|
|
(4 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 278 अवतरण नहीं दर्शाए गए) |
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| {| class="bharattable-green" width="100%"
| |
| |-
| |
| | valign="top"|
| |
| {| width="100%"
| |
| |
| |
| <quiz display=simple>
| |
| {[[भारत]] के दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठार पर मिलने वाली वनस्पतियों पर निम्न में से किस कारक का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है?(पृ.सं. डी/255
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मिट्टी]]
| |
| +[[वर्षा]]
| |
| -ऊँचाई
| |
| -[[भूमध्य रेखा]] से दूरी
| |
| ||[[चित्र:Rain.jpg|right|120px|वर्षा]]वायु में मिली जलवाष्प शीतल [[पदार्थ|पदार्थों]] के संपर्क में आने से संघनन के कारण ओसांक तक पहुँचची है। जब वायु का [[ताप]] ओसांक से नीचे गिर जाता है, तब जलवाष्प पानी की बूँदों अथवा ओलों के रूप में धरातल पर गिरने लगती है। इसी को [[वर्षा]] कहते हैं। किसी भी स्थान पर किसी निश्चित समय में बरसे हुए जलकणों तथा हिमकणों से प्राप्त [[जल]] की मात्रा को वहाँ की 'वर्षा की माप' कहते हैं। गरमी के कारण उत्पन्न जलवाष्प ऊपर [[आकाश]] में जाकर फैलती एवं ठंडी होती है। अत: जैसे-जैसे वायु ऊपर उठती है, उसमें जलवाष्प धारण करने की क्षमता कम होती जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वर्षा]]
| |
|
| |
|
| {विश्व के शीत मरुस्थलों को किस अन्य नाम से जाना जाता है?(पृ.सं. डी/255
| |
| |type="()"}
| |
| -टैगा
| |
| -हिमाच्छादित क्षेत्र
| |
| +[[टुण्ड्रा]]
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| ||[[चित्र:Tundra.jpg|right|120px|टुण्ड्रा]]'टुण्ड्रा' एक प्रकार का बायोम है। ध्रुवीय क्षेत्र के [[रेगिस्तान]] ठंडे होते हैं तथा [[वर्ष]] भर बर्फ से ढके रहते हैं। यहाँ [[वर्षा]] नगण्य होती है तथा धरती की सतह पर सदैव बर्फ की चादर-सी बिछी रहती है। जिन क्षेत्रों में जमाव बिंदु एक विशेष मौसम में ही होता है, उन ठंडे रेगिस्तानों को ही 'टुण्ड्रा' कहते हैं। यहाँ पूरे वर्ष [[तापमान]] शून्य डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। ऐसे स्थान सदैव बर्फ आच्छादित रहते हैं। [[उत्तरी अमेरिका]] के टुण्ड्रा निवासियों को 'एस्किमो' तथा यूरेशिया के टुण्ड्रा निवासियों को 'लैप्स', 'फिन' या 'याकूत' कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[टुण्ड्रा]]
| |
|
| |
| {यदि [[पृथ्वी]] एवं अंतरिक्ष के बीच से [[वायुमण्डल]] को हटा हुआ माना जाये तो [[आकाश|आसमान]] का [[रंग]] कैसा होगा?(पृ.सं. डी/255
| |
| |type="()"}
| |
| -[[नीला रंग|नीला]]
| |
| -[[लाल रंग|लाल]]
| |
| -[[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]]
| |
| +[[काला रंग|काला]]
| |
| ||[[चित्र:Black-Pencil.jpg|right|120px|काले रंग की पेंसिल]]काला रंग सभी रंगों में प्रधान [[रंग]] माना जाता है। यह सभी रंगों के सम्मिश्रण से तैयार रंग है, जो अन्य रंगों की सत्ता को नकारता है तथा विमुखता को व्यक्त करता है। [[काला रंग]] प्रतिशोध, घृणा तथा द्वन्द की ओर संकेत करता है। इस रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति परिस्थितियों के विरुद्ध विद्रोह करने व हार नहीं मानने की अभूतपूर्व क्षमता रखते हैं। तामसिक प्रवृत्ति का यह रंग सुरक्षात्मक कवच के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है। काले रंग का प्रयोग सर्दियों में भी अनुकूल रहता है, क्योंकि यह गर्मी प्रदान करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[काला रंग]]
| |
|
| |
| {[[सूर्य]] की [[ऊर्जा]] उत्पन्न होती है?(पृ.सं. 658
| |
| |type="()"}
| |
| -आयनन द्वारा
| |
| +नाभिकीय संलयन द्वारा
| |
| -नाभिकीय विखण्डन द्वारा
| |
| -ऑक्सीकरण द्वारा
| |
| ||[[चित्र:Sun-part.gif|right|100px|सूर्य]]सूर्य मुख्य रूप से [[हाइड्रोजन]] और [[हीलियम]] गैसों का एक विशाल गोला है। [[सूर्य]] की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हीलियम, [[लोहा]], [[निकल]], [[ऑक्सीजन]], [[सिलिकॉन]], [[सल्फर]], [[मैग्नीशियम]], [[कार्बन]], [[नियोन]], [[कैल्सियम]] और [[क्रोमियम]] [[तत्त्व|तत्त्वों]] से हुआ है। वर्तमान में सूर्य के [[द्रव्यमान]] का 71% हाइड्रोजन 26.5% हीलियम और 2.5% अन्य [[धातु]]/[[तत्त्व]] हैं। हैंस बेथ ने बताया कि 107 ºC [[ताप]] पर सूर्य के केन्द्र पर चारों हाइड्रोजन के [[नाभिक]] मिलकर एक हीलियम नाभिक का निर्माण करते हैं, अर्थात सूर्य के केन्द्र पर 'नाभिकीय संलयन' होता है। इस परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में [[ऊर्जा]] पैदा करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]]
| |
|
| |
| {[[पंजाब]] में [[अमृतसर]] नगर को किसने स्थापित किया था?(पृ.सं. 659
| |
| |type="()"}
| |
| -[[गुरु नानक]]
| |
| -[[गुरु गोविन्द सिंह]]
| |
| -[[गुरु तेग बहादुर]]
| |
| +[[गुरु रामदास]]
| |
| ||[[चित्र:Guru ramdas.jpg|right|90px|गुरु रामदास]]गुरु रामदास [[सिक्ख|सिक्खों]] के चौथे गुरु थे। इन्होंने [[सिक्ख धर्म]] के सबसे प्रमुख पद 'गुरु' को 1574 ई. में प्राप्त किया था। इस पद पर ये 1581 ई. तक बने रहे थे। [[गुरु रामदास]] सिक्खों के तीसरे [[गुरु अमरदास]] के दामाद थे। इन्होंने 1577 ई. में 'अमृत सरोवर' नामक एक नये नगर की स्थापना की थी, जो आगे चलकर [[अमृतसर]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुरु रामदास के समय में लोगों से 'गुरु' के लिए चंदा या दान लेने की परम्परा शुरू हुई थी। गुरुजी बड़े [[साधु]] स्वभाव के व्यक्ति थे। इस कारण सम्राट [[अकबर]] भी उनका सम्मान करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु रामदास]]
| |
|
| |
| {निम्न में से कौन-सी जाति ऋतु प्रवास करती है?(पृ.सं. 661
| |
| |type="()"}
| |
| +[[भूटिया]]
| |
| -[[गोंड]]
| |
| -जौनसारी
| |
| -[[थारू जाति|थारू]]
| |
| ||भूटिया हिमालयी लोग हैं, जो नौंवी शताब्दी या बाद में [[तिब्बत]] से दक्षिण की ओर उत्प्रवास करने वाले माने जाते हैं। इस जनजाति के लोगों को 'भोटिया' या 'भोट' और 'भूटानी' भी कहलाते हैं। ये लोग अधिकांशत: पहाड़ी स्थानों पर ही रहते हैं। [[भूटिया|भूटिया जनजाति]] के लोग पर्वतीय ढलानों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर खेती करते हैं। ये दलाई लामा को अपने आध्यात्मिक नेता के रूप में मानते हैं। भूटिया [[भारत]] के पड़ोसी देश [[भूटान]] की जनसंख्या में बहुसंख्यक हैं और [[नेपाल]] तथा भारत, विशेषकर भारत के [[सिक्किम]] राज्य में अल्पसंख्यक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भूटिया]]
| |
|
| |
| {'[[मकर संक्रान्ति]]' के समय '[[कर्क रेखा]]' पर दोपहर के [[सूर्य]] का उन्नतांश होता है-?(पृ.सं. 662
| |
| |type="()"}
| |
| -23.5<sup>0</sup>
| |
| -43.0<sup>0</sup>
| |
| -47.0<sup>0</sup>
| |
| +66.5<sup>0</sup>
| |
| ||[[चित्र:Makar-sankranti-04.jpg|right|100px|मकर संक्रांति मनाते लोग]]'मकर संक्रान्ति' [[भारत]] के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह पर्व प्रत्येक [[वर्ष]] [[जनवरी]] महीने में समस्त भारत में मनाया जाता है। इस दिन से [[सूर्य]] '[[उत्तरायण]]' होता है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। परम्परा से यह विश्वास किया जाता है कि इसी दिन सूर्य [[मकर राशि]] में प्रवेश करता है। यह वैदिक उत्सव है। प्राचीन [[ग्रंथ]] में ऐसा लिखित है कि केवल सूर्य का किसी [[राशियाँ|राशि]] में प्रवेश मात्र ही पुनीतता का द्योतक नहीं है, प्रत्युत सभी [[ग्रह|ग्रहों]] का अन्य [[नक्षत्र]] या राशि में प्रवेश पुण्यकाल माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मकर संक्रान्ति]]
| |
|
| |
| {संसार का आर्द्रतम स्थान कौन-सा है?(पृ.सं. 662
| |
| |type="()"}
| |
| -चेरापूँजी
| |
| +[[मासिनराम]]
| |
| -[[सिंगापुर]]
| |
| -वायलील
| |
| ||[[चित्र:Mawsynram-Meghalaya.jpg|right|100px|मासिनराम, मेघालय]]'मासिनराम' [[मेघालय]] में स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और अत्यधिक [[वर्षा]] के कारण प्रसिद्ध है। मेघालय के इस स्थान को विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। मेघालय में स्थित चेरापूंजी और [[मासिनराम]] में सबसे ज़्यादा बारिश होती है। चेरापूंजी में 1012 सेंटीमीटर तो मासिनराम में उससे अधिक 1221 सेंटीमीटर वर्षा होती है। इसके साथ ही मासिनराम खूबसूरत पहाड़ों और यहाँ बहने वाले झरनों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य किसी को भी आकर्षित कर सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मासिनराम]]
| |
|
| |
| {निम्नांकित में से किसका सुमेल नहीं है?(पृ.सं. 659
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अहमदाबाद]] - [[साबरमती नदी|साबरमती]]
| |
| +[[हैदराबाद]] - [[कृष्णा नदी|कृष्णा]]
| |
| -[[कोटा]] - [[चम्बल नदी|चम्बल]]
| |
| -[[नासिक]] - [[गोदावरी नदी|गोदावरी]]
| |
| ||[[चित्र:Golkunda-Fort-Hyderabad-6.jpg|right|90px|गोलकुंडा क़िला, हैदराबाद]]दक्षिण-पू्र्वी [[भारत]] में स्थित [[हैदराबाद]] शहर [[आंध्र प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। तत्कालीन समय में [[गोलकुंडा क़िला|गोलकुंडा]] का पुराना क़िला राज्य की राजधानी के लिए अपर्याप्त सिद्ध हुआ, इसलिए लगभग 1591 ई. में [[क़ुतुबशाही वंश]] के पाँचवें सुल्तान [[मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह]] ने पुराने [[गोलकुंडा]] से कुछ मील दूर मूसा नदी के किनारे [[हैदराबाद]] नामक नया नगर बसाया। चार खुली मेहराबों और चार मीनारों वाली भारतीय-अरबी शैली की भव्य वास्तुशिल्पीय रचना '[[चारमीनार]]', क़ुतुबशाही काल की सर्वोच्च उपलब्धि मानी जाती है। हैदराबाद अपने सौंदर्य और समृद्धि के लिए भी जाना जाता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैदराबाद]]
| |
|
| |
| {'नीली क्रांति' निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है?(पृ.सं. 662
| |
| |type="()"}
| |
| -खाद्यान्न उत्पादन से
| |
| -[[तिलहन]] उत्पादन से
| |
| -[[दूध]] उत्पादन से
| |
| +मत्स्य उत्पादन से
| |
|
| |
| {निम्न में से कौन-सा पहाड़ी स्थान "अर्धचक्र" आकार में बसा हुआ है?(भारतकोश)
| |
| |type="()"}
| |
| +[[शिमला]]
| |
| -[[रानीखेत]]
| |
| -[[अल्मोड़ा]]
| |
| -[[नैनीताल]]
| |
| ||[[चित्र:Christ-Church-Shimla-1.jpg|right|100px|क्राइस्ट चर्च, शिमला]]शिमला [[भारत]] के साथ-साथ पूरी दूनिया में अपने अनुपम सौंदर्य के कारण सैलानियों का प्रिय दर्शनीय स्थल रहा है। [[शिमला]] रोमांचक खेलों, जैसे- स्कीइंग, ट्रेकिंग, फिशिंग और [[गोल्फ़]] के लिए एक सुविधाजनक बेस का काम भी करता है। यद्यपि भारत से [[ब्रिटिश साम्राज्य]] समाप्त हो चुका है, लेकिन इसकी छाप अभी भी शिमला में दिखाई पड़ती है। शिमला [[चंडीगढ़]] से 114 किलोमीटर उत्तर में लगभग 2,200 मीटर की ऊँचाई पर लघु [[हिमालय]] की एक पर्वत चोटी पर स्थित है। यह लगभग 7267 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और अर्धचक्र आकार में बसा हुआ है। यहाँ पूरे वर्ष ठण्डी हवाएँ बहती रहती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शिमला]]
| |
|
| |
| {प्राचीन भारतीय भौगोलिक मान्यता के अनुसार [[भारतवर्ष]] किस [[द्वीप]] का खण्ड था?(पृ.स. 634)
| |
| |type="()"}
| |
| -[[पुष्कर द्वीप]]
| |
| +[[जम्बू द्वीप]]
| |
| -[[क्रौंच द्वीप]]
| |
| -[[कुश द्वीप]]
| |
| ||पौराणिक [[भूगोल]] के अनुसार [[जम्बू द्वीप]] भू-लोक के सप्त महाद्वीपों में से एक है। यह [[द्वीप]] [[पृथ्वी]] के केंद्र मे स्थित है। इसके 'इलावृत', 'भद्राश्व', 'किंपुरुष', [[भारत]], 'हरि', '[[केतुमाल]]', 'रम्यक', 'कुरु' और 'हिरण्यमय', ये नव खण्ड हैं। इनमें [[भारतवर्ष]] ही 'मृत्युलोक' है, शेष 'देवलोक' हैं। इसके चतुर्दिक लवण सागर है। [[जम्बू द्वीप]] का नामकरण यहाँ स्थित 'जम्बू वृक्ष' (जामुन) के कारण हुआ है। जम्बू द्वीप के क्रमानुसार बड़े द्वीपों के नाम इस प्रकार है- '[[प्लक्ष द्वीप|प्लक्ष]]', '[[शाल्मल द्वीप|शाल्मल]]', '[[कुश द्वीप|कुश]]', '[[क्रौंच द्वीप|क्रौंच]]', '[[शाक द्वीप|शाक]]' एवं '[[पुष्कर द्वीप|पुष्कर]]'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्बू द्वीप]]
| |
|
| |
| {[[ब्रह्मपुत्र नदी]] का बहाव क्षेत्र है-(पृ.स. 641)
| |
| |type="()"}
| |
| -[[तिब्बत]], [[बांग्लादेश]], [[भारत]]
| |
| +[[भारत]], [[चीन]], [[बांग्लादेश]], [[तिब्बत]]
| |
| -[[भारत]], [[पाकिस्तान]], [[बांग्लादेश]], [[सिक्किम]]
| |
| -[[बांग्लादेश]], [[पश्चिम बंगाल]], [[भूटान]], [[नेपाल]]
| |
| ||[[चित्र:Brahmaputra-River-2.jpg|right|100px|ब्रह्मपुत्र नदी]]'ब्रह्मपुत्र नदी' [[हिमालय]] में अपने उद्गम से लगभग 2,900 कि.मी. बहकर [[यमुना]] के नाम से दक्षिण में बहती हुई [[गंगा नदी]] की मूल शाखा [[पद्मा नदी|पद्मा]] के साथ मिलती है और बाद में दोनों का मिश्रित जल '[[बंगाल की खाड़ी]]' में गिरता है। [[ब्रह्मपुत्र नदी]] का उद्गम [[तिब्बत]] के दक्षिण में [[कैलाश मानसरोवर|मानसरोवर]] के निकट 'चेमायुंग दुंग' नामक हिमवाह से हुआ है। अपने मार्ग में यह नदी [[चीन]] के स्वशासी क्षेत्र तिब्बत, भारतीय राज्यों- [[अरुणाचल प्रदेश]] व [[असम]] और [[बांग्लादेश]] से होकर बहती है। अपनी लंबाई के अधिकतर हिस्से में नदी महत्त्वपूर्ण आंतरिक जलमार्ग का कार्य करती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत]], [[बांग्लादेश]], [[तिब्बत]]
| |
|
| |
| {[[केसर]] का वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन निम्न में से किस राज्य में होता है?(पृ.स. 641)
| |
| |type="()"}
| |
| +[[जम्मू और कश्मीर]]
| |
| -[[हिमाचल प्रदेश]]
| |
| -[[पंजाब]]
| |
| -[[केरल]]
| |
| ||[[चित्र:Saffron flower.jpg|right|100px|केसर का फूल]]'जम्मू-कश्मीर' भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वत श्रेणियों के निकट स्थित है। इस राज्य की राजधानी ग्रीष्म काल में [[श्रीनगर]] और शीत काल में [[जम्मू]] रहती है। [[जम्मू और कश्मीर]] के अधिकांश लोग जीवन निर्वाह के लिए [[कृषि]] में लगे हैं और [[चावल]], [[मक्का]], [[गेहूँ]], [[जौ]], [[दाल]], [[तिलहन]] तथा [[तम्बाकू]] सीढ़ीनुमा पहाड़ी ढलानों पर उगाते हैं। '[[कश्मीर की घाटी]]' में बड़े-बड़े बाग़ों में [[सेब]], [[नाशपाती]], आड़ू, शहतूत, अखरोट और [[बादाम]] उगाए जाते हैं। यह घाटी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए एकमात्र [[केसर]] उत्पादक स्थान है। गूजर और गद्दी ख़ानाबदोशों के द्वारा भेड़, बकरी, याक व खच्चरों का पालन और ऋतु प्रवास किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू और कश्मीर]]
| |
|
| |
| {"सरदार सरोवर बाँध" किस नदी पर बनाया गया है?(पृ.स. 647)
| |
| |type="()"}
| |
| +[[नर्मदा नदी|नर्मदा]]
| |
| -[[चम्बल नदी|चम्बल]]
| |
| -[[सतलुज नदी|सतलुज]]
| |
| -[[महानदी]]
| |
| ||[[चित्र:Sardar-Sarovar-Dam.jpg|right|100px|सरदार सरोवर बाँध, नर्मदा नदी]]'नर्मदा नदी' [[भारत]] के मध्य भाग में पूरब से पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है। यह [[मध्य प्रदेश]] और [[गुजरात]] राज्य की प्रमुख नदी है, जो [[गंगा]] के समान पूजनीय है। महाकाल पर्वत के [[अमरकण्टक शिखर]] से [[नर्मदा नदी]] की उत्पत्ति हुई है। इसकी लम्बाई प्रायः 1310 किलोमीटर है। यह नदी पश्चिम की तरफ़ जाकर 'खम्भात की खाड़ी' में गिरती है। इस नदी के मुहाने पर डेल्टा नहीं है। [[जबलपुर]] के निकट '[[भेड़ाघाट]]' का 'नर्मदा जलप्रपात' काफ़ी प्रसिद्ध है। [[वेद|वेदों]] में नर्मदा नदी का कोई उल्लेख नहीं है। [[गंगा]] के उपरान्त [[भारत]] की अत्यन्त पुनीत नदियों में नर्मदा एवं [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] के नाम आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नर्मदा नदी]]
| |
| </quiz>
| |
| |}
| |
| |}
| |
| __NOTOC__
| |