"अद्धा": अवतरणों में अंतर

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'''अद्धा''' [[भारतीय इतिहास]] के [[सल्तनत काल]] में प्रचलित [[ताँबा|ताँबे]] का सिक्का था, जो [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़|सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] द्वारा प्रयोग में लाया गया था।<ref>यूजीसी इतिहास, पृ.सं. 145</ref>
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'''अद्धा''' (अव्य.)
::1. सचमुच, बिल्कुल, अवश्य, निस्सन्देह-रघुवंश 13/65
::2. प्रकटतः, स्पष्ट रूप से-व्यालाधिपं च यतते परिरब्धुमद्धा- भामि. 1/95<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=28|url=|ISBN=}}</ref>


*फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने मुद्रा व्यवस्था के अन्तर्गत बड़ी संख्या में ताँबे एवं [[चाँदी]] के मिश्रण से निर्मित सिक्के जारी करवाये, जिसे सम्भवतः ‘अद्धा’ एवं ‘मिस्र’ कहा जाता था।
*उसने ‘शंशगानी’ (6 [[जीतल]] का) का नया सिक्का भी चलवाया था।
*सिक्कों पर अपने नाम के साथ फ़िरोज़शाह ने अपने पुत्र अथवा उत्तराधिकारी 'फ़तह ख़ाँ' का नाम अंकित करवाया।
*[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ]] ने अपने को ख़लीफ़ा का नाइब पुकारा तथा सिक्कों पर ख़लीफ़ा का नाम अंकित किया।


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05:34, 1 सितम्बर 2023 के समय का अवतरण

अद्धा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अद्धा (बहुविकल्पी)

अद्धा (अव्य.)

1. सचमुच, बिल्कुल, अवश्य, निस्सन्देह-रघुवंश 13/65
2. प्रकटतः, स्पष्ट रूप से-व्यालाधिपं च यतते परिरब्धुमद्धा- भामि. 1/95[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 28 |

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