"अनार्तव": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''अनार्तव''' उस दशा का नाम है जिसमें स्त्रियों को उनक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''अनार्तव''' उस दशा का नाम है जिसमें स्त्रियों को उनके प्रजनन काल में | '''अनार्तव''' उस दशा का नाम है, जिसमें स्त्रियों को उनके प्रजनन काल में या अन्य कारणों से मासिक स्राव नहीं होता। यह दशा शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारणों से उत्पन्न हो सकती है। अंत:स्रावी ग्रथियाँ तथा प्रजनन अंगों के विकार और अन्य शरीरिक रोग भी इस दशा को उत्पन्न कर सकते हैं। चिकित्सा से यह दशा सुधर सकती है, परंतु इसके लिए इस दशा के कारण का पूर्ण अन्वेषण आवश्यक है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=115 |url=}}</ref> | ||
{{लेख प्रगति | '''अनार्तव''' ([[विशेषण]]) ([[स्त्रीलिंग]]-वी) [ऋतौ भवः आर्तवः, न. त.] | ||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | *असामयिक-'''वा''' वह कन्या जो अभी तक रजस्वला न हुई हो।<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=39|url=|ISBN=}}</ref> | ||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | ||
|शोध= | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category: | [[Category:रोग]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]][[Category:संस्कृत हिन्दी शब्दकोश]][[Category:संस्कृत शब्दकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
08:34, 9 सितम्बर 2023 के समय का अवतरण
अनार्तव उस दशा का नाम है, जिसमें स्त्रियों को उनके प्रजनन काल में या अन्य कारणों से मासिक स्राव नहीं होता। यह दशा शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारणों से उत्पन्न हो सकती है। अंत:स्रावी ग्रथियाँ तथा प्रजनन अंगों के विकार और अन्य शरीरिक रोग भी इस दशा को उत्पन्न कर सकते हैं। चिकित्सा से यह दशा सुधर सकती है, परंतु इसके लिए इस दशा के कारण का पूर्ण अन्वेषण आवश्यक है।[1]
अनार्तव (विशेषण) (स्त्रीलिंग-वी) [ऋतौ भवः आर्तवः, न. त.]
- असामयिक-वा वह कन्या जो अभी तक रजस्वला न हुई हो।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 115 |
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 39 |