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:::1. कंधों की रक्षा के लिए कवच | :::1. कंधों की रक्षा के लिए कवच | ||
:::2. धनुष,- '''फलकः''' रीढ़ का ऊपरी भाग-'''भारः''' कंधे पर रखा गया भार या जूआ,-'''भारिक''',-'''भारिन्''' ([[विशेषण]]) (अंसे) कंधे पर जूआ या भार | :::2. धनुष,- '''फलकः''' रीढ़ का ऊपरी भाग-'''भारः''' कंधे पर रखा गया भार या जूआ,-'''भारिक''',-'''भारिन्''' ([[विशेषण]]) (अंसे) कंधे पर जूआ या भार | ||
ढोने वाला-'''विवर्तिन्''' ([[विशेषण]]) कंधों की ओर मुड़ा हुआ,-मुखमंसविवर्ति पक्ष्मलाक्ष्याः | ढोने वाला-'''विवर्तिन्''' ([[विशेषण]]) कंधों की ओर मुड़ा हुआ,-मुखमंसविवर्ति पक्ष्मलाक्ष्याः<ref>श. 3/341</ref> | ||
12:07, 11 मई 2024 के समय का अवतरण
अंसः [अस्+अच्][1]
1. भाग, खंड।
2. कंधा, अंसफलक, कंधे की हड्डी। समस्त पद- कूटः बैल या साँड का डिल्ल अथवा कुब्ब, कंधों के बीच का उभार,-त्रम्
- 1. कंधों की रक्षा के लिए कवच
- 2. धनुष,- फलकः रीढ़ का ऊपरी भाग-भारः कंधे पर रखा गया भार या जूआ,-भारिक,-भारिन् (विशेषण) (अंसे) कंधे पर जूआ या भार
ढोने वाला-विवर्तिन् (विशेषण) कंधों की ओर मुड़ा हुआ,-मुखमंसविवर्ति पक्ष्मलाक्ष्याः[2]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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