"अरि:": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''अरिः''' (पुल्लिंग) [ॠ+इन] ::1. शत्रु, दुश्मन ::2. मनुष्य ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''अरिः''' ([[पुल्लिंग]]) [ॠ+इन] | '''अरिः''' ([[पुल्लिंग]]) [ॠ+इन] | ||
::1. शत्रु, दुश्मन | ::1. शत्रु, दुश्मन | ||
::2. मनुष्य जाति का शत्रु (मनुष्य के मन को व्याकुल करने वाले 6 शत्रु बताए गए हैं-कामः क्रोधस्तथा लोभो मदमोहौ च मत्सरः;-कृतारिषड्वर्गजयेन-कि. 1/9 | ::2. मनुष्य जाति का शत्रु (मनुष्य के मन को व्याकुल करने वाले 6 शत्रु बताए गए हैं- कामः क्रोधस्तथा लोभो मदमोहौ च मत्सरः;-कृतारिषड्वर्गजयेन-कि. 1/9 | ||
::3. छ: की संख्या | ::3. छ: की संख्या | ||
::4. गाड़ी का भाग | ::4. गाड़ी का भाग | ||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
सम. '''कर्षण''' (विशेषण) शत्रुओं को पीड़ित या पराभूत करने वाला,'''-कुलम्''' (नपुं.) | सम. '''कर्षण''' (विशेषण) शत्रुओं को पीड़ित या पराभूत करने वाला,'''- कुलम्''' (नपुं.) | ||
:::::::::::::1. शत्रुओं का समूह | |||
:::::::::::::2. शत्रु'''-घ्नः''' ([[विशेषण]]) शत्रुओं का नाश करने वाला,'''-चिंतनम्''' (नपुं.),'''- चिंता''' ([[स्त्रीलिंग]]) शत्रुओं के नाश के लिए बनाई हुई योजनाएँ, विदेश विभाग का प्रशासन,'''- नन्दन''' (विशेषण) शत्रु को प्रसन्न करने वाला, शत्रु को विजय दिलाने वाला,'''- भद्रः''' बड़ा शक्तिशाली शत्रु - रघु. 14/31,'''-सूदनः''','''-हन्''','''-हिंसकः''' ([[पुल्लिंग]]) शत्रुओं का नाश करने वाला।<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=100|url=|ISBN=}}</ref> | |||
07:25, 2 नवम्बर 2023 के समय का अवतरण
अरिः (पुल्लिंग) [ॠ+इन]
- 1. शत्रु, दुश्मन
- 2. मनुष्य जाति का शत्रु (मनुष्य के मन को व्याकुल करने वाले 6 शत्रु बताए गए हैं- कामः क्रोधस्तथा लोभो मदमोहौ च मत्सरः;-कृतारिषड्वर्गजयेन-कि. 1/9
- 3. छ: की संख्या
- 4. गाड़ी का भाग
- 5. पहिया
सम. कर्षण (विशेषण) शत्रुओं को पीड़ित या पराभूत करने वाला,- कुलम् (नपुं.)
- 1. शत्रुओं का समूह
- 2. शत्रु-घ्नः (विशेषण) शत्रुओं का नाश करने वाला,-चिंतनम् (नपुं.),- चिंता (स्त्रीलिंग) शत्रुओं के नाश के लिए बनाई हुई योजनाएँ, विदेश विभाग का प्रशासन,- नन्दन (विशेषण) शत्रु को प्रसन्न करने वाला, शत्रु को विजय दिलाने वाला,- भद्रः बड़ा शक्तिशाली शत्रु - रघु. 14/31,-सूदनः,-हन्,-हिंसकः (पुल्लिंग) शत्रुओं का नाश करने वाला।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 100 |
संबंधित लेख