"अबोध": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''अबोध''' (विशेषण) [नास्ति बोधो यस्य, न. ब.] *अनजान, मूर्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:




सम.'''-गम्य''' (°) जो समझ में न आ सके, अकल्पनीय।<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=76|url=|ISBN=}}</ref>
सम.'''-गम्य''' ([[विशेषण]]) जो समझ में न आ सके, अकल्पनीय।<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=76|url=|ISBN=}}</ref>





08:39, 13 अक्टूबर 2023 के समय का अवतरण

अबोध (विशेषण) [नास्ति बोधो यस्य, न. ब.]

  • अनजान, मूर्ख, मूढ,-धः [न. त.]
1. अज्ञान, जड़ता, समझ का अभाव-°धोपहताश्चान्ये-भर्तृ. 3/2, निसर्ग-दुर्बोधमगोधविक्लवाः क्व भूपतीनां चरितं क्व जन्तवः-कि. 1/6
2. न जानना, जानकारी न होना।


सम.-गम्य (विशेषण) जो समझ में न आ सके, अकल्पनीय।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 76 |

संबंधित लेख