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*इसका अर्थ- माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती।
*इसका अर्थ- माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती।
;उदाहरण
;उदाहरण
परिश्रमी और योग्य व्यक्ति को परिश्रम से सब कुछ मिल सकता है, जबकि भिखारी घर-घर घूमते हैं और उनको माँगने पर भीख भी नहीं मिलती।
परिश्रमी और योग्य व्यक्ति को परिश्रम से सब कुछ मिल सकता है, जबकि भिखारी घर-घर घूमते हैं और उनको माँगने पर भीख भी नहीं मिलती।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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09:07, 9 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

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बिन माँगे मोती मिलें, माँगे मिले न भीख

  • यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
  • इसका अर्थ- माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती।
उदाहरण

परिश्रमी और योग्य व्यक्ति को परिश्रम से सब कुछ मिल सकता है, जबकि भिखारी घर-घर घूमते हैं और उनको माँगने पर भीख भी नहीं मिलती।

टीका टिप्पणी और संदर्भ