"बकसर बिहार": अवतरणों में अंतर

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बकसर [[बिहार]] प्रदेश के शाहाबाद ज़िले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। प्राचीन काल में यह स्थान सिद्धाश्रम कहा जाता था। [[विश्वामित्र|महर्षि विश्वामित्र]] का आश्रम यहीं पर था, जहाँ [[राम]]-[[लक्ष्मण]] ने [[मारीच]]], सुबाहु आदि को मारकर ऋषि के यज्ञ की रक्षा की थी। आज भी [[गंगा]] के तट पर पुराने चरित्रवान का कुछ थोड़ा अवशेष बचा हुआ है, जो महर्षि विश्वामित्र का यज्ञस्थल है।  
'''बकसर''' [[बिहार]] प्रदेश के में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। प्राचीन काल में यह स्थान 'सिद्धाश्रम' कहा जाता था। [[विश्वामित्र आश्रम|महर्षि विश्वामित्र का आश्रम]] यहीं पर था, जहाँ [[राम]]-[[लक्ष्मण]] ने [[मारीच]], सुबाहु आदि को मार कर [[ऋषि]] के [[यज्ञ]] की रक्षा की थी। आज भी [[गंगा]] के [[तट]] पर पुराने चरित्रवान का कुछ थोड़ा [[अवशेष]] बचा हुआ है, जो [[विश्वामित्र|महर्षि विश्वामित्र]] का यज्ञस्थल है।  
==पर्यटन स्थल==
==पर्यटन स्थल==
बकसर में संगमेश्वर सोमेश्वर, चित्ररथेश्वर, रामेश्वर, सिद्धनाथ और गौरी-शंकर नामक प्राचीन मन्दिर हैं। बकसर की पंचकोशी परिक्रमा में सभी तीर्थ आ जाते हैं।
बकसर में संगमेश्वर सोमेश्वर, चित्ररथेश्वर, रामेश्वर, सिद्धनाथ और गौरी-शंकर नामक प्राचीन मन्दिर हैं। बकसर की पंचकोशी परिक्रमा में सभी [[तीर्थ]] आ जाते हैं।


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बकसर बिहार प्रदेश के में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। प्राचीन काल में यह स्थान 'सिद्धाश्रम' कहा जाता था। महर्षि विश्वामित्र का आश्रम यहीं पर था, जहाँ राम-लक्ष्मण ने मारीच, सुबाहु आदि को मार कर ऋषि के यज्ञ की रक्षा की थी। आज भी गंगा के तट पर पुराने चरित्रवान का कुछ थोड़ा अवशेष बचा हुआ है, जो महर्षि विश्वामित्र का यज्ञस्थल है।

पर्यटन स्थल

बकसर में संगमेश्वर सोमेश्वर, चित्ररथेश्वर, रामेश्वर, सिद्धनाथ और गौरी-शंकर नामक प्राचीन मन्दिर हैं। बकसर की पंचकोशी परिक्रमा में सभी तीर्थ आ जाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख