संगठनों में घुसपैठ कर ली थी। उन्होंने उग्रवादियों को ही शांतिरक्षक बनाकर उग्रवाद की धारा को मोड़ दिया था। उन्होंने एक प्रमुख भारत-विरोधी उग्रवादी कूका पारे को अपना सबसे बड़ा भेदिया बना लिया था।
  • अस्सी के दशक में वे उत्तर पूर्व में भी सक्रिय रहे। उस समय ललडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा और अशांति फैला रखी थी, लेकिन तब डोभाल ने ललडेंगा के सात में छह कमांडरों का विश्वास जीत लिया था और इसका नतीजा यह हुआ था कि ललडेंगा को मजबूरी में भारत सरकार के साथ शांतिविराम का विकल्प अपनाना पड़ा था।
  • डोभाल ने वर्ष 1991 में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट द्वारा अपहरण किए गए रोमानियाई राजनयिक लिविउ राडू को बचाने की सफल योजना बनाई थी।
  • डाभोल ने पूर्वोत्तर भारत में सेना पर हुए हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई और भारतीय सेना ने सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना और एनएससीएन खाप्लांग गुट के बागियों सहयोग से ऑपरेशन चलाया, जिसमें करीब 30 उग्रवादी मारे गए हैं।
  • डोभाल ने पाकिस्तान और ब्रिटेन में राजनयिक जिम्मेदारियां भी संभालीं और फिर करीब एक दशक तक खुफिया ब्यूरो की ऑपरेशन शाखा का लीड किया।[1]
  • डोभाल ने इंदिरा गांधी के साथ भी काम किया। अटल बिहारी वाजपेयी के भी संकटमोचक बने और वर्तमान में नरेंद्र मोदी के भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के सबसे बड़े योद्धा बने हैं।

सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड

भारतीय सेना की ओर से पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में आतंकियों को किया गया सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड अजीत डोभाल माने जाते हैं। पूरे ऑपरेशन का ताना बाना डोभाल ने ही बुना। उन्‍होंने पाकिस्‍तान को छकाने की रणनीति बनाई। साथ ही पूरे ऑपरेशन के दौरान डीजीएमओ के साथ लगातार संपर्क में रहे और हर पल की जानकारी लेते रहे। डोभाल खु‍फिया ऑपरेशन के लिए जाने जाते हैं। हालांकि उन्‍होंने अपना जीवन एक जासूस के तौर पर ही गुजारा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अजीत डोभाल के रोचक-रोमांचक किस्से (हिन्दी) वेबदुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 6 अक्टूबर, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख