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| {[[हिन्दी भाषा]] की [[लिपि]] '[[भारतीय संविधान]]' में किसे स्वीकार किया गया है?(पृ.सं. 9
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| -[[ब्राह्मी लिपि]]
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| +[[देवनागरी लिपि]]
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| -[[गुरुमुखी लिपि]]
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| -चन्द्र लिपि
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| ||[[चित्र:Devnagari.jpg|right|100px|देवनागरी लिपि]]देवनागरी [[भारत]] में सर्वाधिक प्रचलित [[लिपि]] है, जिसमें [[संस्कृत]], [[हिन्दी]] और [[मराठी भाषा|मराठी]] भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में [[जैन]] ग्रंथों में मिलता है। भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] के लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है। [[संस्कृत]], [[पालि भाषा|पालि]], [[हिन्दी]], [[मराठी]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[सिन्धी भाषा|सिन्धी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[नेपाली भाषा|नेपाली]], [[गढ़वाली भाषा|गढ़वाली]], [[बोडो भाषा|बोडो]], [[मगही भाषा|मगही]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]], [[संथाली भाषा|संथाली]] आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे '[[नागरी लिपि]]' भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवनागरी लिपि]]
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| {'[[काशी नागरी प्रचारिणी सभा]]' के संस्थापक कौन थे? (पृ.सं. 9
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| +[[श्यामसुन्दर दास|बाबू श्यामसुन्दर दास]]
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| -[[रामचंद्र शुक्ल]]
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| -नंददुलारे वाजपेयी
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| -[[विष्णु शर्मा]]
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| ||[[चित्र:Dr. Shyam Sunder Das.jpg|right|100px|श्यामसुन्दर दास]]श्यामसुन्दर दास जी की प्रारम्भ से ही [[हिन्दी]] के प्रति अनन्य निष्ठा थी। उन्होंने '[[नागरी प्रचारिणी सभा]]' की स्थापना [[16 जुलाई]], सन [[1893]] ई. को अपने विद्यार्थी काल में ही दो सहयोगियों रामनारायण मिश्र और [[ठाकुर शिव कुमार सिंह]] की सहायता से की थी। '[[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]]' में आने के पूर्व इन्होंने [[हिन्दी साहित्य]] की सर्वतोमुखी समृद्धि के लिए न्यायालयों में हिन्दी प्रवेश का आन्दोलन ([[1900]] ई.), हस्तलिखित ग्रन्थों की खोज ([[1899]] ई.), '[[सरस्वती (पत्रिका)|सरस्वती पत्रिका]]' का सम्पादन ([[1900]] ई.), प्राचीन महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का सम्पादन और सभा-भवन का निर्माण ([[1902]] ई.), आर्य भाषा पुस्तकालय की स्थापना ([[1903]] ई.) तथा शिक्षास्तर के अनुरूप पाठ्य पुस्तकों का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्यामसुन्दर दास]]
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| {'अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ' की स्थापना किसने की है? (पृ.सं. 9
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| +भारत सरकार
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| -हरियाणा सरकार
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| -मॉरिशस सरकार
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| -श्रीलंका सरकार
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| {'अशुभ बेला' रचना किसकी है? (पृ.सं. 3
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| -भगवानदास मोरवाल
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| -[[मैत्रेयी पुष्पा]]
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| +समरेश मजूमदार
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| -विवेकी राय
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| {'[[भक्ति आंदोलन]]' का सूत्रपात [[उत्तर भारत]] से न होकर [[दक्षिण भारत]] में हुआ, इसका मूल कारण क्या है? (पृ.सं. 3
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| |type="()"}
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| -दक्षिण भारत में [[मुस्लिम]] शासकों ने आक्रमण किए थे।
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| -यह भाग पूर्णत: निरापद था।
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| +[[दक्षिण भारत]] व्यापारिक केंद्र था, जिससे धर्मावलम्बी वहाँ आकर बसे।
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| -[[भारत]] के इस क्षेत्र में [[हिन्दू]] अधिक थे।
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| ||[[चित्र:Kabirdas.jpg|right|100px|कबीरदास]][[मध्य काल]] में '[[भक्ति आन्दोलन]]' की शुरुआत सर्वप्रथम [[दक्षिण भारत]] के अलवार [[भक्त|भक्तों]] द्वारा की गई। दक्षिण भारत से [[उत्तर भारत]] में बारहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में [[रामानन्द]] द्वारा यह आन्दोलन लाया गया। 'भक्ति आन्दोलन' का महत्त्वपूर्ण उद्देश्य था- "[[हिन्दू धर्म]] एवं समाज में सुधार तथा [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] एवं हिन्दू धर्म में समन्वय स्थापित करना। 14वीं एवं 15वीं शताब्दी में 'भक्ति आन्दोलन' का नेतृत्व [[कबीरदास]] के हाथों में था। इस समय [[रामानन्द]], [[नामदेव]], [[कबीर]], [[नानक देव, गुरु|नानक]], [[दादू दयाल|दादू]], [[रविदास]], [[तुलसीदास]] एवं [[चैतन्य महाप्रभु]] जैसे लोगों के हाथ में इस आन्दोलन की बागडोर थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भक्ति आंदोलन]]
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| {'[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]]' को फैंटसी किस विद्वान ने कहा है? (पृ.सं. 9
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| |type="()"}
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| -डॉ. नगेन्द्र
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| +[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']]
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| -[[बालकृष्ण शर्मा नवीन]]
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| -[[सुमित्रानंदन पंत]]
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| ||[[चित्र:Gajanan-Madhav-Muktibodh.jpg|right|100px|गजानन माधव 'मुक्तिबोध']]गजानन माधव 'मुक्तिबोध' की प्रसिद्धि प्रगतिशील [[कवि]] के रूप में है। मुक्तिबोध [[हिन्दी साहित्य]] की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व थे। हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चा के केन्द्र में रहने वाले [[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] कहानीकार भी थे और समीक्षक भी। उनकी आलोचना उनके कवि व्यक्तित्व से ही नि:सृत और परिभाषित होती है। [[उज्जैन]] में मुक्तिबोध ने 'मध्य भारत प्रगतिशील लेखक संघ' की बुनियाद डाली थी। इसकी विशिष्ट सभाओं में भाग लेने के लिए वह बाहर से [[रामविलास शर्मा|डॉ. रामविलास शर्मा]], [[अमृतराय]] आदि साहित्यिक विचारकों को भी बुलाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']]
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| {[[कबीर]] को 'वाणी का डिक्टेटर' किसने कहा है? (पृ.सं. 17
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| |type="()"}
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| +[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
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| -[[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]]
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| -[[ मैथिलीशरण गुप्त]]
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| -[[नामवर सिंह]]
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| ||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|right|100px|हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]हज़ारी प्रसाद द्विवेदी [[हिन्दी]] के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक थे। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, उपन्यासकार, आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता थे। 'हिन्दी साहित्य की भूमिका' उनके सिद्धान्तों की बुनियादी पुस्तक है, जिसमें [[साहित्य]] को एक अविच्छिन्न परम्परा तथा उसमें प्रतिफलित क्रिया-प्रतिक्रियाओं के रूप में देखा गया है। अपने फक्कड़ व्यक्तित्व, घर फूँक मस्ती और क्रान्तिकारी विचारधारा के कारण [[कबीर]] ने उन्हें विशेष रूप से आकृष्ट किया। 'कबीर' पुस्तक में उन्होंने जिस सांस्कृतिक परम्परा, समसामयिक वातावरण और नवीन चिन्तन का उदघाटन किया है, वह उनकी लिखित आलोचनात्मक दृष्टि के सर्वथा मेल में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
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| {'ठेले पर हिमालय' रचना किस विद्या की है? (पृ.सं. 3
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| |type="()"}
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| -आलोचना
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| -[[कहानी]]
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| +निबन्ध
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| -संस्मरण
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| {'किन्नरों के देश में' रचना किसकी है? (पृ.सं. 3
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| |type="()"}
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| -[[जयशंकर प्रसाद]]
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| -[[कृष्णा सोबती]]
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| +[[राहुल सांकृत्यायन]]
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| -[[अमृता प्रीतम]]
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| {[[हिन्दी भाषा]] को लिखने के लिए कौन-सी [[लिपि]] प्रयोग की जाती है? (पृ.सं. 9
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| |type="()"}
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| +[[देवनागरी लिपि|देवनागरी]]
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| -[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]]
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| -[[ब्राह्मी लिपि|ब्राह्मी]]
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| -[[गुरुमुखी लिपि|गुरुमुखी]]
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| {[[हिन्दी]] बोली [[भारत]] में कौन बोलते हैं? (पृ.सं. 9
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| |type="()"}
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| -[[हिन्दू]]
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| +[[भारत]] की अधिकांश जनता
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| -[[मुस्लिम]]
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| -[[भारत]] की 30 प्रतिशत जनता
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| {'मयंक मंजरी' नामक रचना किस विधा की है? (पृ.सं. 9
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| |type="()"}
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| -[[कविता]]
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| -आलोचना
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| +नाटक
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| -[[कहानी]]
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| {'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता की रचना निम्न में से किसने की थी?(भारतकोश)
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| |type="()"}
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| +[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
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| -[[भगवतीचरण वर्मा]]
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| -[[सरोजिनी नायडू]]
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| -[[महादेवी वर्मा]]
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| {'गोस्वामी कृष्ण शरण' [[जयशंकर प्रसाद]] के किस [[उपन्यास]] का महत्त्वपूर्ण पात्र है? (पृ.सं. 3
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| |type="()"}
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| +[[कंकाल उपन्यास -प्रसाद|कंकाल]]
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| -[[तितली उपन्यास -प्रसाद|तितली]]
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| -[[इरावती -प्रसाद|इरावती]]
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| -[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]]
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| {भाषा विज्ञान के अध्ययन को क्या कहते हैं? (पृ.सं. 9
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| |type="()"}
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| -[[हिन्दी भाषा]] का अध्ययन
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| -[[भाषा]] के स्वरूप का अध्ययन
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| +भाषा तत्वों का अध्ययन
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| -[[भाषा]] परिवार का अध्ययन
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| </quiz>
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