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| *आग को तत्सम रूप में 'अग्नि' कहते हैं।
| | #REDIRECT[[अग्नि]] |
| *यह [[हिन्दी भाषा]] में प्रचलित शब्द है।
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| ==शब्द संदर्भ==
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| {{शब्द संदर्भ लघु
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| |हिन्दी=अग्नि, पंच तत्वों में से एक [[तत्व]], किसी चीज के जलते रहने की दशा, '''आग''' की तरह बहुत गरम, अति उष्ण। जैसे—तुम्हारी हथेली तो '''आग''' हो रही है, गरमी या ताप उत्पन्न करनेवाल, अग्र।
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| |व्याकरण=पुल्लिग, [[संज्ञा (व्याकरण|संज्ञा)]]
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| '''मुहावरा'''- आग गाड़ना- अंगारों या जलते हुए कोयलों को राख में दबाना, जिससे व अधिक समय तक जलते रहे।
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| #आग जलाना- ऐसी क्रिया करना जिससे आग उत्पन्न हो।
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| #आग जिलाना- बुझती हुई आग फिर से तेज करना या सुलगाना।
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| #आग जोड़ना- आग जलाना।
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| #आग झवाँना- दहकते हुए कोयलों का धीरे-धीरे ठंडा पड़ना या बुझने को होना।
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| #आग झाड़ना- चकमक या पत्तर की रगड़ से चिनगारियाँ उत्पन्न करना।
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| #आग दिखाना- गरम करने सुखाने आदि के लिए कोई चीज आग के पास ले जाना।
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| |उदाहरण=ताप और [[तेज]] का वह पुंज जो किसी चीज (कपड़ा कोयला लकड़ी आदि) के जलने से समय अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देता है और जिसमें से प्रायः कुछ धुआँ तथा [[प्रकाश]] निकलता रहता है।
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| |विशेष=हमारे यहाँ इसकी गिनती पाँच तत्त्वों या भूतों में हुई है, पर पाश्चात्य वैज्ञानिक इसे शक्ति मात्र मानते है। तत्त्व या भूत नहीं मानते, क्योंकि यह कोई [[द्रव्य]] या [[पदार्थ]] नहीं है।
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| |पर्यायवाची=अग्नि, अनल, पावक, दहन
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| |संस्कृत=अग्नि, आगुन, सिंह, अग
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| |अन्य ग्रंथ=
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| {{प्रचार}}
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| {{लेख प्रगति
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| |आधार=आधार1
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| |प्रारम्भिक=
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| |माध्यमिक=
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| |पूर्णता=
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| |शोध=
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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