"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास3": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
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{निम्नलिखित में से कौन सा प्रांत [[मौर्य साम्राज्य]] से बाहर था?
|type="()"}
-[[कलिंग]]
+[[असम]]
-[[कश्मीर]]
-[[सौराष्ट्र]]
||असम या आसाम उत्तर पूर्वी [[भारत]] में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सरहदी राज्य है। भारत-भूटान और भारत-[[बांग्लादेश]] सरहद कुछ हिस्सों में असम से जुडी है। यहाँ पर [[कपिली नदी]] और [[ब्रह्मपुत्र नदी]] भी बहती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[असम]]
{[[अशोक]] का सबसे छोटा स्तम्भ कौन सा है?
|type="()"}
+रूम्मिनदेई
-मास्की
-निगलीवा
-धौली
{प्रसिद्ध दस राजाओं का युद्ध-दाशराज युद्ध-किस नदी के तट पर लड़ा गया?
|type="()"}
-[[गंगा]]
-[[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]]
-[[कावेरी नदी|कावेरी]]
+परूष्णी
{[[मौर्यकाल|मौर्यकालीन]] गुफ़ाओं में सर्वाधिक प्राचीन गुफ़ा निम्न से कौन सी है?
|type="()"}
-नागार्जुनी गुफ़ा
-एलीफैण्टा की गुफ़ा
+बराबर की गुफ़ा
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
{निम्न में किस ग्रंथ में शूद्रों के लिए '[[आर्य]]' शब्द का प्रयोग हुआ है?
|type="()"}
+[[अर्थशास्त्र]]
-[[मुद्राराक्षस ग्रंथ|मुद्राराक्षस]]
-पाणिनि की अष्टाध्यायी
-बृहत्कथामंजरी
|| [[भारत]] में धार्मिक ग्रन्थों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह [[हिन्दू धर्म]] ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक ग्रन्थ है। अर्थशास्त्र ग्रन्थ के रचनाकार कौटिल्य हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[अर्थशास्त्र]]
{[[अशोक]] का सबसे लम्बा स्तम्भ लेख निम्न में से कौन सा था?
|type="()"}
-तीसरा
+सातवाँ
-तेरहवाँ
-चौथा
{[[मौर्यकाल]] में गुप्तचरों को कहा जाता था?
|type="()"}
-गुप्तचर
+गूढ़ पुरूष
-संस्था एवं संचार
-खोजी
{भूमिदान का प्रथम उल्लेख कब मिला?
|type="()"}
-[[मौर्य|मौर्यों]] के समय में
-[[शुंग|शुंगों]] के समय में
+[[सातवाहन|सातवाहनों]] के समय में
-[[गुप्त|गुप्तों]] के समय में
||सातवाहन [[भारत]] का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया। भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]] (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, आंध्र जाति (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[सातवाहन वंश]]
{वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी ने द्वितीय सदी के मध्य में [[सातवाहन]] राज्य की राजधानी किसे बनाया?
|type="()"}
-औरंगाबाद
+प्रतिष्ठान
-मदुरा
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
{[[सातवाहन|सातवाहनों]] ने आरम्भिक दिनों में अपना शासन कहाँ शुरू किया?
|type="()"}
+[[महाराष्ट्र]]
-[[सौराष्ट्र]]
-प्रतिष्ठान
-[[आन्ध्र प्रदेश]]
||महाराष्ट्र प्राचीन 16 महाजनपदों में अश्मक या अस्सक का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आसपास का माना जाता है। सम्राट [[अशोक]] के शिलालेख भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। [[महाराष्‍ट्र]] के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे जो महाराष्ट्र राज्य के संस्‍थापक थे। उन्‍होंने अपने पीछे बहुत से साहित्यिक, कलात्‍मक तथा पुरातात्विक प्रमाण छोड़े हैं। उनके शासनकाल में मानव जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर प्रगति हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[महाराष्ट्र]]
{[[पुराण|पुराणों]] के अनुसार आंध्र [[सातवाहन वंश]] ने लगभग कितने वर्षों तक शासन किया?
|type="()"}
-200 वर्षों तक
-100 वर्षों तक
+300 वर्षों तक
-150 वर्षों तक
{[[सातवाहन वंश]] का संस्थापक कौन था?
|type="()"}
-शातकर्णी
-पुलुमावी
+[[सिमुक]]
-गौतमीपुत्र शातकर्णी
||[[पुराण|पुराणों]] के अनुसार सिमुक ने [[कण्व वंश]] के अन्तिम राजा सुशर्मा को मार कर [[मगध]] के राजसिंहासन पर अपना अधिकार स्थापित किया था। इसमें तो सन्देह नहीं कि सातवाहन वंश के अन्यतम राजा ने कण्व वंश का अन्त कर मगध को अपने साम्राज्य के अंतर्गत किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[सिमुक]]
{[[कण्व वंश]] का संस्थापक कौन था?
|type="()"}
+वासुदेव
-भूमिमित्र
-सुशर्मा
-नारायण
{[[सातवाहन|सातवाहनों]] के समय में सर्वाधिक सिक्के किस [[धातु]] के बने हैं?
|type="()"}
+सीमा
-पोटीन
-[[ताँबा]]
-स्वर्ण
{[[अशोक]] द्वारा निर्मित [[सांची]] के [[स्तूप]] का आकार किस वंश के शासकों ने दुगुना करवाया?
|type="()"}
-[[कण्व वंश|कण्व]]
-[[सातवाहन वंश|सातवाहन]]
+[[शुंग वंश|शुंग]]
-[[कुषाण वंश|कुषाण]]
||[[मौर्य वंश]] का अंतिम शासक वृहद्रय था। वृहद्रय को उसके [[ब्राह्मण]] सेनापति पुष्यमित्र ने ई. पूर्व 185 में मार दिया और इस प्रकार मौर्य वंश का अंत हो गया। पुष्यमित्र ने [[अश्वमेध यज्ञ]] किया था। पुष्यमित्र ने सिंहासन पर बैठकर [[मगध]] पर [[शुंग वंश]] के शासन का आरम्भ किया। शुंग वंश का शासन सम्भवतः ई. पू. 185 ई. से पू. 100 तक दृढ़ बना रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[शुंग वंश]]
{[[भारत]] में सबसे पहले किस वंश के शासकों ने [[सोना|सोने]] के सिक्के जारी किये?
|type="()"}
-पार्थियन
-[[कुषाण वंश|कुषाण]]
-[[शक]]
+हिन्द-यवन
{सर्वप्रथम [[भारत]] में विशुद्ध [[संस्कृत भाषा]] में लम्बा अभिलेख किस राजा द्वारा जारी किया गया?
|type="()"}
-[[यवन]] राजा [[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] द्वारा
-[[पहलव]] राजा गोन्दोफिर्नस द्वारा
+[[शक]] राजा रूद्रदामन द्वारा
-[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा
{किस राजा के शासन काल में [[ईसाई धर्म]] प्रचारक 'सेंट थामस' [[भारत]] आया?
|type="()"}
-[[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]]
-रूद्रदामन
+गोन्दोफिर्नस
-[[कनिष्क]]
{[[सातवाहन]] शासकों की राजकीय भाषा क्या थी?
|type="()"}
-[[पालि भाषा|पालि]]
-[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]
+[[प्राकृत भाषा|प्राकृत]]
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
||प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब संस्कृत का महत्त्व कम होने लगा तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[प्राकृत भाषा]]
{किस [[कुषाण]] शासक ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्रायें जारी की?
|type="()"}
-कडफिसस प्रथम
+कडफिसस द्वितीय
-[[कनिष्क]]
-विमकडफिसस
{किस वंश के शासकों ने 'क्षत्रप प्रणाली' का प्रयोग किया?
|type="()"}
+[[कुषाण|कुषाणों]] ने
-हिन्द-[[यवन|यवनों]] ने
-ईरानियों ने
-[[शक|शकों]] ने
||युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम का कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[कुषाण]]
{प्राचीन [[भारत]] में सर्वप्रथम किस वंश के शासकों ने 'द्वैध शासन प्रणाली' की शुरूआत की?
|type="()"}
-[[शक|शकों]] ने
-[[गुप्त वंश|गुप्तों]] ने
+[[कुषाण|कुषाणों]] ने
-[[मौर्य|मौर्यों]] ने
||युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम का कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[कुषाण]]
{निम्न में से किस विद्वान ने [[कनिष्क]] की राजसभा को सुशोभित नहीं किया?
|type="()"}
-[[अश्वघोष]]
-[[नागार्जुन]]
-वसुमित्र
+बसुबन्धु
{सर्वप्रथम रोम के साथ किन लोगों का व्यापार प्रारम्भ हुआ?
|type="()"}
-[[कुषाण|कुषाणों]] का
+तमिलों एवं [[चेर वंश|चेरों]] का
-[[वाकाटक वंश|वाकाटकों]] का
-[[शक|शकों]] का
{प्रसिद्ध 'रेशम मार्ग' पर किस वंश के शासकों का अधिकार था?
|type="()"}
-[[मौर्य|मौर्यों]] का
-[[शक|शकों]] का
+[[कुषाण|कुषाणों]] का
-[[गुप्त वंश|गुप्तों]] का
||युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम का कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[कुषाण]]
{किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी?
|type="()"}
-ऋग्वैदिक काल
-उत्तर वैदिक काल
+धर्मशास्त्र के काल
-उत्तर-गुप्त काल
{प्राचीन भारत में 'निष्क' से जाने जाते थे?
|type="()"}
+स्वर्ण आभूषण
-[[गाय|गायें]]
-[[ताँबा|ताँबे]] के सिक्के
-[[चाँदी]] के सिक्के
{योग दर्शन के प्रतिपादक हैं?
|type="()"}
+[[पतंजलि]]
-[[महर्षि गौतम|गौतम]]
-[[जैमिनी]]
-[[शंकराचार्य]]
||पतञ्जलि योगसूत्र के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः दर्शनों ( [[न्याय दर्शन|न्याय]], [[वैशेषिक दर्शन|वैशेषिक]], [[सांख्य दर्शन|सांख्य]], योग, मीमांसा, [[वेदांत|वेदान्त]]) में से एक है। भारतीय [[साहित्य]] में [[पतञ्जलि]] के लिखे हुए 3 मुख्य ग्रन्थ मिलते हैः योगसूत्र, [[अष्टाध्यायी]] पर भाष्य, और [[आयुर्वेद]] पर ग्रन्थ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[पतंजलि]]
{[[उपनिषद]] पुस्तकें है?
|type="()"}
-[[धर्म]] पर
-योग पर
-विधि पर
+[[दर्शन]] पर 
</quiz>
|}
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06:17, 24 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण