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{{शब्द संदर्भ लघु
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|हिन्दी=ईर्ष्या करने वाला, ईर्ष्यालु, डाही, प्रायः परनिन्दा करने वाला, निन्दक
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यस्यासावनसूयकः। "शेषाद्विभाषा" इति कपि "आपो ऽन्यतरस्याम्" इति ह्रस्वः। यद्वा असूयकः असूङ्कण्ड्वादौ पठितः । तस्मात् "कण्ड्वादिभ्यो यक्" इति यक्प्रत्ययः । <ref>{{cite web |url=http://valmiki.iitk.ac.in/index.php?id=govindarajiya |title=असूयकः |accessmonthday=9 जुलाई |accessyear=2010 |authorlink= |format= |publisher=Valmiki Ramayan|language=संस्कृत }}</ref> <ref>बालकाण्डः 1.1.4</ref>
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'''असूयक''' ([[विशेषण]]) [असूय्+ण्वुल्]
1. ईष्यालु, मान घटाने वाला, निंदक
2. असन्तुष्ट, अप्रसन्न,'''-कः''' ([[पुल्लिंग]]) अपमान कर्ता, ईर्ष्यालु व्यक्ति<ref>मनु. 2/114, शा. 3/6, याज्ञ. 1/28</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=141|url=|ISBN=}}</ref>
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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शब्द संदर्भ
हिन्दी ईर्ष्या करने वाला, ईर्ष्यालु, डाही, प्रायः परनिन्दा करने वाला, निन्दक
-व्याकरण    धातु, विशेषण
-उदाहरण   असूयक, जो दूसरे के दोष को ही देखता हो।
-विशेष    असूया तु दोषारोपो गुणेष्वपि" इत्यमरः। अविद्यमानासूया

यस्यासावनसूयकः। "शेषाद्विभाषा" इति कपि "आपो ऽन्यतरस्याम्" इति ह्रस्वः। यद्वा असूयकः असूङ्कण्ड्वादौ पठितः । तस्मात् "कण्ड्वादिभ्यो यक्" इति यक्प्रत्ययः । [1] [2]

-विलोम   
-पर्यायवाची    ईर्ष्यालु, अकलखुरा, अकसी, अनुशयी, अमर्षी, ईषालु, ईर्ष्य, कीनिया, जलनखोर, द्वेषी, द्वेष्टा, मत्सर, मत्सरी, विद्वेषी, विद्वेष्टा, व्याड, व्याल, संस्पर्धी, सासूय, स्पर्धी, हासिद, निंदक, आलोचक, जुगुत्सु, बदगो, लोक निंदक
संस्कृत [असू+यक्+ण्वुल्], ईर्ष्यालु, मान घटाने वाला, निन्दक, असन्तुष्ट, अप्रसन्न
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश


असूयक (विशेषण) [असूय्+ण्वुल्]

1. ईष्यालु, मान घटाने वाला, निंदक

2. असन्तुष्ट, अप्रसन्न,-कः (पुल्लिंग) अपमान कर्ता, ईर्ष्यालु व्यक्ति[3][4]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. असूयकः (संस्कृत) Valmiki Ramayan। अभिगमन तिथि: 9 जुलाई, 2010।
  2. बालकाण्डः 1.1.4
  3. मनु. 2/114, शा. 3/6, याज्ञ. 1/28
  4. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 141 |