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| ==इतिहास सामान्य ज्ञान==
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| {अनेकान्तवाद निम्नलिखित में से किसका क्रोड सिद्धांत एवं [[दर्शन]] है?(पृ. सं. 15)
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| -[[बौद्ध]]
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| +[[जैन]]
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| -[[सिक्ख]]
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| -[[वैष्णव]]
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| ||[[चित्र:Gomateswara.jpg|right|80px|गोमतेश्वर की प्रतिमा, श्रवणबेलगोला]]'जैन धर्म' [[भारत]] की श्रमण परम्परा से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। 'जैन' उन्हें कहते हैं, जो 'जिन' के अनुयायी हों। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान् का धर्म। वस्त्र-हीन बदन, शुद्ध शाकाहारी भोजन और निर्मल वाणी एक जैन अनुयायी की पहली पहचान होती है। यहाँ तक कि [[जैन धर्म]] के अन्य लोग भी शुद्ध शाकाहारी होते हैं तथा अपने धर्म के प्रति बड़े सचेत रहते हैं। '[[स्यादवाद]]' या 'अनेकांतवाद' या 'सप्तभंगी' का सिद्धान्त इस धर्म के प्रमुख सिद्धांतों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैन धर्म]]
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| {[[सिन्धु सभ्यता]] से सम्बद्ध किन स्थलों से [[चावल]] की खेती के प्रमाण मिले हैं?(पृ. सं. 17)
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| -[[मोहनजोदड़ो]] और [[हड़प्पा]]
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| +[[लोथल]] और [[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]]
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| -[[कालीबंगा]] और [[रोजदी (गुजरात)|रोजदी]]
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Lothal-1.jpg|right|100px|लोथल के अवशेष]]'लोथल' [[गुजरात]] के [[अहमदाबाद ज़िला|अहमदाबाद ज़िले]] में भोगावा नदी के किनारे 'सरगवाला' नामक ग्राम के समीप स्थित है। यहाँ की खुदाई वर्ष [[1954]]-[[1955]] ई. में रंगनाथ राव के नेतृत्व में की गई थी। [[लोथल]] में दो भिन्न-भिन्न टीले नहीं मिले हैं, बल्कि पूरी बस्ती एक ही दीवार से घिरी थी। यह छः खण्डों में विभक्त था। लोथल में गढ़ी और नगर दोनों एक ही रक्षा प्राचीर से घिरे हुए थे। यहाँ से अन्य अवशेषों में [[चावल]], [[फ़ारस]] की मुहरों एवं घोड़ों की लघु मृण्मूर्तियों के [[अवशेष]] प्राप्त हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोथल]], [[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]]
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| {'व्यक्तिगत सत्याग्रह' में [[विनोबा भावे]] को प्रथम सत्याग्रही चुना गया था। दूसरा सत्याग्रही कौन था? (पृ. सं. 15)
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| -[[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]]
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| +[[पंडित जवाहरलाल नेहरू]]
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| -[[सी. राजगोपालाचारी]]
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| -[[सरदार वल्लभभाई पटेल]]
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| ||[[चित्र:Jawaharlal-Nehru-And-Mahatma-Gandhi.jpg|right|100px|[[गाँधीजी]] तथा [[जवाहरलाल नेहरू]]]]पंडित जवाहरलाल नेहरू संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में 'गुटनिरपेक्ष' नीतियों के लिए विख्यात हुए थे। [[1930]] और [[1940]] के दशक में [[भारत]] के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से वे एक थे। [[जवाहरलाल नेहरू]] पहले राष्ट्राध्यक्ष थे, जिन्होंने [[1963]] ई. में [[रूस]], [[इंग्लैण्ड]] तथा [[अमेरिका]] के बीच आंशिक परमाणविक परीक्षण-निषेध संधि पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत किया था। [[लोकसभा]] के कुछ उपचुनावों में कांग्रेसी उम्मीदवारों की विफलता के कारण [[कांग्रेस]] ने उन्हें सुझाव दिया कि वे अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करें, ताकि कांग्रेस के कुछ गण्यमान्य नेता दल को पुनर्गठित करने में अपना पूर्ण समय दे सकें।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पंडित जवाहरलाल नेहरू]]
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| {निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है? (पृ. सं. 19
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| -इक्ता - नागरिक एवं सैन्य सेवा के लिए दिया जाने वाला राजस्व नियत कार्य।
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| +[[मनसब]] - [[सल्तनत काल का प्रशासन|सल्तनत प्रशासन]] में अमीरों की अधिकारिक स्थिति।
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| -[[खालसा]] - [[मुग़ल]] सम्राट के सीधे प्रशासनिक अधिकार में आने वाली भूमि।
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| -इजारा - राजस्व नियत कार्य की एक अनुबंधात्मक पद्धति।
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| ||[[चित्र:Akbar.jpg|right|100px|बादशाह अकबर]]'मनसब' [[मुग़लकालीन शासन व्यवस्था|मुग़ल शासन काल]] में [[अकबर|बादशाह अकबर]] के समय दिया जाने वाला एक 'पद' या 'ओहदा' होता था। राज्य के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उनके [[मनसब]] के अनुसार ही वेतन दिया जाता था। मनसब प्रणाली [[मुग़ल साम्राज्य]] की रीढ़ समझी जाती थी। जिस व्यक्ति को मनसब दिया जाता था, उसे '[[मनसबदार]]' कहते थे। अकबर ने कुछ [[राजपूत]] राजाओं, जैसे- [[भगवान दास]], [[राजा मानसिंह]], [[बीरबल]] एवं [[टोडरमल]] को उच्च मनसब प्रदान किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मनसब]]
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| {निम्नलिखित में से कौन '[[काकोरी काण्ड]]' से संबंधित नहीं था? (पृ. सं. 24
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| -[[रामप्रसाद बिस्मिल]]
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| -[[चन्द्रशेखर आज़ाद]]
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| -अशफ़ाकउल्ला ख़ान
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| +मास्टर सूर्य सेन
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| ||[[चित्र:Ram-Prasad-Bismil.jpg|right|100px|रामप्रसाद बिस्मिल]][[उत्तर प्रदेश]] में [[लखनऊ]] के पास स्थित 'काकोरी' नामक स्थान [[आधुनिक भारत]] में प्रमुख चर्चा का विषय बना था। [[9 अगस्त]], [[1925]] को इस स्थान पर देशभक्तों ने रेल विभाग की ले जाई जा रही संगृहीत धनराशि को लूटा। यह घटना इतिहास में '''[[काकोरी काण्ड]]''' के नाम से जानी जाती है। क्रांतिकारी [[रामप्रसाद बिस्मिल]] के नेतृत्व में 10 लोगों ने सुनियोजित कार्रवाई के तहत यह कार्य करने की योजना बनाई थी। इस डकैती में अशफ़ाकउल्ला ख़ान, [[चन्द्रशेखर आज़ाद]], [[राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी]], सचीन्द्र सान्याल, मन्मथनाथ गुप्त और रामप्रसाद बिस्मिल आदि शामिल थे। 'काकोरी काण्ड' के मुक़दमें ने काफ़ी लोगों का ध्यान आकर्षित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[काकोरी काण्ड]]
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| {'[[कटारमल सूर्य मन्दिर]]' कहाँ पर अवस्थित है?(भारत डिस्कवरी)
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| -[[नैनीताल]]
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| +[[अल्मोड़ा]]
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| -[[कर्णप्रयाग]]
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| -[[देवलगढ़]]
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| ||[[चित्र:Katarmal-Sun-Temple-Almora-Uttarakhand.jpg|right|100px|कटारमल सूर्य मन्दिर]]'कटारमल सूर्य मन्दिर' [[उत्तराखण्ड]] में [[अल्मोड़ा]] के [[कटारमल]] नामक स्थान पर स्थित है। इस कारण इसे '[[कटारमल सूर्य मन्दिर]]' कहा जाता है। यह सूर्य मन्दिर न सिर्फ़ समूचे [[कुमाऊँ मंडल]] का सबसे विशाल, ऊँचा और अनूठा मन्दिर है, बल्कि [[उड़ीसा]] के '[[कोणार्क सूर्य मन्दिर]]' के बाद एकमात्र प्राचीन सूर्य मन्दिर भी है। इस सूर्य मंदिर का [[इतिहास]] बहुत पुराना है। '[[भारतीय पुरातत्त्व विभाग]]' द्वारा इस मन्दिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया जा चुका है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अल्मोड़ा]]
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| {निम्नलिखित में से किस सुल्तान ने ख़लीफ़ा से 'खिलअत' प्राप्त किया? (पृ. सं. 27
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| -[[क़ुतुबुद्दीन ऐबक|क़ुतुबुद्दीन]]
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| +[[इल्तुतमिश]]
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| -[[रज़िया सुल्तान]]
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| -[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]]
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| ||[[चित्र:Iltutmish-Tomb-Qutab-Minar.jpg|right|100px|इल्तुतमिश का मक़बरा, क़ुतुब मीनार, दिल्ली]]इल्तुतमिश एक इल्बारी तुर्क था। खोखरों के विरुद्ध उसकी कार्य कुशलता से प्रभावित होकर [[मुहम्मद ग़ोरी]] ने उसे '''अमीर-उल-उमरा''' नामक महत्त्वपूर्ण पद प्रदान किया था। क्योंकि अकस्मात् मुत्यु के कारण [[कुतुबद्दीन ऐबक]] किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः [[लाहौर]] के तुर्क अधिकारियों ने ऐबक के विवादित पुत्र [[आरामशाह]] को लाहौर की गद्दी पर बैठाया। परन्तु [[दिल्ली]] के तुर्की सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप कुतुबद्दीन ऐबक के दामाद [[इल्तुतमिश]] को दिल्ली आमंत्रित कर राज्य सिंहासन पर बैठाया गया। [[फ़रवरी]], 1229 में [[बग़दाद]] के ख़लीफ़ा से इल्तुतमिश को सम्मान में ‘खिलअत’ एवं प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इल्तुतमिश]]
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| {'मेरे लिए प्रत्येक छोटे से छोटा कार्य भी इस बात से शासित होता है कि वह मेरे धर्मसम्मत है' - यह कथन किसका है? (पृ. सं. 25
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| -[[स्वामी विवेकानन्द]]
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| -[[वी. डी. सावरकर]]
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| +[[महात्मा गांधी]]
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| -[[सुभाषचन्द्र बोस]]
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] ग्रंथ सुजान राय भंडारी द्वारा लिखा गया था? (पृ. सं.24
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| |type="()"}
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| -इबरतनामा
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| -खुलासत-उत-तवारीख
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| -शाहजहाँनामा
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| +मुन्तखब-उत-तवारीख
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| {निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित है? (पृ. सं. 21
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| |type="()"}
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| -[[बक्सर का युद्ध]] - [[मीर ज़ाफ़र]] विरुद्ध [[रॉबर्ट क्लाइव]]
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| +वांडीवाश का युद्ध - [[फ़्राँसीसी]] विरुद्ध [[ईस्ट इंडिया कंपनी]]
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| -चिलियाँवाला का युद्ध - [[लॉर्ड डलहौजी|डलहौजी]] विरुद्ध [[मराठा|मराठे]]
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| -खर्दा का युद्ध - निज़ाम विरुद्ध [[ईस्ट इंडिया कंपनी]]
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| {[[लॉर्ड लॉरेंस]] के कार्यकाल में पारित 'पंजाब टेनेन्सी एक्ट' का प्रमुख उद्देश्य क्या था? (पृ. सं.22
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| |type="()"}
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| +कृषकों के दखल अधिकारों की सुरक्षा।
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| -सरकार की राजस्व वसूली को बढ़ाना।
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| -भू-स्वामियों का दमन।
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| -भू-स्वामियों की वफादारी हासिल करना।
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| {निम्नलिखित में से किस एक [[राजपूत|राजपूत राजवंश]] द्वारा अपना उद्गम मिथकीय '[[अग्निकुल]]' से नहीं जोड़ा गया? (पृ. सं. 18
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| |type="()"}
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| -परिहार
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| -[[चौहान वंश|चौहान]]
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| +[[चंदेल वंश|चंदेल]]
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| -[[सोलंकी वंश|सोलंकी]]
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| {निम्नलिखित में से किसमें विख्यात [[गायत्री मंत्र]] अंतर्विष्ट है? (पृ. सं. 18
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| |type="()"}
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| +[[ऋग्वेद]]
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| -[[यजुर्वेद]]
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| -[[अथर्ववेद]]
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| -[[सामवेद]]
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| {निम्नलिखित में से कौन सा एक युग्म सही सुमेलित नहीं है? (पृ. सं. 18
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| |type="()"}
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| -मालती – माधव नाटक
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| -[[पंचतंत्र]] – दंतकथा
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| +[[मालविकाग्निमित्रम्]] – जीवनचरित
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| -पंचसिद्धान्तिक – खगोलशास्त्र
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| {'[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम|स्वतंत्रता संग्राम]]' के दौरान [[अरुणा असिफ़ अली]] किस भूमिगत क्रियाकलाप की प्रमुख महिला संगठक थीं? (पृ. सं. 15)
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| |type="()"}
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| -[[सविनय अवज्ञा आंदोलन]]
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| -[[असहयोग आंदोलन]]
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| +[[भारत छोड़ो आंदोलन]]
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| -[[स्वदेशी आंदोलन]]
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| </quiz>
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