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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {सामाजिक गतिशीलता को प्रभावित करने वाला घटक नहीं है? | | {शिक्षा का तात्पर्य है- |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| - समाज का स्वरुप | | -तथ्यों का ज्ञान |
| - महत्वाकांक्षा | | -तथ्यों की खोज |
| + शिक्षा | | -व्यवहार में परिवर्तन |
| - इनमें से कोई नहीं
| | +व्यवहार में सुधार |
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| {प्रयोगात्मक विधि है? | | {"शिक्षा मनुष्य में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।" यह कथन किसका है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| - परिकल्पना परीक्षण की एक विधि | | -[[महात्मा गाँधी|गाँधी]] |
| + प्रयोगों द्वारा निष्कर्ष तक पहुँचने की विधि | | +[[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्द]] |
| - चर नियंत्रण विधि | | -[[रबीन्द्र नाथ टैगोर|टैगोर]] |
| - इनमें से सभी | | -[[दयानन्द सरस्वती|दयानन्द]] |
| | ||[[चित्र:Statue-Swami-Vivekananda-2.jpg|90px|right|स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा]]'स्वामी विवेकानन्द' एक युवा संन्यासी के रूप में [[भारतीय संस्कृति]] की सुगन्ध विदेशों में बिखरने वाले [[साहित्य]], [[दर्शन]] और [[इतिहास]] के प्रकाण्ड विद्वान थे। [[विवेकानन्द]] का मूल नाम 'नरेंद्रनाथ दत्त' था, जो कि आगे चलकर स्वामी विवेकानन्द के नाम से विख्यात हुआ। विवेकानन्द ने [[1 मई]], [[1897]] में [[कलकत्ता]] में '[[रामकृष्ण मिशन]]' और [[9 दिसम्बर]], [[1898]] को कलकत्ता के निकट [[गंगा नदी]] के किनारे [[बेलूर]] में 'रामकृष्ण मठ' की स्थापना की थी। उनके [[अंग्रेज़]] अनुयायी कैप्टन सर्वियर और उनकी पत्नी ने [[हिमालय]] में [[1899]] में '[[मायावती अद्वैत आश्रम]]' खोला। इसे सार्वभौमिक चेतना के अद्वैत दृष्टिकोण के एक अद्वितीय संस्थान के रूप में शुरू किया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[स्वामी विवेकानन्द]] |
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| {निम्नलिखित में से कौन सा [[प्रत्यय]] पर्यावरण से प्रभावित होता है? | | {किस परीक्षण में विश्वसनीयता अधिक होती है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| - बुद्धि | | -निबन्धात्मक |
| - शारीरिक वृद्धि | | -संक्षिप्त प्रश्न परीक्षण |
| + स्वभाव | | +वस्तुनिष्ठ परीक्षण |
| - इनमें से सभी | | -इनमें से कोई नहीं |
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| {बालक में कुण्ठा जन्म लेती है? | | {'[[परिवार]]' शिक्षा का किस प्रकार का साधन है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| + व्यक्तिगत अक्षमता के फलस्वरुप | | -औपचारिक साधन |
| - प्रोत्साहन के अभाव के परिणामस्वरुप
| | +अनौपचारिक साधन |
| - अभिप्रेरकों के संघर्ष के फलस्वरुप | | -औपचारिकेत्तर साधन |
| - इनमें से कोई नहीं | | -इनमें से कोई नहीं |
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| {राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्व नहीं है? | | {विद्यालय का कार्य होता है- |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| - भाषावाद
| | -[[संस्कृति]] का संरक्षण |
| + प्रकृतिवाद
| | -संस्कृति का परिष्करण |
| - जातिवाद
| | -[[संस्कृति]] के नये प्रतिरुपों का निर्माण |
| - सम्प्रदायवाद
| | +इनमें से सभी |
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| {किसने कहा है, कि शिक्षा को मनुष्य और समाज का निर्माण करना चाहिए?
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| |type="()"}
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| - [[महात्मा गाँधी]] | |
| - [[सर्वपल्ली राधाकृष्णन|डॉ. राधाकृष्णन]]
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| + [[रबीन्द्र नाथ टैगोर|टैगोर]]
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| - इनमें से कोई नहीं
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| || [[चित्र:Rabindranath-Tagore.jpg|150px|right|रबीन्द्र नाथ टैगोर]] रबीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म [[7 मई]], [[1861]] कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के पुत्र के रूप में एक संपन्न बंगला परिवार में हुआ था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। जिन्हें 1913 में [[साहित्य]] के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] प्रदान किया गया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें- [[रबीन्द्र नाथ टैगोर]]
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| {'इमील' के लेखक हैं?
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| |type="()"}
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| - प्लेटो | |
| - हरबर्ट स्पेंसर
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| + रूसो
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| - सुकरात
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| {शिक्षा का तात्पर्य है?
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| |type="()"}
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| - तथ्यों का ज्ञान
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| - तथ्यों की खोज
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| - व्यवहार में परिवर्तन
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| + व्यवहार में सुधार
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| {शिक्षा मनुष्य में अतंर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है" यह कथन किसका है?
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| |type="()"}
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| - [[महात्मा गाँधी|गाँधी]] का
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| + [[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्द]] का
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| - [[रबीन्द्र नाथ टैगोर|टैगोर]] का
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| - [[दयानन्द सरस्वती|दयानन्द]] का
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| || [[चित्र:Statue-Swami-Vivekananda-2.jpg|150px|right|स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा]] स्वामी विवेकानन्द (जन्म- [[12 जनवरी]], [[1863]], [[कलकत्ता]] (वर्तमान कोलकाता), मृत्यु- [[4 जुलाई]], [[1902]], रामकृष्ण मठ, बेलूर) एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय [[संस्कृति]] की सुगन्ध विदेशों में बिखरने वाले [[साहित्य]], [[दर्शन]] और [[इतिहास]] के प्रकाण्ड विद्वान थे। विवेकानन्द जी का मूल नाम '''नरेंद्रनाथ दत्त''' था, जो कि आगे चलकर स्वामी विवेकानन्द के नाम से विख्यात हुआ। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[स्वामी विवेकानन्द]]
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| {[[मदनमोहन मालवीय]] बीस वर्ष तक कहाँ के कुलपति रहे?
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| |type="()"}
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| + काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के
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| - आगरा विश्वविद्यालय के
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| - लखनऊ विश्वविद्यालय के
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| - कानपुर विश्वविद्यालय के
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| {कौन सी अवस्था को अधिगम का कठिन काल कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| - शैशवावस्था को
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| - बाल्यावस्था को
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| + किशोरावस्था को
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| - इनमें से सभी
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| {बालक को सामाजिक व्यवहार की शिक्षा दी जा सकती है?
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| |type="()"}
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| - पाठ्यक्रम द्वारा
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| + विद्यालय में सामाजिक और सांस्क़ृतिक गतिविधियों द्वारा
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| - अनुशासन प्रक्रिया द्वारा
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| - कक्षा शिक्षण द्वारा
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| {शिक्षा का अर्थ है?
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| |type="()"}
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| - विद्यालय में दिया जाने वाला ज्ञान
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| - जोर जोर से पढ़ना
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| + बालक की जन्मजात शक्तियों का विकास
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| - विद्यालय बनाना
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| {'परिवार' शिक्षा का किस प्रकार का साधन है?
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| |type="()"}
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| - औपचारिक साधन
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| + अनौपचारिक साधन
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| - औपचारिकेत्तर साधन
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| - इनमें से कोई नहीं
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| {विद्यालय के कार्य होते है?
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| |type="()"}
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| - संस्कृति का संरक्षण
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| - संस्कृति का परिष्करण
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| - संस्कृति के नये प्रतिरुपों का निर्माण
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| + इनमें से सभी | |
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| {[[भारत]] का सर्वप्रथम दूरस्थ विश्वविद्यालय कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| - [[दिल्ली]] में
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| + [[हैदराबाद]] में
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| - [[इलाहाबाद]] में
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| - [[चेन्नई]] में
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| || दक्षिण पू्र्वी [[भारत]] में स्थित हैदराबाद शहर [[आंध्र प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। हैदराबाद [[गोलकुंडा]] के कुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया था, जिनके शासन में [[गोलकुंडा]] ने वह महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया, जहां केवल उत्तर में [[मुग़ल काल|मुग़ल साम्राज्य]] ही उससे आगे था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैदराबाद]]
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| {"ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड' में किस स्तर की शिक्षा के साधन उपलब्ध कराने की बात कही गयी है?
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| |type="()"}
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| + प्राथमिक शिक्षा
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| - माध्यमिक शिक्षा
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| - उच्च शिक्षा
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| - स्त्री शिक्षा
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| {अविजात [[उत्तर प्रदेश]] में प्रथम कन्या गुरुकुल स्थापित है?
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| |type="()"}
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| - गुरुकुल कांगड़ी, [[हरिद्वार]] में
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| + गुरुकुल कांगड़ी, [[देहरादून]] में
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| - गुरुकुल , [[वृन्दावन]] में
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| - आर्य कन्या गुरुकुल, [[कानपुर]] में
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| {'शांतिनिकेतन' के जन्मदाता कौन है?
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| |type="()"}
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| + [[रबीन्द्र नाथ टैगोर|टैगोर]]
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| - [[महात्मा गाँधी|गाँधीजी]]
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| - [[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्द]]
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| - [[अरबिंदो घोष|अरविन्द]]
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| || [[चित्र:Rabindranath-Tagore.jpg|150px|right|रबीन्द्र नाथ टैगोर]] रबीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म [[7 मई]], [[1861]] कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के पुत्र के रूप में एक संपन्न बंगला परिवार में हुआ था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। जिन्हें 1913 में [[साहित्य]] के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] प्रदान किया गया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें- [[रबीन्द्र नाथ टैगोर]]
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| {[[अरबिंदो घोष|श्रीअरविन्द]] का [[दर्शन]] आधारित है?
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| |type="()"}
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| - प्रकृति दर्शन पर
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| - भोग दर्शन पर
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| + योग दर्शन पर
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| - वेदांत दर्शन पर
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| {मध्यकाल में प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्रदान करने वाली संस्था को कहते थे?
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| |type="()"}
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| - पाठशाला
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| - गुरुकुल
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| + मकतब
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| - मदरसा
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| {विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने शिक्षा के माध्यम के रूप में जिन भाषाओं की संस्तुति की थी वह है?
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| |type="()"}
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| - अंग्रेज़ी, हिन्दी
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| - हिन्दी, [[संस्कृत]]
| |
| + [[अंग्रेज़ी]], [[हिन्दी]] तथा एक अन्य भाषा
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| - संस्कृत, पारसी
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| {शैक्षिक अवसरों की समानता के लिए किस आयोग ने संस्तुति की थी?
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| |type="()"}
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| - माध्यामिक शिक्षा आयोग, [[1952]]
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| + भारतीय शिक्षा आयोग, [[1964]]
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| - नरेन्द्र देव समिति
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| - इनमें से कोई नहीं
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| {राष्ट्रीय एकीकरण के मार्ग में प्रमुख बाधा है?
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| |type="()"}
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| - निरक्षरता
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| - क्षेत्रवाद
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| - जातिवाद
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| + इनमें से सभी
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| {"शिक्षा द्वारा सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के उद्देश्य को अपनाया जाना चाहिए" यह विचारधारा किसकी है?
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| |type="()"}
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| + आदर्शवाद की
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| - प्रकृतिवाद की
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| - यथार्थवाद की
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| - प्रयोजनवाद की
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| </quiz> | | </quiz> |
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| | {{शिक्षा सामान्य ज्ञान}} |
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| | {{प्रचार}} |
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