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सम.'''-अश्मन्''' ([[पुल्लिंग]])'''-उपलः''' (पुल्लिंग) सूर्यकान्तमणि,'''-आह्नः''' (पुल्लिंग) मदार, आक,'''-इन्दुसङ्गमः''' (पुल्लिंग) [[सूर्य]] और [[चन्द्रमा]] का संयोग, (दर्श या [[अमावस्या]]),'''-कान्ता''' ([[स्त्रीलिंग]]) सूर्यपत्नी, '''-चन्दनः''' (पुल्लिंग) एक प्रकार का रक्त चन्दन,'''-जः''' (पुल्लिंग) कर्ण की उपाधि, यम, सुग्रीव ('''जौ''') स्वर्ग के वैद्य [[अश्विनीकुमार]],'''-तनयः''' (पुल्लिंग) 'सूर्य पुत्र' [[कर्ण]] का विशेषण, [[यम]] और [[शनि देव]], दे. 'अरुणात्मज' ('''-या''') (स्त्रीलिंग) [[यमुना]] और ताप्ती नदियाँ,'''-त्विषु''' (स्त्रीलिंग) सूर्य की ज्योति, '''-दिनम्''', '''-वासरः''' (पुल्लिंग), रविवार,'''-नन्दनः''' '''-पुत्रः''','''-सुतः''','''-सुनुः''' शनि, कर्ण और यम के नाम,'''-बन्धुः''', '''-बान्धवः''' [[कमल]] (सूर्य-कमल),'''-मण्डलम्''' (नपुं.) सूर्यमंडल,'''-विवाहः''' मदार से [[विवाह]], (तीसरा विवाह करने वाले पुरुष के लिए पहले मदार से विवाह करने का विधान किया गया है, ताकि तीसरी पत्नी चौथी हो जाए),-चतुर्थादि विवाहार्थं तृतीयेऽर्क समुदहेत्-काश्यप।<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=101|url=|ISBN=}}</ref> | |||
11:59, 4 नवम्बर 2023 के समय का अवतरण
अर्कः (पुल्लिंग) [अर्क्+घञ्-कुत्वम्]
- 1. प्रकाशकिरण, बिजली की चमक
- 2. सूर्य,-आविष्कृतारुणपुरःसरः एकातोऽर्कः-श. 4/1
- 3. अग्नि
- 4. स्फटिक
- 5. तांबा
- 6. रविवार
- 7. आक का पौधा, मदार-अर्कस्योपरि शिथिलं च्युतमिव नवमल्लिकाकुसुमम्-श. 2/9 यमाश्रित्य न विश्रामं क्षुधार्ता यान्ति सेवकाः, सोऽर्कवन्नृपतिस्त्याज्यः सदापुष्पफलोपि सन्-पंच. 1/51
- 8. इन्द्र
- 9. आहार
- 10. बारह की संख्या
सम.-अश्मन् (पुल्लिंग)-उपलः (पुल्लिंग) सूर्यकान्तमणि,-आह्नः (पुल्लिंग) मदार, आक,-इन्दुसङ्गमः (पुल्लिंग) सूर्य और चन्द्रमा का संयोग, (दर्श या अमावस्या),-कान्ता (स्त्रीलिंग) सूर्यपत्नी, -चन्दनः (पुल्लिंग) एक प्रकार का रक्त चन्दन,-जः (पुल्लिंग) कर्ण की उपाधि, यम, सुग्रीव (जौ) स्वर्ग के वैद्य अश्विनीकुमार,-तनयः (पुल्लिंग) 'सूर्य पुत्र' कर्ण का विशेषण, यम और शनि देव, दे. 'अरुणात्मज' (-या) (स्त्रीलिंग) यमुना और ताप्ती नदियाँ,-त्विषु (स्त्रीलिंग) सूर्य की ज्योति, -दिनम्, -वासरः (पुल्लिंग), रविवार,-नन्दनः -पुत्रः,-सुतः,-सुनुः शनि, कर्ण और यम के नाम,-बन्धुः, -बान्धवः कमल (सूर्य-कमल),-मण्डलम् (नपुं.) सूर्यमंडल,-विवाहः मदार से विवाह, (तीसरा विवाह करने वाले पुरुष के लिए पहले मदार से विवाह करने का विधान किया गया है, ताकि तीसरी पत्नी चौथी हो जाए),-चतुर्थादि विवाहार्थं तृतीयेऽर्क समुदहेत्-काश्यप।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 101 |
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